संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में ‘अझहर’ पर कार्रवाई करने के लिए अमरीका का प्रस्ताव; चीन का विरोध बरक़रार

नई दिल्ली, दि. ७ : ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना ‘मौलाना मसूद अझहर’ पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाये जायें, इसलिए अमरीका ने कोशिशें शुरू की हैं| इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य ब्रिटन, फ्रान्स इन देशों ने अपना समर्थन दिया है| लेकिन चीन ने इस बार भी इस प्रस्ताव को रोकने के लिए अपने अधिकारों का ग़लत इस्तेमाल किया| विदेशमंत्रालय के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी जा रही है| इस बार भी चीन तकनीक़ी कारणों की आड़ में आतंकवादी ‘अझहर’ का बचाव कर रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

सुरक्षा परिषदपिछले वर्ष दिसंबर महीने में भारत ने, ‘अझहर’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था| चीन ने तकनीक़ी वजह की आड़ लेकर इस प्रस्ताव को कुछ महीने के लिए रोका था| इसके बाद अब अमरीका ने ‘अझहर’ पर कार्रवाई के लिए सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव रखा है| ऐसा प्रस्ताव पेश करने के लिए अमरीका द्वारा की गई पहल की वजह से भारत की कोशिशों को बल मिला है| इससे पहले ब्रिटन और फ्रान्स इन सुरक्षा परिषदों के स्थायी सदस्य देशों ने ‘मसूद अझहर’ पर कार्रवाई की जाये, इस बात का समर्थन किया था| इस वजह से, अझहर पर कार्रवाई के प्रस्ताव को, सुरक्षा परिषद के सदस्य रहनेवाले चीन को छोड़कर सभी देशों ने समर्थन दिया है| लेकिन चीन ने इस संदर्भ में विरोध का सूर अलापते हुए अझहर को बचाने की अपनी भूमिका बरक़रार रखी है|

पिछले कुछ महीनों से, आतंकवादविरोधी कार्रवाई के सिलसिले में चीन पाकिस्तान को बारबार समझा रहा है, ऐसी खबरें प्रकाशित हुई थीं| कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने ‘जमात-उल-दवा’ के प्रमुख हफीज सईद को नजरबंद किया है| इसके पीछे भारत और अमरीका के दबाव के साथ ही, चीन का दबाव भी शामिल है, ऐसी आलोचना हुई थी| पाकिस्तानी मीडिया में इस संदर्भ में खबरें छापी गई थीं| आनेवाले समय में, चीन पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में आनेवाले प्रस्तावों का विरोध नहीं कर सकेगा, ऐसा चीन ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से सुनाया था, ऐसा इन खबरों से स्पष्ट हुआ था|
लेकिन उसके बाद भी चीन ने, भारत के ऐतराज़ को नज़रअंदाज़ करते हुए पाकिस्तान के आतंकवादियों को बचाने की भूमिका बरक़रार रखी, ऐसा दिखाई दे रहा है| इस संदर्भ में चीन के साथ चर्चा जारी है, ऐसी जानकारी भारत के विदेशमंत्रालय की ओेर से दी जा रही है|

लेकिन चीन ‘अझहर’ के सिलसिले में भारत का कहना सुनने के लिए तैयार नहीं है, ऐसा पहले भी स्पष्ट हुआ था| आनेवाले समय में भी चीन अपनी यह नीति बदलने के आसार नहीं दिखायी दे रहे हैं| इसके लिए भारत के विरोध का सामना करने की अपनी तैयारी है, ऐसे संकेत चीन की ओर से दिए जा रहे हैं| यदि चीन ने ‘अझहर’ पर की संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की कार्रवाई नहीं रोकी, तो अझहर ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकी’ घोषित होगा और उसको अपने देश में खुलेआम घूमनेफिरने की अनुमति देनेवाला पाकिस्तान ‘आतंकी देश’ घोषित होगा, ऐसा ड़र चीन को सता रहा है| इसी वजह से चीन, आतंकवादियों का समर्थन कर रहा होने के आरोप होते रहने के बावजूद भी, अझहर को बचाने की कोशिश कर रहा है|

इसके बावजूद अमरीका ने, ‘अझहर’ पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखकर चीन पर दबाव बढ़ाया है| अमरीका में आतंकवादियों के सिलसिले में कड़ी भूमिका अपनानेवाले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के प्रशासन ने ‘अझहर’ के सिलसिले में यदि आक्रामक नीति अपनाई, तो चीन के लिए इस तरह अझहर का बचाव करते रहना काफी कठिन बनेगा| इस वजह से, अमरीका ने ‘अझहर’ पर निर्बंध लगाने के सिलसिले में पेश किया प्रस्ताव भारत के लिए सकारात्मक बात साबित हो रही है|

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