अमरिका ने मांगों का स्वीकार किया तो ही अफगानिस्तान में जारी हमलें कम होंगे – तालिबानी नेता जलालुद्दीन शिन्वारी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल/इस्लामाबाद: ‘तालिबान पुरी तरह से युद्धविराम करने के लिए तैयार नही| पर, अमरिका ने अपनी मांगे स्वीकारी तो अफगानिस्तान में हो रहे हमलें कम होंगे, यह जानकारी तालिबानी नेता जलालुद्दीन शिन्वारी ने अफगान वृत्तसंस्था से की बातचीत के दौरान दी| अमरिका ने बातचीत के लिए नए से कोशिश हो रही है, तभी तालिबान ने रखा यह प्रस्ताव अमरिका की कोशिशों को झटका देनेवाला साबित हो रहा है|

अमरिका ने तालिबान के साथ बातचीत करने के लिए नियुक्त किए हुए विशेष दूत झल्मे खलिलझाद जल्द ही कतार में तालिबानी नेताओं से भेंट कर रहे है| अफगानिस्तान में स्थित अमरिकी दूतावास ने यह जानकारी साझा की| अफगानिस्तान में शुरू संघर्ष बंद करने के लिए यह बातचीत अहम होने का बयान खलिलझाद ने पहले ही दिया है| पर, अमरिका की उम्मीद के नुसार युद्धविराम करने के लिए तालिबान तैयार ना होने की बात शिन्वारी ने किए ऐलान से स्पष्ट हो रही है|

अमरिका ने तालिबान के सामने अफगानिस्तान में हो रहे हमलें पुरी तरह से बंद करने की मांग रखी है| पर, ‘तालिबान आंशिक समझौते के लिए तैयार है| इस नए समझौते के अनुसार तालिबान अफगानिस्तान में हमलों की मात्रा कम करेगा| यानी के बडे हमलें नही होंगे और महामार्ग बंद करना या शहरों पर कब्जा बंद होगा, यह बात शिन्वारी ने अफगान वृत्तसंस्था से की बातचीत के दौरान कही| पर, इसके अलावा अमरिका के समझौते की अन्य बातों पर तालिबान प्रमुख निर्णय करेंगे, यह बात शिन्वारी ने स्पष्ट की| इस वजह से तालिबान को अफगानिस्तान में युद्धविराम करना ही नही है, यह बात दिख रही है|

पिछले हफ्ते से तालिबान ने अफगानिस्तान में किए हमलों में ८० से भी अधिक लोगों की मौत हुई है| इनमें ५० से भी अधिक अफगान सैनिकों का समावेश है और कुछ अफगान सैनिकों का अपहरण किया गया होगा, यह डर भी व्यक्त किया जा रहा है| तालिबान के इन हमलों पर अफगानिस्तान में कडी आलोचना हो रही है और इस आतंकी संगठन के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत संभव ना होने का गुस्सा अफगान जनता व्यक्त कर रही है|

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