… तो सऊदी भी यूरेनियम का संवर्धन करेगा – सऊदी के राजपुत्र ‘तुर्की अल-फैजल’ का इशारा

वॉशिंग्टन: ‘पश्चिमी देशों ने ईरान को नागरी परमाणु अनुबंध के अंतर्गत युरेनियम संवर्धन  करने की अनुमति दी होगी, तो सऊदी अरेबिया भी अपने सार्वभौम अधिकार के तौर पर युरेनियम संवर्धित करे’, ऐसा सऊदी अरेबिया के राजपुत्र और गुप्तचर यंत्रणा के भूतपूर्व प्रमुख प्रिंस ‘तुर्की अल-फैझल’ ने कहा है। सऊदी के राजपुत्र ने सीधे परमाणु निर्माण की घोषणा नहीं की है, फिर भी युरेनियम का संवर्धन करके सऊदी परमाणु सज्ज हो सकता है, ऐसे संकेत प्रिंस तुर्की ने दिए हैं।

कुछ महीनों पहले अमरिका और सऊदी के बिच नागरी परमाणु अनुबंध पूरा हुआ था। इस अनुबंध के अनुसार अमरिका सऊदी को दो परमाणु परियोजनाएं निर्माण करके देने वाला है। सऊदी अरेबिया में बिजली की बढती माँग की पृष्ठभूमि पर अमरिका ने सऊदी के साथ नागरी परमाणु संबंधी अनुबंध किया है। इसमें से एक परमाणु परियोजना का निर्माण साल भर में शुरू होगा। इस अनुबंध को पूरा करने के लिए अमरिका का प्रतिनिधि मंडल और परमाणु कार्यक्रम से संबंधी अधिकारी अगले महीने में सऊदी में दाखिल होंगे। उसके पहले प्रिंस तुर्की ने संवर्धित युरेनियम का मुद्दा उपस्थित करके नया विवाद खड़ा किया है।

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प्रिंस तुर्की ने ईरान को दी छूट की याद दिलाई है। दो साल पहले अमरिका और यूरोपीय मित्र देशों ने पहल करके ईरान के साथ परमाणु अनुबंध किया था। इस परमाणु अनुबंध के अनुसार ईरान के युरेनियम संवर्धन पर अमरिका और मित्र देशों ने पाबन्दी लगाने की बात टाली थी। अमरिका ने ईरान को यह विशेष छूट देने की टीका भी इजराइल, सऊदी और अरब मित्र देशों ने की थी। उसी मुद्दे को प्रिंस तुर्की ने उपस्थित किया है। एक न्यूज़ चैनल को दिए हुए इंटरव्यू में प्रिंस तुर्की ने यह इशारा दिया है।

‘परमाणुप्रसारबंदी विधेयकों के नियमों की चौखट में रहकर ईरान को युरेनियम  संवर्धन की विशेष छूट दी है, तो उसी नियमों के आधार पर सऊदी अरेबिया को भी उसी तरह की अनुमति दी जाए। ईरान की तरह सऊदी को भी युरेनियम संवर्धित करने का सार्वभौम अधिकार है’, ऐसा प्रिंस तुर्की ने कहा है।

सऊदी अपने परमाणु प्रोजेक्ट का इस्तेमाल सिर्फ परमाणु ऊर्जा निर्माण के लिए करने वाला है, यह बात इसके पहले भी स्पष्ट की है। साथ ही युरेनियम संवर्धन मर्यादित स्वरुप में करके नागरी परमाणु अनुबंध का पालन करने की घोषणा भी की थी। लेकिन एक सीमा के बाहर युरेनियम का संवर्धन किया, तो उसका इस्तेमाल परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए किया जा सकता है। ईरान भी दी हुई छूट का गलत इस्तेमाल करके संवर्धित युरेनियम का भण्डारण बढ़ा रहा है और उसका इस्तेमाल परमाणु निर्माण के लिए कर रहा है, ऐसा आरोप सऊदी, इजराइल और मित्र देशों ने किया था। सऊदी और इजराइल के इन आरोपों को पश्चिमी देशों ने ख़ारिज किया था।

लेकिन परमाणु प्रसार बंदी का आधार लेकर ईरान को छूट दी जा रही है, तो वही छूट सऊदी भी लेने के लिए तैयार है, ऐसा सऊदी ने कहा है। प्रिंस तुर्की ने युरेनियम संवर्धन सार्वभौम अधिकार है, ऐसा कहकर परमाणु निर्माण के लिए सऊदी तैयार है, ऐसे संकेत दिए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ से  परमाणु हथियारों की खरीदारी करके ईरान के खिलाफ संघर्ष की तैयारी करने का इशारा भी, सऊदी ने इसके पहले दिया था।

‘प्रिंस तुर्की बिन फैझल’ यह सऊदी के गुप्तचर विभाग के भूतपूर्व प्रमुख, भूतपूर्व विदेश मंत्री और अमरिका में भूतपूर्व राजदूत के तैर पर कार्यरत थे। लेकिन सऊदी के वर्तमान के राजा सलमान की राजवट में प्रिंस तुर्की को मंत्री पद नहीं मिला है। लेकिन सऊदी के राजघराने के प्रभावी व्यक्तिमत्व के तौर पर प्रिंस तुर्की की पहचान है। इस वजह से प्रिंस तुर्की ने दिए इशारे की तरफ गंभीरता से देखा जा रहा है।

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