अमरीका इस्रायल-युएई ईंधन पाईपलाईन का विस्तार करेगी

शिकागो – कुछ ही दिन पहले, ‘रेड सी’ से होकर भूमध्य सागर को जोड़नेवाली ‘एलियट अश्केलॉन’ इस ईंधन पाईपलाईन के इस्तेमाल के बारे में इस्रायल और संयुक्त अरब अमिरात (युएई) के बीच ऐतिहासिक समझौता संपन्न हुआ था। इस समझौते का इस्तेमाल करके ‘एलियट-अश्केलॉन’ पाईपलाईन में अरब देशों को सहभागी करा लेने के लिए अमरीका के ट्रम्प प्रशासन के ज़ोरदार प्रयास जारी हैं। अमरीका के ऊर्जामंत्री डॅनिअल ब्रॉयलेट ने इन गतिविधियों की जानकारी दी।

us-israel-uaeअमरीका की मध्यस्थता से ‘अब्राहम समझौता’ संपन्न होने के बाद इस्रायल के प्रतिनिधिमंडल ने अक्तूबर महीने के अन्त में युएई का विशेष दौरा किया था। इस दौरे में इस्रायल तथा युएई के ईंधन निर्माण कंपनियों ने, ‘रेड सी’ और भूमध्य सागर को जोड़नेवाली ८० करोड़ कोटी डॉलर्स की ईंधन पाईपलाईन का समझौता किया था। इस समझौते के अनुसार, युएई द्वारा युरोपीय देशों को सप्लाई किये जानेवाले ईंधन की आपूर्ति इसके बाद ‘एलियट-अश्केलॉन’ पाईपलाईन के ज़रिये करने का निश्‍चित हुआ था।

us-israel-uae१९६० के दशक में इस्रायल और ईरान के तत्कालीन तानाशाह के बीच इस पाईपलाईन को लेकर सहयोग स्थापित हुआ था। उसीके साथ, रशिया का ईंधन एशियाई देशों को सप्लाई करने के लिए भी इस्रायल ने इसी पाईपलाईन का इस्तेमाल किया था। लेकिन सन १९७९ में ईरान में हुई इस्लामी क्रांति के बाद इस ईंधन पाईपलाईन का इस्तेमाल बंद हुआ था। लेकिन इस्रायल और युएई के बीच बनें सहयोग के बाद यह पाईपलाईन पुन: कार्यान्वित होनेवाली है, जिससे कि सुएझ कैनल से की जानेवाली ईंधन की यातायात पर होनेवाला खर्च बहुत ही कम होगा, ऐसा दावा किया जाता है।

us-israel-uaeअमरीका के ट्रम्प प्रशासन ने, इसी पाईपलाईन का इस्तेमाल करके ‘ट्रान्स इस्रायल पाईपलाईन’ (टीआयपीपलाईन) को विस्तारित करने के लिए गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। इस समझौते में सौदी अरब समेत जॉर्डन, ओमान, सुदान, मोरोक्को तथा पॅलेस्टिनी प्रशासन को सहभागी करा लेने के लिए ट्रम्प प्रशासन की कोशिशें जारी होने की जानकारी ब्रॉयलेट ने साझा की। ‘टीआयपीलाईन’ के कारण इस्रायल और अरब देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा, ऐसा दावा किया जाता है।

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