अमरीका के बाद भारत का फ्रेंच नौसेना के साथ होगा युद्धाभ्यास

कोची – भारतीय नौसेना ने अमरिकी विमान वाहक युद्धपोत ‘यूएसएस थिओडोर रुज़वेल्ट’ के साथ शुरू किया हुआ ‘पासेक्स’ युद्धाभ्यास खत्म होने के बाद कुछ ही घंटों के दौरान फ्रेंच युद्धपोत भारतीय नौसेना के कोची बंदरगाह में दाखिल हुए हैं। इसके बाद क्वाड़ देशों के सदस्य भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं बंगाल की खाड़ी में युद्धाभ्यास करेंगी। कोची बंदरगाह में दाखिल हुए फ्रेंच युद्धपोत भारतीय नौसेना के साथ होनेवाले युद्धाभ्यास में शामिल होंगे। यह युद्धाभ्यास इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को रोकने की दिशा में बढ़ाया गया अहम कदम साबित होता है।

फ्रेंच नौसेनाअमरिकी विमान वाहक युद्धपोत ‘यूएसएस थिओडोर रुज़वेल्ट’, ‘यूएसएस बंकर हिल’, ‘यूएसएस रसेल’ जैसे मिसाइल वाहक युद्धपोत २८ से २९ मार्च के दिन हुए ‘पासेक्स’ युद्धाभ्यास में शामिल हुए थे। इस संयुक्त युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना की ‘आयएनएस शिवालिक’ विध्वंसक एवं समुद्री गश्‍त का ‘पी-८आय’ विमान शामिल हुआ था। हिंद महासागर में हुआ यह युद्धाभ्यास काफी अहम माना जाता है। स्वतंत्र, मुक्त और सर्वसमावेशक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र भारत और अमरीका की प्राथमिकता है। दोनों देशा समान मूल्यों पर विश्वास रखते हैं, इसी वजह से यह युद्धाभ्यास बड़ा अहम साबित होता है, ऐसा बयान अमरिकी नौसेना के रिअर एडमिरल डॉ. वेरिसिमो ने किया है।

फ्रेंच नौसेना

पनडुब्बी विरोधी युद्धनीति, संयुक्त हवाई मुहिम, कमांड ऐण्ड कंट्रोल इंटिग्रेशन (सी२) का इस युद्धाभ्यास में समावेश था, यह जानकारी रिअर एडमिरल वेरिसिमो ने साझा की। इस युद्धाभ्यास के बाद अमरिकी नौसेना के युद्धपोतों का बेड़ा पैसिफिक महासागर की ओर बढ़ा। इसके कुछ ही घंटों बाद मंगलवार की सुबह फ्रेंच नौसेना के युद्धपोत भारत के कोची बंदरगाह में दाखिल हुए। इनमें हेलिकॉप्टर वाहक टोनेर और सर्कोख विध्वंसक का समावेश है। १ अप्रैल तक यह फ्रेंच युद्धपोत कोची बंदरगाह में रहेगी। बंगाल की खाड़ी में जल्द ही क्वाड देशों के युद्धाभ्यास का आयोजन होगा। इसमें शामिल होने के लिए यह युद्धपोत जल्द ही रवाना होंगे।

फ्रान्स की नौसेना द्वारा ‘ला पेरूस’ युद्धाभ्यास का आयोजन किया जाता है। इसमें क्वाड़ के अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल होंगे। अब इस युद्धाभ्यास में भारत का समावेश यानी फ्रान्स का क्वाड़ के साथ होनेवाला युद्धाभ्यास होगा। बंगाल की खाड़ी में होनेवाला यह युद्धाभ्यास चीन को दिया जा रहा इशारा है। बीते कुछ दिनों से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता में बढ़ोतरी ध्यान में रखें तो क्वाड़ एवं फ्रान्स के इस युद्धाभ्यास की अहमियत काफी बढ़ी है।

फ्रेंच नौसेना

चीन ने तैवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की तीव्रता बढ़ाई है। साथ ही फिलिपाईन्स की समुद्री सीमा में चीन के २२० से अधिक जहाज़ों ने घुसपैठ की है। इसी बीच जापान के संकाकू द्विपों के क्षेत्र में भी चीन ने घुसपैठ करने की बात सामने आयी थी। इस पर पूरे विश्‍व ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। लेकिन, इस बारे में व्यक्त की जा रही चिंता को चीन नजरअंदाज कर रहा है और अपनी आक्रामक हरकतें अधिक बढ़ा रहा है। इस वजह से चीन को रोकना आवश्‍यक है और इसके लिए क्वाड देश एवं फ्रान्स ने अपनी गतिविधियाँ शुरू की हैं। ब्रिटेन और जर्मनी ने भी अपनी नौसेनाओं को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सक्रिय करने के संकेत दिए थे।

अगले दिनों में क्वाड का सहयोग एवं इस पर यूरोपियन देशों से प्राप्त हो रहा समर्थन चीन के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। फिलहाल चीन अपनी इन चुनौतियों की परवाह ना करने के इशारे अपनी कार्रवाईयों से दे रहा है। लेकिन, चीन ने यह कार्रवाईयाँ बंद नहीं कीं तो, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का निर्णय क्वाड एवं यूरोपिय देशों को लेना होगा।

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