संयुक्त राष्ट्रसंघ के आम सभा के लिए, विदेशमंत्री सुषमा स्वराज न्युयॉर्क में दाखिल

न्यूयॉर्क: रोहिंग्या, उत्तर कोरिया, सीरिया का संघर्ष तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा आनेवाले कुछ घंटों में शुरू होकर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस आमसभा के लिए अमरिका में दाखिल हुई हैं। उस समय भारत की विदेश मंत्री कौन सा मुद्दा उपस्थित करेंगी इस पर दुनिया भर के माध्यमों की नजर टिकी है। पिछले वर्ष आमसभा में विदेश मंत्री स्वराज ने पाकिस्तान के आतंकवादी नीतियों को निशाना किया था। कश्मीर के मुद्दे पर बोलनेवाले पाकिस्तान को बलूचिस्तान में हो रहे हिंसाचार पर ध्यान दें, ऐसा स्वराज ने उस समय सुनाया था।

अमरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना और संयुक्त राष्ट्रसंघ के भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने विदेशमंत्री का स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के की आमसभा के लिए दाखिल हुए विदेशमंत्री सुषमा स्वराजने हफ्ते भर के लिए न्यूयॉर्क में रहेंगे। उस समय राष्ट्रसंघ की बैठक के व्यतिरिक्त द्विपक्षीय एवं त्रिपक्षीय बैठक में भी वह शामिल होने वाले हैं। आनेवाले कुछ घंटों में भारतीय विदेशमंत्री स्वराज अमरिका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन और जापान के विदेश मंत्री तारों कोनो के साथ द्विपक्षीय बैठक में शामिल होंगे। भारत, अमरिका और जापान के विदेश मंत्रियों की यह बैठक चीन विरोधी होने की टीका चीन के प्रसार माध्यम कर रहे हैं।

त्रिपक्षीय बैठक के बाद भारतीय विदेशमंत्री अन्य देशों के प्रतिनिधि और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बैठक में शामिल होंगे। संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुधार पर यह बैठक आयोजित होने वाली है। इस से पहले भारत ने राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में विस्तार का मुद्दा उपस्थित किया था। इसकी वजह से इस बैठक में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होंगी। चीन ने इससे पहले ही इस बैठक से मुंह मोड़ लिया है।

आने वाले शनिवार के दिन राष्ट्रसंघ की आमसभा में भारत के विदेशमंत्री कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर देश की भूमिका स्पष्ट करने वाले हैं। इसमें रोहिंग्या शरणार्थी, उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण तथा पाकिस्तान का आतंकवाद और मसूद अझहर पर होने वाली कारवाई, इन मुद्दों का समावेश है। साथ ही जागतिक तापमान बढ़त संबंधी हुए पॅरिस करार पर भी विदेश मंत्री स्वराज भारत का पक्ष व्यक्त करेंगी, ऐसी जानकारी राष्ट्रसंघ के भारत के राजदूत अकबरुद्दीन ने दी है।

विदेश मंत्री स्वराज इस बैठक के निमित्त से ट्यूनीशिया, भूतान, डेनमार्क तथा लाटविया और बोलिव्हिया के नेताओं से भी स्वतंत्र चर्चा करेंगी। ६ दिनों में भारतीय विदेशमंत्री कुल मिलाकर २० बैठक करने वाली हैं। इन में, पाकिस्तान के विदेशमंत्री ख्वाजा आसिफ के साथ किसी भी प्रकार की चर्चा ना होने की बात अकबरुद्दीन अस्पष्ट की है। दौरान भूतान के प्रधानमंत्री ‘त्शेरिंग तोगे’ के साथ विदेश मंत्री स्वराज की मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जाएगी।

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