संयुक्त राष्ट्रसंघ के उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबन्ध – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की ओर से प्रतिबंधों का स्वागत

न्यू यॉर्क/वाशिंगटन: सिर्फ महीने भर में लगातार दो अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों का परिक्षण करने वाले उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने कड़े प्रतिबन्ध लगाए हैं। इस नए प्रतिबन्ध की वजह से उत्तर कोरिया को एक तिहाई वार्षिक निर्यात गंवानी पड़ी है, जिससे उत्तर कोरिया का एक अरब डॉलर्स का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रसंघ के इस निर्णय का साथ ही इस प्रतिबन्ध के लिए चीन और रशिया ने दिए योगदान का भी स्वागत किया है।

प्रतिबन्धसंयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक में उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध के लिए मतदान पूरा हुआ। इस दौरान सुरक्षा परिषद के स्थायी साथ ही अस्थायी सदस्यों ने इन प्रतिबंधों को पुरा समर्थन दिया। इसके पहले के प्रतिबन्ध के प्रस्तावों पर रशिया और चीन ने नकाराधिकार इस्तेमाल करके इस दुविधा का चर्चा करके हल निकलने का आवाहन किया था। लेकिन शनिवार को हुए मतदान में रशिया और चीन के राजदूतों ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिये समर्थन दिया। उधर रशिया के राजदूत ‘वसीली नेबेन्झा’ ने आवाहन किया है कि, उत्तर कोरिया अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों पर रोक लगाए।

रशिया और चीन ने अपनाए इस रवैये का ट्रम्प ने स्वागत किया। साथ ही इसके आगे भी उत्तर कोरिया पर राजनितिक और आर्थिक दबाव बढाने के लिए अमरीका अपने मित्र देशों के साथ सहयोग जारी रखेगा, ऐसी घोषणा ट्रम्प ने की। लेकिन उत्तर कोरिया पर लगाए गए यह प्रतिबन्ध पर्याप्त नहीं है, ऐसी टीका अमरीका की राजदूत निकी हैले ने की है। ‘प्रतिबन्ध लगाकर हमने उत्तर कोरिया की समस्या सुलझाई है, इस गलतफैमी में न रहें। इस प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों की समस्या सुलझाने के आसपास भी हम पहुंचे नहीं हैं। अभी भी उत्तर कोरिया का खतरा कायम है और वह अधिकाधिक बढ़ रहा है’, ऐसा हैले ने कहा है।

सुरक्षा परिषद ने जाहिर किए इन प्रतिबंधों के अनुसार, उत्तर कोरिया से निर्यात होने वाले लोह, सुरमा और अन्य खनिजों के साथ साथ मच्छियों पर भी प्रतिबन्ध लगाए हैं। इसके आगे अन्य किसी भी देश में उत्तर कोरियन कर्मचारियों को रोजगार नहीं दिया जाएगा। उत्तर कोरियन सरकार अथवा संबंधित संगठन और अधिकारीयों के साथ व्यापारी संबंध प्रस्थापित करने और निवेश करने पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है। इस वजह से उत्तर कोरिया की निर्यात पर बहुत बड़ा असर हो सकता है। उत्तर कोरिया की वार्षिक निर्यात लगभग तीन अरब डॉलर्स है और इस प्रतिबन्ध की वजह से कोरियन शासन के एक अरब डॉलर्स की निर्यात पर असर पड़ने वाला है, ऐसा कहा जा रहा है।

दौरान संयुक्त राष्ट्रसंघ की इस प्रतिबन्ध की घोषणा के बाद उत्तर कोरिया ने अमरीका को नया इशारा दिया है। ‘अमरीका ने उत्तर कोरिया को परमाणु अथवा प्रतिबंधों का डर दिखाया तो, अमरीका को जलती आग की लपटों में फेंक देंगे’, ऐसी धमकी उत्तर कोरिया ने दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.