संयुक्त अरब अमीरात का ‘बराका’ परमाणु केंद्र कार्यरत हुआ

दुबई – बीते तीन वर्षों से प्रतिक्षित ‘बराका’ परमाणु केंद्र सफलता के साथ कार्यरत होने का ऐलान ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (यूएई) ने किया है। यह इस क्षेत्र की पहली परमाणु परियोजना साबित हुई है। लेकिन, इस परमाणु केंद्र की वजह से खाड़ी क्षेत्र के तनाव में और बढ़ोतरी होगी, ऐसा इशारा पश्‍चिमी विश्‍लेषक दे रहे हैं।

दक्षिण कोरिया की तकनीक पर आधारित ‘बराका’ परमाणु केंद्र के चार में से एक ऐटमी रिऐक्टर शनिवार के दिन शुरू किया गया। यह परमाणु केंद्र पूरी क्षमता से शुरू होने पर ‘यूएई’ की २५ प्रतिशत बिजली की ज़रूरत पूरी होगी, यह दावा किया जा रहा है। बराका परमाणु केंद्र शुरू होना युएई के लिए ऐतिहासिक दिन होने की प्रतिक्रिया इस देश के नेता व्यक्त कर रहे हैं। अपना यह परमाणु केंद्र पूरी तरह से नागरी उपयोग के लिए होने का बयान यूएई कर रहा है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘परमाणु ऊर्जा आयोग’ ने भी यूएई के इस केंद्र का स्वागत किया है।

लेकिन, बराका परमाणु केंद्र पर्यावरण और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने की आलोचना हो रही है। यूएई के पड़ोसी कतार ने भी यह केंद्र अपनी सुरक्षा को चुनौती देनेवाला है, यह आरोप कुछ महीने पहले किया था। यूएई के इस परमाणु केंद्र की वजह से ऐटमी रिसाव का खतरा बढ़ सकता है, ऐसी आपत्ति भी कतार ने व्यक्त की थी। इसी बीच यूएई का यह केंद्र क्षेत्रीय तनाव बढ़ानेवाला साबित होगा, यह दावा ब्रिटेनस्थित अभ्यासक पॉल डॉर्फमन ने किया है। बराका परमाणु केंद्र का निर्माण करते समय सुरक्षा का विचार नहीं किया गया है, ऐसी आलोचना डॉर्फमन ने की। इस केंद्र की सुरक्षा के लिए हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी उपलब्ध ना होने की ओर डॉर्फमन ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर पहले से ही इस क्षेत्र में तनाव बना है। अमरीका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लक्ष्य करने की तैयारी की है। तभी ईरान ने भी अपने परमाणु केंद्र की सुरक्षा के लिए तैयार होने का ऐलान किया है।

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