‘ट्रिपल तलाक’ के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल का अध्यादेश

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ट्रिपल तलाक के विरोध में अध्यादेश जारी करके यह शिक्षापात्र अपराध ठहराया है। पिछले वर्ष के दिसंबर महीने में लोकसभा में इस बारे में विधेयक मंजूर किया गया था। पर राज्यसभा में यह विधेयक मंजूरी के बिना फंसा हुआ था। उस पृष्ठभूमि पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक का प्रावधान कर के अध्यादेश जारी किया है। इसका देशभर में स्वागत हो रहा है, फिर भी कई लोगों ने इस अध्यादेश को विरोध किया है।

ट्रिपल तलाक, विरोध, केंद्रीय मंत्रिमंडल, अध्यादेश, शिक्षापात्र अपराध, नई दिल्ली, इस्लाम धर्मइस्लाम धर्म में महिलाओं को ट्रिपल तलाक के वजह से होनेवाले यातनाओं का दाखिला देकर इसके विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। इस्लाम धर्म की महिलाओं ने इसके लिए एकजुट होकर पहल की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रिपल तलाक यह प्रथा गैरकानूनी ठहराते हुए निर्णय दिया है। इस संदर्भ में संसद में विधेयक मंजूर करके उसका कानून में रूपांतर करे, ऐसी सूचना भी सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को दी थी।

पिछले वर्ष के दिसंबर महीने में लोकसभा में ट्रिपल तलाक के विरोध में विधेयक मंजूर हुआ था। उसके बाद इस विधेयक को राज्यसभा में भेजा गया था, पर उस पर सहमती ना होने से अभी तक यह विधेयक राज्यसभा में फंसा रहा और उसका कानून में रूपांतर होने की प्रक्रिया रुकी हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर केंद्र सरकार ने ट्रिपल तलाक के विरोध में इस विधेयक में प्रावधान जारी करने वाला अध्यादेश जारी किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी है।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकार परिषद में उसकी घोषणा की है। यह अध्यादेश इस्लाम धर्म या महिलाओं को न्याय देने के लिए होने की बात रविशंकर प्रसाद ने कही है। उसके अनुसार ट्रिपल तलाक देने वाले व्यक्ति को ३ वर्ष तक कारावास की सजा होगी एवं उस पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी यह। गैर जमानत पात्र अपराध होने से उसे प्रभावी तौर पर कार्यान्वित किया जाएगा, ऐसा विश्वास रविशंकर प्रसाद ने व्यक्त किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रिपल तलाक के विरोध में निर्णय देने पर भी उसके ४३० मामले सामने आए थे। इसलिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया है, ऐसी जानकारी रविशंकर प्रसाद ने दी है।

यह इस्लाम धर्म के बहनों के भविष्य का प्रश्न है। इस पर ध्यान देते हुए कोई भी इसमें राजनीति न लाये, ऐसा आवाहन रविशंकर प्रसाद ने पत्रकार परिषद में किया। इस अध्यादेश का देश भर से स्वागत हो रहा है और महिला वर्ग ने इस पर समाधान व्यक्त किया है। ट्रिपल तलाक के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने वाले इशरतजहां ने इस निर्णय पर केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया हैं। इसकी वजह से महिलाओं का शोषण रुकेगा, ऐसा विश्वास भी इशरतजहां ने व्यक्त किया है। तथा कई लोगों ने इस अध्यादेश का विरोध किया है।

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