२०१८-१९ वर्ष का वित्त संकल्प प्रस्तुत

नई दिल्ली: खेती एवं खेती से संबंधित व्यापार और ग्रामीण क्षेत्र के साथ मूलभूत सुविधा का विकास को प्राथमिकता देने वाला वित्त संकल्प केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रस्तुत किया है। उत्पाद क्षेत्र एवं रोजगार निर्मिती को बढ़ावा देने का प्रयत्न इस वित्त संकल्प द्वारा किया गया है, ऐसा वित्त मंत्री ने कहा है। देश के लगभग १० करोड़ गरीब परिवारों को ५ लाख रुपयों का आरोग्य बीमा रक्षा के तौर पर देने की घोषणा इस संकल्प की विशेषता मानी गई है।

भारतीय वित्त व्यवस्था पटरी पर आ रही है और आनेवाले वित्तीय वर्ष में भारत की निर्यात १५ प्रतिशत बढ़ेगी, ऐसा विश्वास अरुण जेटली ने वित्त संकल्प प्रस्तुत करने से पहले व्यक्त किया था। इस वित्तीय संकल्प में वित्तीय घाटा ३.३ प्रतिशत नियंत्रित करने का लक्ष्य सामने होने की बात जेटली ने कही है। ‘आयुष्यमान भारत’ इस कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग १० करोड़ गरीब परिवारों को ५ लाख का आरोग्य विमा द्वारा रक्षा देने की घोषणा वित्त मंत्री ने की है। यह वित्त संकल्प में सबसे महत्वपूर्ण घोषणा मानी जा रही है। तथा देश के तीन लोक सभा मतदार संघ में लगभग एक नया हॉस्पिटल निर्माण करने की घोषणा वित्त मंत्री ने की है।

मूलभूत सुविधाओं के लिए ५.९७ लाख करोड़ रुपयों की घोषणा कर के वित्त मंत्री ने इस निवेश का महत्व रेखांकित किया है। इसकी वजह से देश की वित्त व्यवस्था अधिक गतिमान होगी, इस पर वित्त मंत्री ने ध्यान केंद्रित किया है। ग्रामीण भाग के लिए लगभग १४ लाख करोड़ का अधिक प्रावधान किया गया है और उसमें रोजगार निर्माण, भवन निर्माण एवं बिजली जैसे आवश्यक बातों का समावेश है। तथा एक लाख करोड रुपए शिक्षा क्षेत्र के लिए घोषित किए गए हैं। तथा उद्योग क्षेत्र के बारे में महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने लगभग ढाई सौ करोड़ तक व्यापार होने वाले कंपनियों के कर में ५ प्रतिशत सहूलियत देकर यह कर २५ प्रतिशत तक लाया गया है। तथा सभी क्षेत्रों में नए कर्मचारियों को १२ प्रतिशत इतना ईपीएफ सरकार से दिया जाएगा, ऐसा वित्त मंत्री ने घोषित किया है। तथा वस्त्र उद्योग के विकास के लिए ७१४० करोड रुपयों की घोषणा की गई है।

नोटबंदी के बाद लघु उद्योग का हुआ नुकसान भरने के लिए ३७०० करोड़ का प्रावधान किया गया है। तथा उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लगभग आठ करोड़ घरों को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान होने वाला है। तथा ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के अंतर्गत नदी स्वच्छता के लिए लगभग १८७ प्रकल्पों को मंजूरी दी गई है और उसके लिए १६१७३ करोड़ों रुपए घोषित किए गए हैं।

रेलवे के प्रावधान में १३ प्रतिशत बढ़त
नई दिल्ली: इस वर्ष संकल्प में रेलवे के लिए अब तक सबसे अधिक प्रावधान किया गया है। रेलवे के लिए १.४८ करोड़ रुपयों के प्रावधान की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की है। पिछले वर्ष की तुलना में यह बात लगभग १३ प्रतिशत बढ़त होकर इसमें अधिकतम रकम रेलवे की क्षमता बढ़ाने पर खर्च की जाएगी। मुंबई की लोकल के लिए ९० किलोमीटर का विस्तार किया जाने वाला है और उसके लिए ११ हजार करोड़ों की घोषणा की गई है।

रेलवे यात्रा सुरक्षा रेल मार्ग का विस्तार तथा रेल पटरी की देखभाल एवं सुरक्षा इन बातों पर इस वर्ष वित्त संकल्प में अधिक जोर दिया जाने वाला है। रेलवे के लिए किए १.४८ करोड रुपए, उनके प्रावधान में से अधिकतम रक्कम ऐसे प्रकार के रेल की क्षमता बढ़ाने पर खर्च होने वाली है। रेलवे के लगभग सभी नेटवर्क ब्रॉडगेज करने का उद्देश्य सामने रखा गया है। उसके अनुसार ३६०० किलोमीटर के नई रेल मार्ग निर्माण का काम होने वाला है। तथा ६०० रेलवे स्थानों का आधुनिकीकरण का निर्णय लिया गया है।

आने वाले २ वर्षों में २६७ मानव रहित रेलवे क्रासिंग बंद होने वाले हैं। सभी स्थानको और रेलवे मे वाईफाई शुरू करने का लक्ष्य सामने रखा गया है। तथा सभी गाड़ियां और स्थानको के सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे, ऐसा केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने वित्तीय संकल्प के भाषण में कहा है। पिछले वर्ष ४००० किलोमीटर रेलवे लाइन इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य सामने रखा गया था। वह पूर्ण किया गया है और अब सभी रेलवे मार्ग इलेक्ट्रिफिकेशन उद्देश्य सामने रखा गया है।

मुंबई लोकल रेलवे के यात्रियों के लिए दिलासादायक खबर वित्त संकल्प में है। मुंबई लोकल रेल मार्ग का मार्ग विस्तार, पटरियों की संख्या और ट्रेन की संख्या बढ़ाने के लिए ११ हजार करोड रुपए का प्रावधान इस वित्त संकल्प में है।

 

 

 

रक्षा खर्च में ७% अधिक बढ़त

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री ने सन २०१८-१९ साल के रक्षा खर्च में ७.८१ प्रतिशत बढ़ा है। इस की वजह से यह रक्षा खर्च २ लाख ९५ हजार ५११ करोड रुपए पर गया है और उनमें बड़ी रकम रक्षा दल के आधुनिकीकरण पर खर्च होने वाली है। तथा नए शस्त्रास्त्र की खरीदारी पर जोर देने दिया जाने वाला है।

पहले पिछले वित्तीय वर्ष में रक्षा के लिए लगभग दो लाख ७४ हजार ११४ करोड रुपयों का प्रावधान किया गया था। उसमें २० हजार करोड़ की बढ़त की गई है। तथा इस रक्षा खर्च में रक्षा दल के वेतन का एवं पेंशन का समावेश नहीं है। रक्षा के लिए किए आर्थिक प्रावधान में आधुनिकीकरण एवं आद्यवतीकरण पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए तथा नए शस्त्रास्त्र की खरीदारी के लिए ९९५६३.८६ करोड़ रकम खर्च होने वाली है।

 

 

 

खेती एवं खेती से संबंधित क्षेत्रों को प्राथमिकता
नई दिल्ली: सन २०१८-१९ वर्ष के वित्त संकल्प में खेती के लिए अधिक प्रावधान किया जाएगा, ऐसा अंदाजा जताया जा रहा था। यह अंदाजा वास्तव में आया है और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के कृषि क्षेत्र के लिए बड़ा निधि उपलब्ध कर के दिया है। साथ ही किसानों का उत्पन्न बढ़ाने के लिए इस संकल्प द्वारा प्रयत्न किए जा रहे हैं, ऐसा जेटली ने स्पष्ट किया है।

इस वित्त संकल्प में खेती कर्ज के लिए लगभग ११ लाख करोड़ों रुपए इतना निधि आरक्षित किया गया है। हर जिले में विशेष खेती उत्पाद के लिए २२ हजार हाट विकसित होने वाले हैं और उस के लिए लगभग २ हजार करोड रुपयों का निधि वित्त मंत्री ने घोषित किया है। तथा अन्न, प्रक्रिया, उद्योग के लिए लगभग १४ हजार करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। तथा खेती को फायदेमंद होने वाले पशुपालन एवं मत्स्य उद्योग इन जोड़ धंधों को चालना देने के लिए लगभग १० हजार करोड़ रुपयों की घोषणा की गई है।

साथ ही देश भर में लगभग ४२ फूड पार्क निर्माण होने वाले हैं। आलू, टोमेटो और कांदा इन नाशिवंत खेती उत्पाद के दामों में उतार चढ़ाव पर नियंत्रण रखने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन’ घोषित किया जाएगा और उसके लिए ५०० करोड़ रुपयों का निधि घोषित किया गया है। साथ ही बांबू के उत्पाद बढ़ाने के लिए १२९० करोड़ रुपयों का प्रावधान राष्ट्रीय बांबू मिशन द्वारा किया गया है।

सन २०२२ तक कृषि उत्पन्न दुगना करने का उद्देश्य केंद्र सरकार ने सामने रखा है और उस दिशा में इस वित्त संकल्प में आवश्यक प्रावधान करने का दावा, केंद्रीय वित्त मंत्री ने किया है।

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