‘बिम्सटेक’ परिषद में आतंकवाद के खिलाफ़ एकमत

बाणावली, दि. १६ (वृत्तसंस्था) – गोवा में ‘ब्रिक्स’ परिषद के दौरान ही, भारत की अगुआई में ‘बे ऑफ बेंगाल इनिशिएटीव्ह फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल ऍण्ड इकॉनॉमिक कॉर्पोरेशन’ (बिम्सटेक) की बैठक का आयोजन किया गया था| पाकिस्तान का समावेश न होनेवाली इस बैठक में, सभी देशों ने आतंकवाद के खिलाफ़ कड़ा रूख़ अपनाया| सार्क परिषद का सभी देशों ने किया बहिष्कार और ‘बिम्सटेक’ को मिली सफलता, यह भारत का राजनीतिक विजय माना जा रहा है| इसी कारण दक्षिण एशियाई क्षेत्र में पाकिस्तान अकेला पड़ गया है|

‘बिम्सटेक’ ‘ब्रिक्स’ देशों की बैठक चल रहे बाणावली से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर ‘मोबोर’ में यह बैठक इतवार के दिन संपन्न हुई| भारत, श्रीलंका, बांगलादेश, नेपाल, म्यानमार, थायलंड, भूतान ये दक्षिण एशिया और आग्नेय एशियाई देश ‘बिम्सटेक’ के सदस्य हैं| बीस साल पहले ‘बिम्सटेक’ की स्थापना दक्षिण और आग्नेय एशियाई देशों के बीच व्यापारी और तक़नीकी सहयोग बढाने के लिए की गई थी| लेकिन पिछले २० सालों से निष्क्रिय रहे इस संगठन को नवसंजीवनी देने की कोशिश भारत कर रहा है| पाकिस्तान की नकारात्मक भूमिका की वजह से ‘सार्क’ असफल हो रही है और उसी समय, भारत ‘बिम्सटेक’ के द्वारा इस क्षेत्र के देशों में एकता बढ़ाने की तैयारी कर रहा है, यह दिखाई दे रहा है| इसी कारण कुछ विशेषज्ञ ‘बिम्सटेक’ को ‘सार्क’ का विकल्प मान रहे हैं|

‘बिम्सटेक’ की पृष्ठभूमि पर श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष मैत्रीपाल सिरिसेना, भूतान के राष्ट्राध्यक्ष तेशरींग तोबगे, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहाल (प्रचंड), म्यानमार की विदेश मंत्री आँग सॅन स्यू की, बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसिना ये नेता इतवार के दिन भारत में पहुँचे| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशों के राष्ट्रपमुख से व्यक्तिगत तौर पर मुलाक़ात कर द्विपक्षीय बातचीत की| इसके बाद संपन्न हुई ‘बिम्सटेक’ परिषद में, चरमपंथीय और आतंकवाद के खिलाफ़ चर्चा हुई| ‘आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता’ यह स्पष्ट रूप से जताकर, आतंकवादियों को आश्रय देनेवाले तथा उनकी आर्थिक मदद करनेवाले इनके खिलाफ ‘बिम्सटेक’ में सभी देशों में एकमत दिखाई दिया| आतंकवाद के खिलाफ ‘बिम्सटेक’ देशो में सहयोग दृढ़ करने का फ़ैसला इस वक्त किया गया| स्पष्ट रूप से हालाँकि ज़िक्र नहीं किया गया, मग़र फिर भी ये सारे संदर्भ पाकिस्तान पर उँगली दिखानेवाले साबित हो रहे हैं|

इसके अलावा सभी ‘बिम्सटेक’ देशों में, ऊर्जा, व्यापार, निवेश आदि कुल १४ क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जानेवाला है| अगले साल इस संगठन की स्थापना के बीस साल पुरे होंगे। इस पृष्ठभूमि पर सभी सदस्य देशों में मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने का फ़ैसला इस वक्त किया गया|

इन दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बिम्सटेक’ बैठक से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड और चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के साथ त्रिपक्षीय चर्चा की| नेपाल में पिछले काफ़ी समय से राजनीतिक अस्थिरता तथा आंदोलन, साथ ही, चीन और भारत के सहयोग को लेकर दिखायी दिये मतभेद इस पृष्ठभूमि पर यह त्रिपक्षीय चर्चा महत्त्वपूर्ण साबित हो रही है| लेकिन इस बैठक की अधिक जानकारी सामने नहीं आई|

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