ब्रिटेन के नए ‘ब्रेक्जिट’ प्रस्ताव को यूरोपीय देशों का विरोध – स्वतंत्र ब्रिटीश पासपोर्टस् का विवाद गंभीर मोड पर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन – ‘ब्रेक्जिट’ के मुद्दे पर ब्रिटेन में शुरू होने वाली गड़बड़ दिनों दिन अधिक ही बढ़ती जा रही हैं| यूरोप के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख देशों से ब्रिटेन पर आलोचना हा रही है और फिर भी ब्रिटेन की दुविधा वाली धारणा कायम रही हैं| इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ३० जून तक की अवधि देने का प्रस्ताव दिया हैं| परंतु इस प्रस्ताव को यूरोपीय देशों ने करारा विरोध करते हुए जर्मनी, फ्रान्स, नीदरलैण्ड, बेल्जियम और स्पेन यह देश इस विरोध में एक हुए हैं|

पिछले सप्ताह में ‘ब्रेक्जिट’ के लिए संसद में हुई वोटिंग में ‘कस्टम्स यूनियन’, ‘कॉमन मार्केट २.०’, ‘दूसरा जनमत-संग्रह’ और ‘आर्टिकल ५० रद्द करना’ ये विकल्प सामने आए थे| परंतु संसद ने यह चारों विकल्प वर्जित कर दिए थे| उसके पश्चात प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ‘ब्रेक्जिट’ के लिए ३० जून तक की अवधि मांगने के लिए महासंघ को प्रस्ताव प्रस्तुत किया था|

इस प्रस्ताव पर यूरोपीय देशों ने तीव्र नाराजगी व्यक्त की थी| ब्रिटेन ने महासंघ ने इससे पहले दिए अवसर ठुकराए थे और अबन नए प्रस्ताव में नया कुछ भी नहीं दिख रहा है, ऐसा आरोप महासंघ के प्रमुख सदस्य देशों ने किया हैं| जर्मनी, फ्रान्स, नीदरलैण्ड, बेल्जियम और स्पेन ने स्वतंत्र गठबंधन तैयार करके ब्रिटेन को फटकारा हैं|

दौरान ब्रिटेन में नए पासपोर्ट का विवाद सामने आते हुए उसमें यूरोपीय महासंघ का उल्लेख वर्जित किया हुआ दिखाई देता हैं| महासंघ के बाहर निकलने से पहले ही ब्रिटेन ने यह विधि करने से उस पर ब्रिटेन के साथ अन्य देशों से तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही हैं|

ब्रिटिश संसद के कालक्रम के कारण ब्रिटेन को किसी भी प्रस्ताव के बिना बाहर निकलना होगा, ऐसे संकेत मिल रहे हैं| परंतु यदि इस तरह से ब्रिटेन बाहर निकला तो देश को अधिक ही भयानक स्थिति का सामना करना होगा, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन के मुख्य सचिव सर सेडविल ने दी हैं| सेडविल ने सभी संसद सदस्यों को पत्र भेजा हैं| जिसमें ‘हार्ड ब्रेक्झिट’ हुआ तो ब्रिटेन में अराजकता की स्थिति निर्माण हो जाएगी, ऐसा सूचित किया हैं|

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