बेदरकार और आक्रामक रशियन गतिविधियों के खिलाफ युक्रैन को अमरीका का पूरा समर्थन प्राप्त होगा – विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन

किव्ह – ‘रशिया की बेदरकार और आक्रामक गतिविधियों के खिलाफ युक्रैन को अमरीका का पूरा समर्थन प्राप्त होगा। इसके अनुसार युक्रैन को बड़ी मात्रा में रक्षा सहायता प्रदान की जाएगी। युक्रैन की संप्रभुता, अखंडता और स्वतंत्रता के लिए अमरीका वचनबद्ध है’, ऐसा बयान विदेशमंत्री ब्लिंकन ने किया है। ब्लिंकन फिलहाल युक्रैन की यात्रा पर हैं और उनका यह दौरा रशिया की युक्रैन की सीमा पर जारी हरकतों को प्रत्युत्तर देने की योजना का हिस्सा माना जा रहा है।

रशिया ने बीते महीने युक्रैन की सीमा से जुड़े इलाकों में बड़ी मात्रा में लष्करी तैनाती की थी। रशिया ने इस क्षेत्र में लगभग एक लाख सैनिकों की तैनाती की है, ऐसे दावे सामने आए थे। रशिया की इस तैनाती में प्रगत मिसाइल, हवाई सुरक्षा यंत्रणा एवं भारी संख्या में टैंकों का समावेश होने की बात कही जा रही है। इस वजह से रशिया एक बार फिर से युक्रैन के खिलाफ बड़ा संघर्ष करने की तैयारी में होने के संकेत प्राप्त हुए थे। नाटो की बढ़ती तैनाती और युद्धाभ्यास का कारण बताकर रशिया ने अपनी तैनाती का स्पष्ट रूप से समर्थन किया था।

लेकिन, कुछ दिन पहले ही रशिया ने युक्रैन की सीमा से पीछे हटना शुरू किया होने की खबर प्राप्त हुई थी। इस वजह से रशिया नरम रवैया अपना रही है, ऐसी चर्चा भी शुरू हुई थी। इसी पृष्ठबूमि पर अमरिकी विदेशमंत्री ने युक्रैन का दौरा करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस दौरे में विदेशमंत्री ब्लिंकन ने रशिया की गतिविधियों की खुलेआम आलोचना करके अमरीका युक्रैन के साथ होने का भरोसा दिलाया है। रशियन हुकूमत हिंसा के बजाय शांति का विकल्प चुनने तक अमरीका अपने सहयोगी और भागीदार देशों की सहायता से रशिया को बड़ी कीमत चुकाने के लिए मज़बूर करेगी, यह इशारा भी ब्किंकन ने इस दौरान दिया।

ब्लिंकन क यह बयान रशिया के लिए इशारा होने की बात कही जा रही है। अमरीका यह इशारा दे रही है और ऐसे में रशिया ने युक्रैन की सीमा से पूरी तरह से वापसी नहीं की है, यह वृत्त अमरिकी अखबार ने प्रसिद्ध किया है। रशिया के ८० हज़ार सैनिक अभी भी युक्रैन की सीमा के करीब तैनात होने की बात इस दौरान कही जा रही है। रशिया की यह तैनाती अमरीका और नाटो के यूरोप में हो रहे युद्धाभ्यास पर प्रत्युत्तर देने का हिस्सा हो सकती है, यह दावा भी इस खबर में किया गया है।

अगले दो महीनों में नाटो और अमरीका यूरोप में दो बड़े युद्धाभ्यास का आयोजन कर रहे हैं और इनमें से ‘डिफेन्डर यूरोप’ नामक युद्धाभ्यास की शुरूआत मंगलवार से हुई है। इस युद्धाभ्यास में लगभग २८ हज़ार सैनिक शरीक होने की बात कही जा रही है।

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