ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते पर एकमत

मुक्त व्यापार समझौते पर एकमतलंदन/कॅनबेरा  – ब्रिटेन और ऑस्ट्रलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर एकमत हुआ होने की जानकारी दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने दी है। यह समझौता यानी ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों का नया सवेरा है, ऐसी प्रतिक्रिया ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने दी। यूरोपीय महासंघ से बाहर निकलने के बाद स्वतंत्र रूप में किया गया यह पहला ही द्विपक्षीय समझौता होने की जानकारी ब्रिटिश सूत्रों ने दी।

ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ यह समझौता यानी ब्रिटेन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के ११ देशों का समावेश होनेवाले ‘सीपीटीपीपी’ इस बहुराष्ट्रीय व्यापारी समझौते की दिशा में उठाया सफल कदम होने का दावा विश्लेषकों ने किया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने यूरोपीय महासंघ से बाहर निकलते समय ‘ग्लोबल ब्रिटन’ की घोषणा की थी। उसके पीछे, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सामरिक क्षेत्र में स्थान मजबूत करना, यह ब्रिटेन का मुख्य हेतु माना जाता है।

पिछले कुछ महीनों में ब्रिटेन ने उसके लिए तेज़ी से कदम उठाना शुरू किया दिख रहा है। जापान और कनाडा के साथ सफल व्यापारी समझौता और उसके तुरंत बाद ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के साथ व्यापारी समझौते के लिए शुरू की गई गतिविधियाँ उसीका भाग थीं। ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापारी समझौते पर एकमत होना, यह बात यहीं दर्शा रही है कि ब्रिटेन की गतिविधियों को कामयाबी मिल रही है।

मुक्त व्यापार समझौते पर एकमतदो देशों में एकमत हुए समझौते के अनुसार, आनेवाले समय में ब्रिटेन की गाड़ियाँ, बिस्कुट्स, सिरामिक्स और शराब इनकी ऑस्ट्रेलिया में निर्यात अधिक सुलभ और सस्ती होनेवाली है। उसी समय, ३५ साल से कम उम्रवाले ब्रिटिश नागरिकों को, ऑस्ट्रेलिया में प्रवास तथा काम करने के लिए होनेवाले प्रतिबंध शिथिल किए गए हैं। ऑस्ट्रेलिया से ब्रिटेन में निर्यात होनेवाले धातु, मशीन तथा कृषि से संबंधित उत्पादनों पर कर भी कम किए जानेवाले हैं।

ब्रिटेन के साथ हुए समझौते के कारण, इससे पहले यूरोपीय महासंघ ने लगाए प्रतिबंध और नियमों से ऑस्ट्रेलियन किसानों की मुक्ति होने का दावा माध्यमों द्वारा किया गया है। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच सन २०२० में २० अरब पौंड (२८.३ अरब डॉलर्स) इतना द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। ब्रिटेन के व्यापार विभाग ने जारी की जानकारी में, ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने से ब्रिटेन की निर्यात लगभग १ अरब डॉलर्स से बढ़ेगी, ऐसा दावा किया गया है।

पिछले कुछ महीनों में चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छेड़े व्यापार युद्ध के कारण ऑस्ट्रेलिया के कुछ क्षेत्रों की निर्यात को झटका लगा है। ब्रिटेन जैसे देश के साथ हुए व्यापार समझौते के कारण उसे कुछ मात्रा में राहत मिलेगी, ऐसा माना जाता है।

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