‘यूएई’ ने इस्रायल के खिलाफ़ लगाए गए आर्थिक बहिष्कार हटाने का किया ऐलान

दुबई/जेरुसलम – संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने तकरीबन तीन दशक पहले इस्रायल पर आर्थिक बहिष्कार लगाए थे वे अब हटाए गए हैं। ‘यूएई’ के राष्ट्राध्यक्ष शेख खलिफा बिन ज़येद अल नह्यान ने शनिवार के दिन इससे संबंधित अधिकृत आदेश जारी किया। दो सप्ताह पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने यूएई और इस्रायल का ऐतिहासिक शांति समझौता होने का ऐलान किया था। इसके बाद इस्रायल पर लगाए हुए बहिष्कार हटाकर यूएई ने भविष्य में राजनीतिक और आर्थिक संबंध मज़बूत करने पर जोर देने के स्पष्ट संकेत दिए हैं।

आर्थिक बहिष्कार

इस्रायल के निर्माण के बाद पैलेस्टिनी नागरिकों के हक के मुद्दे पर अरब देशों ने लगातार इस्रायल के विरोध में भूमिका अपनाकर उसका अस्तित्व मंजूर करने से इन्कार किया था। पैलेस्टिनी नागरिकों के लिए स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण होने के बाद ही इस्रायल को मंजूरी देने की नीति पर अरब देशों ने सहमति दिखाई थी। लेकिन, बीते कुछ दशकों में अरब देशों की भूमिका में बदलाव होने लगा है। वर्ष १९७९ में इजिप्ट, १९९४ में जॉर्डन और अब यूएई ने किया हुआ शांति समझौता इस बदलाव की पुष्टी करनेवाला साबित होता है। यूएई के अलावा बाहरिन और ओमान जैसे देश भी इस्रायल के साथ शांति समझौता करने के लिए उत्सुक होने की बात समझी जा रही है।

यूएई ने वर्ष १९७२ में इस्रायल पर आर्थिक बहिष्कार लगाने का ऐलान किया था और इससे संबंधित कानून भी पारित किया था। शनिवार के दिन जारी किए गए आदेश के तहत यह कानून रद किया गया है। इसी आदेश में इस्रायल के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने का भरोसा भी दर्ज़ है। यूएई से यह ऐलान हो रहा था तभी इस्रायल की ‘बैंक लेऊमी’ और यूएई की शीर्ष बैंक एमिरेट्स एनबीडी के बीच सहयोग के मुद्दे पर बातचीत शुरू होने की खबर प्रसिद्ध हुई है।

आर्थिक बहिष्कार

इसी बीच अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने घोषित किए हुए इस्रायल-यूएई शांति समझौते पर अगले महीने में अधिकृत हस्ताक्षर होंगे, यह संकेत इस्रायल के मंत्री ने दिए हैं। अगले महीने में यहूदी धर्मियों के नववर्ष की शुरूआत हो रही है और इससे पहले यूएई के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर हो, यह इच्छा इस्रायल की सरकार रखती है। अमरीका की राजधानी वॉशिंग्टन में यह कार्यक्रम होगा, ऐसी जानकारी इस्रायल के रीजनल को-ऑपरेशन मिनिस्टर ओफिर अकुनिस ने साझा की।

इस्रायल-यूएई शांति समझौते के अनुसार दोनों देश दूतावास शुरू करके व्यापार, पर्यटन, शिक्षा, वैद्यकीय एवं रक्षा क्षेत्र में सहयोग स्थापित करेंगे, यह जानकारी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने प्रदान की थी। इस्रायल और यूएई के बीच शांति स्थापित नहीं हो सकती, यह सोच कुछ लोग रख रहे थे। लेकिन, इस ऐतिहासिक समझौते की वजह से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के साथ प्रौद्योगिकी संबंधी सहयोग बढ़ेगा एवं इस क्षेत्र के अन्य देशों को भी इससे लाभ होगा, यह दावा भी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। इस समझौते को ईरान, तुर्की और पैलेस्टिनी गुटों ने कड़ा विरोध किया है और यूएई को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे, यह धमकी भी दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.