जम्मू-कश्मीर के पुंछ में ऑपरेशन नौवें दिन भी जारी

• लष्करप्रमुख जनरल नरवणे ने ऑपरेशन का जायज़ा लिया
• आतंकवादियों को मारने के लिए पैरा कमांडो उतारे गए

श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा से सटे भाटा धुरिया जंगल में जारी ऑपरेशन नौवें दिन भी शुरू था। आतंकवादियों को इस इलाके से भाग निकलने का मौका ना मिलें, इसके लिए रात को भी कार्रवाई जारी थी। हेलिकॉप्टर्स और ड्रोन्स के ज़रिए लगातार निगरानी रखी जा रही होकर, आतंकवादियों के स्थान मॉर्टर्स फेंककर ध्वस्त किए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर दौरे पर होनेवाले लष्करप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को इन सीमा चौकियों की भेंट की। साथ ही, यह ऑपरेशन जारी होनेवाले इलाके की भेंट करके उसका जायज़ा लिया और आवश्यक निर्देश दिए। यहाँ पैरा कमांडो भी उतारे गए होने की खबरें आ रही हैं।

Jammu-infrastructure-UAEजम्मू-कश्मीर का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन जम्मू में शुरू है। यहाँ के जंगल में भारी संख्या में आतंकवादी छिपे बैठे होने की संभावना जताई जाती है। इसी ऑपरेशन के दौरान अब तक नौं जवान भी शहीद हुए हैं। घना जंगल और यहाँ की प्राकृतिक गुफाओं का आधार आतंकवादियों ने छिपने के लिए लिया है। हवाई निगरानी से प्राप्त हो रही जानकारी और मिलनेवाली सूचनाओं के आधार पर इस इलाके में बड़े पैमाने पर गोलीबारी और मॉर्टर्स को फेंका जा रहा है और आतंकवादियों के ये स्थान नष्ट किए जा रहे हैं। यह ऑपरेशन जल्द से जल्द खत्म करने की सूचनाएँ लष्करप्रमुख ने दीं हैं। इसके लिए रात को भी ऑपरेशन जारी रखा गया था।

लष्करप्रमुख ने मंगलवार को, यह ऑपरेशन जहाँ जारी है, उस पुंछ के भाटा धुरिया की भेंट की। यहाँ वरिष्ठ अधिकारियों से हुई चर्चा के बाद लष्करप्रमुख ने कुछ निर्देश दिए बताए जाते हैं। यहाँ रहनेवाले नागरिकों को घर से बाहर ना निकलने की सूचनाएँ दी गईं हैं। साथ ही, कश्मीर के ज़िलों में इंटरनेट सेवा की रफ़्तार भी कम कर दी गई है। अफवाहों पर नियंत्रण रखने के लिए और रिहायशी जीवित हानि टालने के लिए ये एहतियात बरतें जा रहे हैं। लष्कर के जवान और पैरा कमांडो ने पूरे भाटा धुरिया जंगल को घेर लिया है।

जम्मू-कश्मीर में ठंड का मौसम शुरू होकर बड़े पैमाने पर बर्फ गिरने से पहले घुसपैंठ का बड़ा षड्यंत्र पाकिस्तान ने रखा है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। घुसपैंठ के लिए अब पाकिस्तान नया तरीका अपना रहा होकर, आतंकवादी गुटों में नहीं बल्कि एक-एक करके घुसपैंठ कर रहे हैं। साथ ही, बिना हथियारों के भी घुसपैंठ की जा रही है। घुसपैंठ करने के बाद इन आतंकवादियों को हथियारों की सप्लाई ड्रोन्स द्वारा की जा रही है, यह बात ध्यान में आई है।

इस ऑपरेशन में अब तक नौं भारतीय जवान शहीद हुए हैं। आतंकवादियों की कार्यपद्धति को देखते हुए, ये या तो लष्करी प्रशिक्षित आतंकवादी हैं या फिर पाकिस्तान के लष्कर के जवानों ने ही आतंकवादियों के रूप में घुसपैंठ होने की आशंका कुछ विशेषज्ञों द्वारा ज़ाहिर की जा रही है। लेकिन किसी भी हालत में आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आतंकवादियों ने बदली हुई कार्यपद्धति के अनुसार सुरक्षाबलों को अपनी व्यूह रचना भी बदलनी पड़ेगी, ऐसा भी विशेषज्ञों का कहना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.