जम्मू-कश्मीर के पुंछ में दो जवानों को वीरगति – बेगुनाह नागरिकों की हत्याओं में सहभागी आतंकवादी मुठभेड़ में ढेर

श्रीनगर – जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर उपविभाग में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में दो जवान वीरगति को प्राप्त हुए। चार ही दिन पहले जो मुंह की सीमा से सटे जंगल में आतंकवादियों ने की गोलीबारी में ५ जवान शहीद हुए थे। उसी समय श्रीनगर के बेगुनाह नागरिकों की हत्याओं में सहभागी होने वाला आतंकवादी पुलवामा में मुठभेड़ में मारा गया होने की जानकारी पुलिस ने दी है। साथ ही, श्रीनगर में भी सुरक्षा बलों की कार्रवाई में एक और आतंकवादी मारा गया। हफ्ते भर में जम्मू-कश्मीर मैं ११ आतंकवादियों को मार गिराया गया है।

jk-poonch-martyrsपुंछ जिले की सीमा से सटे विभाग में आतंकवादियों की गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद यहां पर व्यापक खोज मुहिम चलाई जा रही है। इसी खोज मुहिम के दौरान सोमवार 11 अक्टूबर को आतंकवादियों ने अचानक की गोलीबारी में एक अधिकारी समेत पांच जवान शहीद हुए थे। वही, शुक्रवार को भी ऐसी ही घटना मेंढर के नर खास जंगल में हुई। सीमा पार से घुसपैठ कर जम्मू में दाखिल हुए आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा के पास जंगल में ही सुरक्षाबलों ने घेरा है और बड़ी खोज मुहिम चलाई जा रही है।

ये आतंकवादी मुगल रोड के ज़रिए कश्मीर में घुसने की तैयारी में हैं। लेकिन सुरक्षाबलों की मुहिम के कारण उन्हें जंगल में ही छिपकर बैठना पड़ा है। पिछले दस दिनों से ये आतंकवादी इस जंगल में छिपे बैठे हैं। जंगल भाग घना होकर, वहाँ से आतंकवादियों को ढूंढ़ निकालना यह बड़ी चुनौती है। सुरक्षाबलों के जवान अलग-अलग पथक बनाकर यह खोज मुहिम चला रहे हैं। इसी बीच, शुक्रवार को आतंकवादी और सुरक्षाबलों का आमना सामना हुआ। आतंकवादियों ने अचानक की गोलीबारी में एक अधिकारी और एक जवान शहीद हुआ। ये दोनों शहीद जवान मूलतः उत्तराखंड से हैं। इस गोलीबारी के बाद आतंकवादी फिर एक बार घने जंगलों का फ़ायदा उठाते हुए वहाँ से भाग निकलने में कामयाब हुए।

पिछले कुछ दिनों से आतंकवादियों के कारनामों में वृद्धि हुई है। जम्मू विभाग के उरी, राजौरी और पुंछ इन ज़िलों में आतंकवादियों की गतिविधियाँ दिखाई दे रहीं हैं। नियंत्रण रेखा पर के ज़िलों में सीमा पार से घुसपैंठ की कोशिशें हो रहीं हैं। दो हफ़्ते पहले उरी में हुई मुठभेड़ के दौरान एक पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ा गया था।

पुंछ और राजौरी इन ज़िलों में अलग-अलग इलाकों में ऑपरेशन्स जारी हैं। इन दो ज़िलों में घुसपैंठ की घटनाएँ बढ़ी हुईं दिखाई दे रहीं हैं। पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों की घुसपैंठ के लिए सहायता किये बिना यह संभव नहीं हो सकता, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। जम्मू और कश्मीर में घुसपैंठ करवाकर आतंकवादी कारनामों का नया सिलसिला पाकिस्तान शुरू करना चाहता है। इस पृष्ठभूमि पर, हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। पाकिस्तान में घुसकर फिर से ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ करने से भारत नहीं कतरायेगा, ऐसा उन्होंने डटकर कहा था।

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