‘एनपीए’ में हुई दो लाख करोड़ रुपयों की गिरावट – दो महीनों में होगा ‘बैड बैंक’ का गठन

नई दिल्ली – देश में बैंकों के ‘एनपीए’ यानी डूबे हुए कर्ज़े की मात्रा में बड़ी गिरावट हुई है। वर्ष २०१८ से अब तक बैंकों के ‘एनपीए’ का भार दो लाख करोड़ रुपयों से कम हुआ है। केंद्र सरकार ने अपनाए विभिन्न प्रावधानों की वजह से यह मुमकिन हुआ है, ऐसा बयान केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री अनुराग ठाकूर ने राज्यसभा में किया। इसके साथ ही बैंकों के ‘एनपीए’ की समस्या का मुकाबला करने के लिए अर्थमंत्री निर्मला सितारामन ने सोमवार के दिन पेश किए बजट में ‘बैड़ बैंक’ का गठन करने का ऐलान किया था। मंगलवार के दिन अर्थ सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा ने यह जानकारी साझा की है कि, बैड़ बैंक का गठन दो महीनों में होगा।

bad-bankदेश की बैंकिंग व्यवस्था के सामने ‘एनपीए’ की समस्या संकट के तौर पर उभरी थी। इस वजह से कई बैंकों की स्थिति बड़ी कमज़ोर थी। इस समस्या का हल निकालने के लिए सरकार बीते पांच वर्षों से काम कर रही है और बैंकों को अपने ‘एनपीए’ की समस्या को लेकर पारदर्शीता रखने का इशारा दिया गया था। साथ ही ‘एनपीए’ कम करने के लिए कई प्रावधान किए गए। ‘एनपीए’ का भार अधिक होनेवाले बैंकों पर कुछ तादाद में प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। इन बैंकों को इस संकट से बाहर निकलने के लिए सरकार ने इन बैंकों को समय समय पर आर्थिक सहायता भी प्रदान की है। कुछ मामलों में बैंकों को ‘एनपीए’ खातों की पुनर्रचना करने की सुविधा भी हटाई गई थी। इसका असर दिखाई दे रहा है।

वर्ष २०१८ में भारतीय बैंकों पर कुल १०.३६ लाख करोड़ रुपयों के ‘एनपीए’ का भार था। यह भार कम होकर २०२० में ८.०८ लाख करोड़ रुपये हुआ है। ‘एनपीए’ यानी डूबे हुए कर्ज़ों के मामले में सरकार ने पारदर्शिता की नीति अपनाई है और ‘एनपीए’ कम करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में लगातार सुधार करने की प्रक्रिया जारी रखी गई है, ऐसा केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री अनुराग ठाकूर ने कहा है।

इसी बीच ‘एनपीए’ की समस्या पर सरकार ‘बैड़ बैंक’ का गठन कर रही है। केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने सोमवार के दिन पेश किए बजट में इसका ऐलान किया। केंद्र सरकार ‘बैड़ बैंक’ का गठन कर सकती है, ऐसी खबरें बीते कुछ दिनों से लगातार प्राप्त हो रही थीं। अर्थ सेवा विभाग की ओर से भी इससे संबंधित प्रस्ताव रखा गया था।

‘बैड़ बैंक’ के हाथों में ‘एनपीए’ के मामलों का ज़िम्मा दिया जाएगा और ऐसे कर्जों की वसूलने की प्रक्रिया इसी बैंक द्वारा चलाई जाएगी। फिलहाल ढ़ाई लाख करोड़ के डूबे हुए कर्जों के मामले इस बैंक को दिए जाएंगे, ऐसी खबर है। अर्थ सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा ने एक वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार में यह जानकारी साझा की कि, अगले दो महीनों में ‘बैड़ बैंक’ का गठन किया जाएगा।

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