लष्करी अड्डे की जासूसी कर रहे चीन के दो राजनयिक अधिकारियों को अमरिका ने देश के बाहर निकाला

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन/बीजिंग: व्हर्जिनिआ प्रांत में स्थित अमरिकी लष्करी अड्डे पर नजर रखने की कोशिश करने का आरोप रखकर अमरिका ने चीन के दो राजनयिक अफसरों को देश के बाहर निकाला है| अमरिका में बने चीन के दूतावास में कार्यरत इन अफसरों को निकाल बाहर करना द्विपक्षीय राजनयिक संंबंधों में सबसे बडी सनसनी साबित हुई है| चीन की जासूसी की घातक हरकतें किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नही होगी, यह स्पष्ट संदेशा अमरिका ने इस कृति से दिया है, यही दावा वरिष्ठ अधिकारी और विश्‍लेषकों ने किया है|

कुछ हफ्ते पहले अमरिका ने वॉशिंग्टन में स्थित चीन के दूतावास में काम करनेवाले दो अफसरों को देश से बाहर निकाला था| इसके बाद अमरिका ने देश के लष्करी अड्डे एवं संवेदनशील जगहों पर राजनयिक अधिकारियों से दी जारी भेट के विषय में स्वतंत्र सूचना जारी की थी| यह सूचना अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन होने की शिकायत चीन ने की थी| पर, चीन ने यह मामला पकड के नही रखा, साथ ही इस घटना का जिक्र करने से भी चीन दूर रहा है|

चीन के दूतावास में कार्यरत दो अफसरों को देश से बाहर निकालने की यह वर्ष १९८७ से हुई पहली ही कार्रवाई है| इस वजह से यह घटना ध्यान आकर्षित कर रही है| पर, उजागर तौर पर इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया दर्ज करना या बातचीत करने से दूरी रखी जाने पर इस मसले की रहस्यता और भी बढ रही है| अमरिका के शीर्ष समाचार पत्र द न्यूयॉर्क टाईम्स ने इस मामले की खबर प्रकाशित की है और इस घटना से दोनों देशों में तनाव बढ सकता है, यह संकेत भी दिए है|

द न्यूयॉर्क टाईम्स में प्रकाशित हुए वृत्त के अनुसार सितंबर महीने में चीन के दो राजनयिक अफसरों ने उनके परिवारों के साथ व्हर्जिनिआ प्रांत में स्थित अमरिकी लष्करी अड्डे को भेंट देने की कोशिश की| ‘नॉरफॉक’ क्षेत्र का यह अड्डा अमरिकी ‘स्पेशल ऑपरेशनल फोर्सेस’ के अड्डे का हिस्सा है और काफी संवेदनशील अड्डों में भी शामिल है| इस अड्डे के प्रवेशद्वार पर ही चीन के अफसरों की गाडियां रोकी गई थी|

इस दौरान चीन के इन अफसरों के हाथ में अधिकृत भेंट के लिए आवश्यक कागज ना होने की बात भी स्पष्ट हुई थी| इस वजह से उन्हें वापस लौटने की सूचना दी गई| पर, इसके बाद भी चीन के अफसरों की गाडियां इसी अड्डे के इर्द गिर्द घुमती दिखाई दी| फायर इंजिन्स ने मार्ग रोकने के बाद यह गाडियां वापिस लौटी| इस दौरान इन अफसरों ने लष्करी अड्डे पर मौजुद सैनिकों ने जारी की हुई सूचना समझ में ना आने का दावा किया| पर, इसमें सच्चाई ना होने की बात अमरिकी यंत्रणाओं ने स्पष्ट की है|

चीन के इन अफसरों में से एक अधिकारी चीन के गुप्तचर यंत्रणा के लिए काम कर रहा है, यह आशंका अमरिकी यंत्रणाओं को है| इस वजह से इस मामले में आक्रामकता दिखाकर अमरिकी विदेश विभाग ने इन दोनों अफसरों को देश के बाहर निकालने का निर्णय किया| इस घटना के कुछ हफ्ते बाद ही इन अफसरों को देश के बाहर निकाला भी गया| इस घटना पर चीन ने नाराजगी दिखाने पर उन्हें आवश्यक खुलासा दिया गया|

फिलहाल चीन ने यह मसला पकडकर नही रखा है, फिर भी उसकी नाराजगी कायम होने की बात कही जा रही है| इस घटना से अमरिका ने चीन को उचित संदेशा दिया है, यह दावा अमरिकी विश्‍लेषक एवं अधिकारी कर रहे है| पिछले वर्ष से अमरिकी संसद में चीन के गुप्तचर विभाग की व्याप्ती की पोलखोल करनेवाले कई रपट पेश किए गए है| पिछले एक दशक से भी अधिक समय से चीन की यह हरकतें जारी है और किसी भी स्थिति में जागतिक महासत्ता के तौर पर अमरिका की जगह प्राप्त करना ही इसका उद्देश्य होने की चेतावनी अमरिकी संसदीय समिती ने दी थी| इस पृष्ठभूमि पर चीन के अफसरों के विरोध में हुई कार्रवाई अहमियत रखती है|

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