सीरिया और घुसपैठी शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोपिय महासंघ और नाटो का तुर्की के साथ बना विवाद हुआ तीव्र

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

ब्रुसेल्स – यूरोपिय देशों ने सीरिया के मुद्दे पर अपनी सहायता नही की तो यूरोप में शरणार्थियों के झुंड छोडेंगे, यह धमकी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने दी थी| तभी तुर्की का ऐसे ब्लैकमेलिंग करना बर्दाश्त नही करेंगे, यह इशारा यूरोपिय देशों ने दिया था| इस पृष्ठभूमि पर ब्रुसेल्स में यूरोपिय देश और तुर्की के बीच हुई बातचीत पुरी तरह से असफल हुई है| इस बातचीत के बाद तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन माध्यमों से बातचीत किए बिना वहां से निकल गए| साथ ही सीरिया में जारी संघर्ष में नाटो तुर्की की सहायता करें, यह मांग कर रहे तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष की नाटो ने सुनी नही है| यह भी नाटो और तुर्की के बीच हुई बातचीत से स्पष्ट हुआ| इस वजह से एक ही समय पर सीरियन सेना और रशिया जैसे ताकतवर देश का मुकाबला करते समय तुर्की अलग थलग होने का चित्र फिलहाल दिख रहा है|

तुर्की की सीमा लांघकर ग्रीस के रास्ते यूरोप में घुसपैठ करने की कोशिश करनेवाले शरणार्थियों को तुर्की ने खुला छोड दिया है| इस वजह से हजारों शरणार्थी ग्रीस में प्रवेश करने के लिए आगे बढ रहे है और उन्हें रोकने के लिए ग्रीस के सैनिक कार्रवाई कर रहे है| पर, तुर्की इन शरणार्थियों को रोकने के लिए तैयार नही है| सीरिया के मुद्दे पर तुर्की को यूरोपिय देशों का साथ नही मिला तो, शरणार्थियों के झुंड स्वीकारने के लिए तैयार रहें, यह चेतावनी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने दी थी| यह धमकी सच्चाई में उतारी जा सकती है, यह संकेत तुर्की दे रहा है| इस पृष्ठभूमि पर ब्रुसेल्स में यूरोपिय देशों की तुर्की के साथ बातचीत हुई

सोमवार के दिन हुई इस बातचीत के दौरान तुर्की का कहना स्वीकार ने के लिए यूरोपिय देशों ने स्पष्ट इन्कार किया| कुछ यूरोपिय देशों ने तुर्की हमें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है, ऐसी कडी आलोचना भी होने की खबर है| वर्ष २०१६ में यूरोपिय महासंघ और तुर्की के बीच शरणार्थियों के मुद्दे पर समझौता हुआ था| शरणार्थियों को यूरोप की सीमा में दाखिल होने से रोकने की बात तुर्की ने इस समझौते के तहेत स्वीकार की थी| पर, इस बदले में तुर्की ने अरबों यूरों की मांग की थी| यह समझौता तोडने का आरोप तुर्की और यूरोपिय महासंघ एक दुसरें पर करते रहे है|

सोमवार के दिन हुई बातचीत में इस मुद्दे पर बडा विवाद हुआ और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष इस बैठक में कोई भी निर्णय होने के कारण निकल गए| इस दौरान राष्ट्राध्यक्ष माध्यमों से बातचीत करने से भी दूर रहे| इसी वजह से अगले दिनों में शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोपिय देश खास तौर पर ग्रीस और तुर्की के मतभेद अधिक बिगडने की संभावना होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| इसी बीच सीरिया में रशिया के विरोध में संघर्ष करने के लिए नाटो हमें सहायता करें, यह मांग तुर्की ने की थी| नाटो के प्रमुख ने तुर्की को सहायता प्रदान करने का वादा किया हो, फिर भी इस मोर्चे पर तुर्की के हाथ में अभी कुछ भी लगा नही है| इस कारण सीरिया में जारी रशिया विरोधी संघर्ष में तुर्की फिलहाल अलगथलग होने का चित्र दिख रहा है|

पर, ऐसा होते हुए भी रशिया जैसे ताकतवर देश को सीरिया में चुनौती देने की भाषा करनेवाला तुर्की, नाटो एवं अमरिका के समर्थन के बिना यह संघर्ष शुरू करना मुमकिन नही है, यह कहकर कुछ लोग नाटो और अमरिका से तुर्की को छुपकर सहायता प्रदान हो रही है, यह दावा कर रहे है| इस बात की अभी पुष्टी नही हुई है, फिर भी तुर्की की आक्रामकता अलग ही संकेत दे रही है, यह बात कुछ विश्लेषक कह रहे है|

 

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