सीरिया में हुई तुर्की की कार्रवाई से ‘आईएस’ का प्रभाव बढेगा – अमरिका एवं ब्रिटेन के लष्करी अधिकारियों का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरदमास्कस: उत्तरी सीरिया में की अपनी कार्रवाई आतंकियों को भगाने के लिए और शांति एवं स्थिरता के लिए होने का दावा तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन कर रहे है| लेकिन, खाडी क्षेत्र के अन्य किसी भी देश के सहयोग के बिना तुर्की ने शुरू की इस मुहीम की वजह से इस क्षेत्र में ‘आईएस’ इस आतंकी संगठन का प्रभाव फिर से बढेगा, यह डर लष्करी अधिकारी व्यक्त कर रहे है| उत्तरी सीरिया में कुर्दीश संगठनों के नियंत्रण में होनेवाले ‘आईएस’ के करीबन ११ हजार आतंकी सक्रिय हो सकते है, इस ओर भी संबंधित अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया है|

दो दिन पहले तुर्की ने ‘ऑपरेशन पीस स्प्रिंग’ नाम से उत्तरी सीरिया में लष्करी कार्रवाई शुरू की है| इस दौरान लडाकू विमान और टैंक की सहायता से जोरदार हमलें किए गए है| उत्तरी सीरिया में कुर्दों के नियंत्रण में बनाए गए सीरियन डेमोक्रैटिक फोर्सेस ने तुर्की की इस कार्रवाई को प्रत्युत्तर देने का इशारा भी दिया है| इसके लिए उनके कब्जे में होनेवाले ‘आईएस’ के आतंकियों को भी रिहा करने की संभावना होने का दावा लष्करी अधिकारी व्यक्त कर रहे है|

कुर्द संगठनों ने ‘आईएस’ के आतंकियों को रिहा किया तो यह आतंकी फिर से सीरिया में अपने सहयोगी गुटों की सहायता से संघर्ष शुरू कर सकेंगे, यह चिंता यह अधिकारी व्यक्त कर रहे है| कुर्द संगठनों के कब्जें में होनेवाले ‘आईएस’ के आतंकियों में यूरोपिय देशों के नागरिक भी है और उन्हें संबंधित देश अपनी हिरासत में ले, यह मांग लगातार की जा रही है| लेकिन, इस ओर यूरोपिय देशों ने अनदेखा किया था|

यूरोपिय देशों की इस गैरजिम्मेदाराना हरकत का झटका अब सीरिया समेत पुरे खाडी क्षेत्र को लगेगा, यह डर लष्करी अधिकारी व्यक्त कर रहे है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुर्दों के कब्जे में होनेवाले ‘आईएस’ के आतंकियों की जिम्मेदारी तुर्की की रहेगी, यह कहा था| लेकिन, तुर्की ने यह जिम्मेदारी अपने अकेले की नही है, इसमें यूरोपिय देशों का भी समावेश रहेगा, यह स्पष्ट किया था| असल में तुर्की ने इस मामले में यूरोपिय देशों के साथ किसी भी प्रकार से संपर्क नही बनाया है|

इस वजह से अगले कुछ महीनों में कुर्दों के कब्जें में होनेवाले क्षेत्र से ‘आईएस’ के आतंकियों के गुट अन्य क्षेत्र में पहुंचकर संघर्ष शुरू करेंगे, यह कहा जा रहा है| इससे पहले सीरिया में शुरू संघर्ष में तुर्की ने ‘आईएस’ से जुडे आतंकी गुटों को सहायता देने की बात सामने आयी थी| तुर्की की हुकूमत और ‘आईएस’ ने हाथ मिलाया है, यह आरोप भी किए गए थे| इस पृष्ठभूमि पर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने शुरू की हुई कार्रवाई यह उत्तरी सीरिया में हजारों ‘आईएस’ के आतंकियों को रिहा करने के लिए ही हो सकती है, यह संभावना विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है|

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