तुर्की का चलन लीरा की गिरावट कायम, यूरोपीय देशों की वित्त व्यवस्था अलर्ट पर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अंकारा – तुर्की में चुनाव को केवल २ हफ्ते बाकी होकर राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन जोरदार प्रचार कर रहे हैं। पर तुर्की के चलन लीरा की गिरावट राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के सामने संकट बनी हुई है। इससे पहले तुर्की के चलन लीरा की १५ फीसदी गिरावट हुई थी और तुर्की की महंगाई का निर्देशांक १२.५ प्रतिशत तक बढ़ा था। तुर्की के चलन में हुई इस गिरावट मे यूरोपीय देशों ने रुचि ली है और तुर्की से व्यापारी रूप से जुड़े हुए यूरोपीय देशों ने अपनी वित्त व्यवस्था अलर्ट पर रखी है।

पिछले दो हफ्तों से शुरु लीरा की गिरावट में नए विक्रम दर्ज हुए हैं। पिछले शुक्रवार को लीरा के मूल्य २.५ प्रतिशत गिरे थे। १ दिन में तुर्की के चलन में यह विक्रमी गिरावट हुई थी। इससे पहले भी पहले हफ्ते में लीरा के मूल्य डेढ़ प्रतिशत गिरे थे। तुर्की के सेंट्रल बैंक ने लीरा की गिरावट रोकने के लिए तत्काल कई निर्णय लिए थे। जिसमें वित्त व्यवस्था में २९ अरब लीरा निवेश करने का निर्णय का समावेश था। तथा ब्याज दर ३ फीसदी से बढाने की घोषणा सेंट्रल बैंक ने की थी। पर यह कोशिष लीरा की गिरावट रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हुई।

तुर्की का चलनइस दौरान तुर्की के शेयर बाजार में होनेवाली खरीदारी-बिक्री की गति की वजह से लीरा के दाम कई तादाद में सुधरने कि उम्मीद जताई जा रही है। पर तुर्की के पड़ोसी देशों में निर्माण हुए मतभेद के भी लीरा पर परिणाम होने का दावा यूरोपीय विश्लेषक कर रहे हैं। लगातार दो हफ्तों से शुरू होने लीरा की गिरावट की वजह से तुर्की में महंगाई निर्देशक उछला है। तुर्की स्टैटिस्टिक इंस्टीट्यूट ने के प्रसिद्ध के जानकारी के अनुसार मई महीने में महंगाई निर्देशक १२.५ प्रतिशत पर पहुंचा था। अप्रैल महीने की तुलना में महंगाई निर्देशांक में लगभग २ फ़ीसदी बढने से की चिंता व्यक्त की है। मई महीने में तुर्की के जीवन आवश्यक वस्तुओं कि किमते ढाई से पांच फीसदी बढी है। चुनाव के समय में भड़के हुए महंगाई का राजनैतिक झटका राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन को लग सकता है।

यह जानते हुए तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने लीरा के गिरते हुए दाम रोकने के लिए जनता को खुद के पास होने वाले विदेशी चलन का उपयोग छोड़कर लीरा में व्यवहार करने का आवाहन किया था। पर राष्ट्राध्यक्ष का आवाहन लीरा की गिरावट रोक नहीं सकता ऐसा दावा तुर्की के सरकार के कई नेता करने लगे हैं।

तुर्की की जनता में ४२ फीसदी नागरिकों को लीरा के गिरावट के लिये पाश्चात्य देश जिम्मेदार होने कि आशंका हैं। तथा तुर्की के सत्ताधारी पक्ष में लगभग ६० फ़ीसदी नेता इसके पीछे पाश्चिमात्य देश होने का दावा कर रहे हैं। तथा ब्याज दर में बदलाव के लिए आवश्यक स्वतंत्रता राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन सेंट्रल बैंक को नहीं दे रहे इसीलिए लीरा की गिरावट शुरू होने का दावा तुर्की के एवं पाश्चात्य देशों के विश्लेषक कर रहे हैं।

यह गिरावट ऐसी ही शुरू रही तो तुर्की की वित्त व्यवस्था गिर सकती है। ऐसा हुआ तो एर्दोगन सरकार के सामने नई चुनौतियां खडी रह सकती है और साथ ही उसके सीधे परिणाम तुर्की से आर्थिक एवं व्यापारी रुप से जुड़े हुए यूरोप के देशों के वित्त व्यवस्था पर हो सकते है। इसकी कल्पना आए हुए यूरोपीय देशों को अपनी वित्त व्यवस्था अलर्ट पर रखते दिखाई दे रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.