सीरियन निर्वासितों को तुर्की की नागरिकता

तुर्की राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन का ऐलान

इस्तंबूल, दि. ४ (वृत्तसंस्था) – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने, तुर्की में निवास कर रहें सीरियन निर्वासितों को तुर्की की नागरिकता देने ऐलान किया है|राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने सीरियन निर्वासितों को ‘भाई’ और ‘बहन’ संबोधित करते हुए, ‘वे तुर्की को भी अपना ही वतन मानें’ ऐसा आवाहन भी किया| तुर्की द्वारा पिछले कुछ दिनों में, युरोपीय संघ की सदस्यता पाने के प्रयास फिर से शुरू किये गये है| वहीं, दूसरी ओर इस्रायल और रशिया के साथ राजनीतिक संबंधों में सुधार लाने के लिए तेज़ गतिविधियाँ भी शुरू की गयी हैं। इसके चलते, राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन द्वारा किया हुआ ऐलान ग़ौरतलब साबित हो रहा है| पर एर्दोगन के इस ऐलान पर, तुर्की जनता तथा सीरियन विरोधी गुटों ने तीव्र नाराज़गी जतायी है|

Erdogan_Getty सीरियन

शनिवार रात को सीरियन सरहद के नज़दीक किलिस प्रांत में निर्वासितों के साथ हुए एक समारोह में तुर्की राष्ट्राध्यक्ष द्वारा नागरिकता के इस फैसले का ऐलान किया गया| उन्होंने कहा, ‘मुझे एक अच्छी बात का ऐलान करना है| तुर्की अपने सीरियन दोस्तों को तुर्की की नागरिकता पाने का अवसर दे रहा है| अगर वे चाहे, तो इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं| तुर्की आपको अपने भाई-बहन मानता है| आप अपने वतन से ज़्यादा दूर नहीं हो, सिर्फ अपना घर और ज़मीन छोडके यहाँ आये हो| लेकिन आप तुर्की को भी खुद का ही वतन समझो|’ इन शब्दों में ऐलान करते हुए राष्ट्रपति एर्दोगन ने सीरियन निर्वासितों को, हमेशा के लिए तुर्की मे बसने का प्रस्ताव दिया|

एर्दोगन ने आगे बताया कि तुर्की का अंतर्गत सुरक्षा विभाग नागरिकता के लिए जल्द प्रक्रिया का ऐलान करेगा| पर उन्होंने नागरिकता के निकष तथा कितने निर्वासितों को नागरिकता मिलेगी इसका स्पष्टीकरण देना टाल दिया है| तुर्की में इस वक्त करीब २५ लाख से ज़्यादा निर्वासित वास्तव्य कर रहे है| इनमें से हज़ारों निर्वासित युरोप में दाख़िल हो चुके है| फिर भी सीरिया में चल रही तीव्र लड़ाई की वजह से हज़ारों नये निर्वासितो तुर्की में आ रहे है|

आंतर्राष्ट्रीय एजन्सियों ने दी हुई जानकारी के अनुसार, सीरिया में चल रही लडाई की वजह से अब तक एक करोड से ज़्यादा नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है| उनमें से ४० लाख से अधिक नागरिक तुर्की, जॉर्डन, सौदी अरेबिया, लेबेनॉन जैसे देशों में निर्वासितों के रूप में बसे हुए है| इनमें तुर्की के पास सबसे ज्यादा शरणार्थी होने के बावजूद, तुर्की ने उन्हे निर्वासित का दर्जा नही दिया है| कुछ महीने पहले तुर्की और युरोपीय संघ में हुए समझौते के अनुसार, तुर्की ने अवैध रूप से युरोप जानेवाले निर्वासितों को रोकने का ज़िम्मा अपने सिर पर लिया है तथा कुछ हज़ार निर्वासित, वैध रूप में युरोपीय देशों में भेजने का भी फ़ैसला किया है|

इसके चलते, सीरियन निर्वासितों को नागरिकता देने का ऐलान सनसनी पैदा करनेवाला साबित हो रहा है| विश्‍लेषकों ने दावा किया है कि इस ऐलान के पिछे युरोपीय संघ की सदस्यता प्राप्त करने की कोशिश यह मुख्य वजह है| कुछ लोगों ने तुर्की द्वारा इस्रायल और रशिया के साथ संबंध सुधारने के प्रयासों की ओर भी निर्देश किया है| पर सीरिया में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की हुकुमत का विरोध करनेवाले गुटों ने तथा तुर्की जनता ने भी एर्दोगन के ऐलान पर नाराज़गी जतायी है|

सीरियन गुटों का दावा है कि एर्दोगन ने किये ऐलान की वजह से सीरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद तथा रशिया-अमरीका-इस्रायल ने रची साजिश को मज़बूती मिल सकती है| तुर्की जनता ने सोशल मीडियाद्वारा इस प्रस्ताव की आलोचना करना शुरू किया है| सोशल नेटवर्किंग साईट पर ‘आय डोंट वॉंट सिरियन्स इन माय कंट्री’ नाम से अभियान भी चालू हुआ है| कुछ तुर्की नागरिकों द्वारा दावा किया गया है कि अकेले राष्ट्राध्यक्ष ऐसा फैसला नही कर सकते और इस मसले पर जनमतसंग्रह होना चाहिए|

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