तुर्की ने लिबियन बागियों को धमकाया – लीबिया में फिरसे संघर्ष भड़कने की संभावना

बेंगाझी – लीबिया के हफ्तार बागियों ने संदिग्ध जहाज़ पर की हुई कार्रवाई की वजह से तुर्की आग बबूला हो गया। तुर्की के जहाज पर कार्रवाई करनेवाले हफ्तार बागियों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसी धमकी तुर्की ने दी है। तभी, लीबिया में किए युद्धविराम की परवाह किए बगैर तुर्की ने लीबिया में कान्ट्रैक्ट सैनिक और आतंकियों को भेजना जारी रखा है, यह आरोप सीरिया में स्थित मानव अधिकार संगठन ने किया है।

turkey-libyaलीबिया में छुपकर की गई कान्ट्रैक्ट सैनिकों की तैनाती और तुर्की ने हफ्तार बागियों को धमकाने की वजह से लीबिया में फिरसे संघर्ष शुरू होने के आसार बन रहे हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है।

तुर्की का समर्थन प्राप्त करनेवाली लीबिया की सराज की चरमपंथी सरकार और जनरल खलिफा हफ्तार बागियों के गुटों ने अक्तुबर में युद्धविराम किया था। इसके बाद लिबिया के इन दो गुटों का संघर्ष बंद हुआ था। लेकिन, इस युद्धविराम की आड़ में तुर्की ने लीबिया में कान्ट्रैक्ट सैनिक एवं आतंकियों की घुसपैठ करवाई है और अगले सप्ताह में अधिक कान्ट्रैक्ट सैनिकों की तैनाती करने की तैयारी की है, यह आरोप भी सीरिया की मानव अधिकार संगठन ने किया है। तुर्की ने नवंबर में 18 हज़ार सीरियन और 2,500 ट्युनिशियन कान्ट्रैक्ट सैनिकों को लीबिया भेजा था। इनमें 350 अल्पवयस्क बच्चों का भी समावेश होने पर इस संगठन ने चिंता व्यक्त की है।

इनमें से कम से कम 10 हज़ार कान्ट्रैक्ट सैनिक अब भी लीबिया में तैनात हैं, यह दावा सीरियन मानव अधिकार संगठन ने किया है। इसके अलावा तुर्की अन्य कुछ कान्ट्रैक्ट सैनिकों को लीबिया भेजने की तैयारी में होने का दावा भी इस मानव अधिकार संगठन ने दो दिन पहले ही किया था। तुर्की की सेना विमानों के ज़रिये इन कान्ट्रैक्ट सैनिकों को लीबिया में उतार रहा है, ऐसे आरोप खाड़ी क्षेत्र की एक वृत्त संस्था ने किया है। तुर्की ने इससे पहले भी यात्रियों के ज़रिये सीरिया के आतंकियों को सेना की वर्दी पहनाकर लीबिया में तैनात किए होने के वीडियो भी सामने आए थे।

turkey-libyaसीरिया के मानव अधिकार संगठन ने किया यह आरोप ताज़ा है, तभी तुर्की का कार्गो जहाज़ संदिग्ध तरीके से लीबिया की समुद्री सीमा में दाखिल हुआ। हफ्तार बागियों ने लगातार चेतावनी देकर सवाल करने के बावजूद इस जहाज़ से कुछ भी जवाब प्राप्त नहीं हुआ। इस वजह से हफ्तार बागियों ने इस जहाज़ को हिरासत में ले लिया है। हफ्तार बागियों की इस कार्रवाई पर तुर्की काफी आग बबूला हुआ है। ‘लीबिया में तुर्की के हितसंबंधों को लक्ष्य करनेवालों को जल्द ही गंभीर परिणामों का मुकाबला करना पड़ेगा’, यह धमकी तुर्की के विदेश मंत्रालय ने दी है।

इससे पहले से तुर्की ने कार्गो जहाज़ों से हथियारों की तस्करी करके यह हथियार लीबिया की सराज सरकार तक पहुँचाकर तुर्की अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है, ऐसा आरोप फ्रान्स, इजिप्ट, यूएई ने किया था। हफ्तार बागियों ने त्रिपोली बंदरगाह में खड़े तुर्की के जहाज़ पर हमले भी किए थे। तुर्की ने हथियारों की तस्करी करने के आरोप ठुकराए थे। लेकिन, लीबिया में जारी संघर्ष में सराज सरकार ने तुर्की के ड्रोन्स एवं मिसाइलों का इस्तेमाल करने से तुर्की की हरकतों की पोल खुल गई थी।

turkey-libyaतुर्की की इन विस्फोटक गतिविधियों पर पश्‍चिमी एवं खाड़ी और अफ्रिकी माध्यम चिंता व्यक्त कर रहे हैं। तुर्की की वजह से लीबिया में युद्धविराम को खतरा पहुँच सकता है। ऐसा हुआ तो तुर्की और लीबिया की सराज सरकार के खिलाफ हफ्तार बागियों को सहायता प्रदान करने के लिए रशिया, फ्रान्स, इजिप्ट, यूएई का गुट दुबारा बनेगा। इससे लीबिया में नए से संघर्ष भड़केगा, ऐसी चिंता व्यक्त की जा रही है।

इसी बीच, लीबिया की तरह तुर्की ने भारत के खिलाफ संघर्ष शुरू करने के लिए पाकिस्तान ने कब्जा किए कश्‍मीर (पीओके) में कान्ट्रैक्ट सैनिक और आतंकी भेजने की तैयारी की है, ऐसी खबरें सामने आयी थीं। इसके लिए तुर्की आतंकियों को बड़ी रकम दे रहा है, यह बात भी स्पष्ट हुई थी। इससे पहले तुर्की ने आर्मेनिया के खिलाफ जारी संघर्ष में भी सीरिया के आतंकियों को अज़रबैजान के पक्ष में लड़ने के लिए उतारा था।

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