तुर्की का अमरिका में इस्लामी राष्ट्रवाद का प्रसार – अमरिकी वेबसाईट का इल्जाम 

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वाशिंगटन – अमरिका की राजधानी वाशिंगटन के पास लगभग ११ करोड डॉलर्स का खर्च करके निर्माण किए इस्लाम धर्मियों का मस्जिद और सांस्कृतिक केंद्र का उपयोग तुर्की अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ण करने के लिए कर रहा है। इसकी चर्चा अमरिका में शुरू हुई है एक संकेतस्थल ने इस संदर्भ में तुर्की पर गंभीर आरोप किए हैं। ऑटोमन साम्राज्य की नए से स्थापना करनेवालों का उद्देश्य सामने रखे हुए तुर्की ने अमरिका में इस्लामी राष्ट्रवाद का पुरस्कार करने के लिए जोरदार गतिविधियां शुरू होने की बात इस संकेतस्थल ने अपनी खबर में कही है।

पिछले कई महीनों से तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन पाश्चिमात्य देशों के विरोध में आक्रामक भूमिका स्वीकार कर रहे हैं। अपनी सरकार के विरोध में पुकारे गए विद्रोह के पीछे पाश्चिमात्य देश होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने किया है। उस समय यूरोपीय महासंघ ने प्रवेश इनकारने की वजह से तुर्की का नेतृत्व अधिक आक्रमक हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर ऑटोमन साम्राज्य के पुनर्स्थापना का ख्वाब राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन तुर्की की  जनता को दिखा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने योजनाबद्ध गतिविधियां शुरू की है, ऐसा दावा संकेत स्थल ने किया है और इसके लिए तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष पर कड़ी आलोचना की जा रही है।

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अमरिका में कार्यरत होने वाले दियानेत सेंटर ऑफ अमरिका के नेतृत्व में देश भर में लगभग २० से अधिक मस्जिद निर्माण किए गए हैं। जिसमें तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इनसे अमरिका में इस्लामी राष्ट्रवाद का प्रसार करने का दावा अमेरिकी अभ्यासको ने किया है। तुर्की के सत्ताधारी सल्तनत का नियंत्रण होने वाली मस्जिद अब प्रार्थना की जगह न होने का दावा कोलंबिया विद्यापीठ के इंस्टिट्यूट फॉर स्टडी ऑफ ह्यूमन राइट्स में डेविड फिलिप्स ने किया है।

अमरिका के अभ्यासको तथा प्रसार माध्यमों ने तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन उनके नेतृत्व में शुरू इन कार्यवाहियों की जांच की जाए, ऐसी मांग की गई है। इसके लिए यूरोपीय देशों ने तुर्की के ऐसे स्वरूप के कार्यवाहियों के विरोध में किए कार्यवाही का दाखिला दिया गया है।

पिछले महीने में ऑस्ट्रिया ने इस्लाम धर्मियों के ७ प्रार्थना स्थल पर बंदी तथा ४० धर्मगुरु को बाहर खदेड़ने का निर्णय घोषित किया था। धर्मगुरु तुर्की के तुर्किश इस्लामिक कल्चरल एसोसिएशन इस संगठन का हिस्सा होने की बात सामने आई थी। ऑस्ट्रिया के राष्ट्राध्यक्ष कर्झ ने इसके लिए पहल की थी ।

अप्रैल महीने में तुर्की के सरकार का समर्थन होनेवाले ऑस्ट्रिया में कई प्रार्थना स्थल पर पहले महायुद्ध के संघर्ष का प्रसंग छोटे बच्चों से दिखाया गये था। इसके फोटोग्राफ्स भी प्रसिद्ध किए गए थे। इस घटना की जांच के बाद इन प्रार्थना स्थलों पर बंदी का निर्णय लिया गया है, ऐसा ऑस्ट्रिया के चांसलर कर्झ ने कहा था

 

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