अमरीका कुर्द आतंकियों को समर्थन प्रदान कर रही है – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष का आरोप

अंकारा – ‘तुर्की सच में अमरीका का नाटो सहयोगी देश है तो अमरीका आतंकवाद के विरोधी संघर्ष में तुर्की का साथ देगी। लेकिन, ऐसा ना करते हुए अमरीका तुर्की की जनता पर हमले कर रहे कुर्द आतंकियों को समर्थन प्रदान कर रही है’, ऐसा आरोप तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने लगाया है। इसके साथ ही तुर्की ने अमरीका के राजदूत को भी समन्स भेजे है। इससे पहले ओबामा प्रशासक के कार्यकाल के दौरान भी अमरीका इराक-सीरिया में मौजूद आतंकियों का समर्थक देश रहा था, यह आरोप तुर्की ने किया था।

us-kurd-turkey-erdoganइराक में बीते हफ्ते हुए आतंकी हमले में तुर्की के १३ नागरिक मारे गए। तुर्की ने आतंकी संगठन घोषित किए ‘कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी’ (पीकेके) नामक कुर्दों के संगठन ने यह हमला किया था, यह आरोप तुर्की ने लगाया है। इससे पहले तुर्की की सेना ने इराक, सीरिया की सीमा पर स्थित कुर्द संगठनों के विरोध में शुरू की हुई कार्रवाई के दौरान ‘पीकेके’ के ४८ सदस्यों को ढ़ेर किया था। इस पर प्रतिक्रिया के तौर पर ‘पीकेके’ ने अपने नागरिकों की हत्या की है, यह दावा तुर्की कर रहा है। लेकिन, मारे गए तुर्की के नागरिक नहीं थे, वे सभी तुर्की के पुलिस, सैनिक और जासूस थे, यह बयान ‘पीकेके’ ने किया है।

फिर भी इराक में हुए इस नरसंहार पर अमरीका ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। ‘यदि पीकेके ने तुर्की के नागरिकों की हत्या करने की खबरों में सच्चाई है तो अमरीका इस हमले की कड़े शब्दों में आलोचना करती है’, ऐसा अमरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है। लेकिन, अमरीका की इस प्रतिक्रिया पर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने बड़ा क्रोध व्यक्त किया है। ‘अगर और लेकिन’ की भाषा करके अमरीका तुर्की को फंसा रही है, ऐसी आलोचना राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने की है।

‘नाटो में अमरीका और तुर्की एकसाथ होते हैं तो इसके आगे भी यह एकता बरकरार रखने के लिए अमरिका को तुर्की के साथ निष्ठावान रहना होगा’, ऐसे सख्त शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अमरीका को सुनाया है। साथ ही अमरिकी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया केवल एक ढ़ोंग है। अमरीका कुर्द आतंकियों को समर्थन प्रदान कर रही है, ऐसा आरोप भी एर्दोगन ने किया। हमारे नागरिकों पर हुए इस हमले के बाद तुर्की शांत नहीं रहेगा, यह बयान भी एर्दोगन ने किया है।

us-kurd-turkey-erdoganतुर्की इसके आगे सीरिया या इराक में घुसकर आतंकियों पर कार्रवाई करेगा, यह ऐलान भी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किया। साथ ही अन्य देश इसके आगे तुर्की और आतंकियों में से किसी एक का चुनाव करें, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अमरीका को धमकाया है। तुर्की के अन्य नेता भी कुर्दों पर प्रतिशोध लेने की धमकियां दे रहे हैं। साथ ही इस हमले के मामले में पश्‍चिमी देशों ने मौन रहने की भूमिका अपनाई है, यह आलोचना भी हो रही है।

तुर्की में स्थित कुर्दों की आक्रामक संगठन ‘पीकेके’ को तुर्की ने आतंकी घोषित किया था। साथ ही इस संगठन से अपनी अखंड़ता को खतरा होने का बयान करके तुर्की ने ‘पीकेके’ के विरोध में संघर्ष शुरू किया है। अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने भी ‘पीकेके’ को आतंकी संगठन करार दिया था। लेकिन, इराक और सीरिया में मौजूद कुर्द संगठनों के साथ अमरीका का लष्करी सहयोग है। इराक में स्थित कुर्दों ने गठित किए स्वायत्त कुर्दिस्तान को अमरीका का समर्थन है। वहीं, सीरिया में जारी आतंकवाद विरोधी मुहिम के लिए अमरीका ने कुर्दों से सहयोग प्राप्त किया था।

अमरीका की इस भूमिका पर तुर्की ने क्रोध भी व्यक्त किया था। अमरीका आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए आतंकवादी संगठन की सहायता प्राप्त कर रही है, यह आरोप एर्दोगन ने किया था। ओबामा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष थे तब तुर्की ने अपनाई इस भूमिका की वजह से अमरीका और तुर्की के संबंध खराब हुए थे। बायडेन प्रशासन के कार्यकाल में भी वैसी ही स्थिति निर्माण होती दिख रही है।

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