अमरिका के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर – तुर्की की अर्थव्यवस्था को मंदी का झटका

Third World Warअंकारा: खाडी देशों के साथ इस्लामिक जगत में अपना स्थान मजबूत करने की कोशिश कर रहे तुर्की को आर्थिक मंदी का जोरदार झटका लगा है| अक्टूबर से दिसंबर २०१८ के तीन महीनों में तुर्की के आर्थिक विकास दर में २.४ प्रतिशत गिरावट हुई है| इसके पहले की तिमाही में तुर्की की अर्थव्यवस्था ने १.६ प्रतिशत गिरावट का सामना किया था| पिछले वर्ष सीरिया, ईरान और साथ ही ख्रिस्ती धर्मोपदेशक के मुद्दे पर अमरिका एवं तुर्की के संबंध बिगडे थे| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने प्रतिबंध लगाकर तुर्की को जोरदार झटका दिया था| अमरिका के इन प्रतिबंधों की वजह से तुर्की की अर्थव्यवस्था को बडा झटका लगा है, यह बात वर्तमान में तुर्की की अर्थव्यवस्था में हो रही गिरावट से स्पष्ट हुई है|

अमरिका, साथ बने, तनाव, पृष्ठभूमि, तुर्की, अर्थव्यवस्था, मंदी, झटका, अंकारातुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन इन्होंने पिछले दशक में देश पर अपनी पकड और भी पुख्ता करने के लिए कदम उठाए है और तुर्की तानाशाही की ओर बढने के संकेत प्राप्त हो रहे है| १० वर्ष प्रधानमंत्री एवं चार वर्षों से ज्यादा समय राष्ट्राध्यक्ष रहे एर्दोन इन्होंने सियासी विरोधीयों के साथ लष्कर एवं प्रसार माध्यमों से हो रहा विरोध का भी दमन करने में सफलता प्राप्त की है| तुर्की में अपनी हुकूमत बनी रखने के लिए उन्होंने देश की आर्थिक प्रगति का सफलता से इस्तेमाल किया है| इस वजह से आर्थिक मंदी का यह झटका एर्दोगन इनके लिए खतरे की घंटा साबित होगी, यह बातें हो रही है|

वर्ष २०१७ में एर्दोगन इन्होंने सरकारी वित्तीय सहायता, करों में सहुलियत एवं निवेश के बल पर देश का आर्थिक विकास दर सात प्रतिशत तक उंचाने में सफलता प्राप्त की थी| लेकिन, उसके बाद केवल एक ही वर्ष में विकास दर की बडी गिरावट हुई है| लगातार दो हफ्तें हुई इस गिरावट के लिए तुर्की की अर्थव्यवस्था में निर्माण क्षेत्र, उद्योग क्षेत्र एवं अंतर्गत मांग में हुई कटौती प्रमुख तौर पर जिम्मेदार साबित हुई है| इसके पिछे एर्दोगन इनकी गलत अर्थ नीति एवं अमरिका के साथ बिगडा विवाद कारण होने की बात सामने आ रही है|

अमरिका, साथ बने, तनाव, पृष्ठभूमि, तुर्की, अर्थव्यवस्था, मंदी, झटका, अंकाराराष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इन्होंने पिछले कुछ वर्षों में विरोधकों के उपर की कार्रवाई के दौरान अमरिकी ख्रिस्ती धर्मोपदेशक पास्टर ‘अँड्र्यू ब्रुन्सन’ इन्हें भी कारावास में बंद किया था| उन्हें रिहा करने की मांग ठुकराने से अमरिका ने तुर्की पर कडे प्रतिबंध लगाए थे| इसका सबसे अधिक झटका तुर्की का चलन लिरा एवं तुर्की में हुए विदेशी निवेश को लगा था| तुर्की के लिरा की पिछले वर्ष लगभग ५० प्रतिशत से भी अधिक मात्रा में गिरावट हुई थी|

धर्मोपदेशक के मुद्दे पर विवाद शुरू था तभी तुर्की ने अमरिका के विरोध में जाकर सीरिया में कुर्दों के विरोध में कार्रवाई शुरू की थी| साथ ही रशिया एवं ईरान के साथ नजदिकीयां बढाने की कोशिश? भी शुरू की थी| रशिया से ‘एस-४००’ हवाई यंत्रणा खरीदने के लिए किया समझौता तुर्की-अमरिका तनाव में और भी बढोतरी करने का कारण साबित हुआ है| इसी दौरान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने अमरिका अब तुर्की की अर्थव्यवस्था तहस नहस करेगी, ऐसी कडी चेतावनी भी दी थी|

इस महीने के अंत में तुर्की में ‘मेयर्स’ का चुनाव होना है और राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन एवं सत्तापक्ष के लिए यह चुनाव अहम साबित होगा, ऐसा माना जा रहा है| इसी बीच आर्थिक मंदी के आंकडे सामने आने से एर्दोगन इन्हें झटका लग सकता है, ऐसे संकेत विश्‍लेषक दे रहे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.