‘नाटो’ बैठक की पृष्ठभूमि पर अमरीका और तुर्की की बातचीत असफल होने के संकेत

अमरीका और तुर्कीबु्रसेल्स/वॉशिंग्टन/अंकारा – ब्रुसेल्स में हुई नाटो की बैठक की पृष्ठभूमि पर अमरीका और तुर्की के राष्ट्राध्यक्षों की बातचीत किसी भी तरह का हल ना निकलने की वजह से असफल होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने यह चर्चा सकारात्मक होने का बयान करके यह उम्मीद जताई है कि, तुर्की के साथ जारी संबंधों में सुधार होगा। वहीं, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने सिर्फ ऐसा बयान किया कि, यह बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई। इस बातचीत के २४ घंटों में ही तुर्की के चलन लिरा के मूल्य की २ प्रतिशत गिरावट होने की जानकारी सामने आयी है।

सोमवार के दिन तय हुई नाटो की बैठक की पृष्ठभूमि पर बायडेन और एर्दोगन की बातचीत हुई। इससे कुछ दिन पहले अमरीका के दो वरिष्ठ अफसरों ने तुर्की का दौरा किया था। इस दौरे के बाद बायडेन और एर्दोगन की बैठक के लिए अजंड़ा घोषित होने की उम्मीद जताई गई थी। तुर्की के अफसरों ने इसके संकेत भी दिए थे। लेकिन, कोई भी अजंड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया। इस वजह से इनकी बातचीत से कुछ विशेष हासिल नहीं होगा, यह दावा कुछ माध्यम और विश्‍लेषकों ने पहले ही किया था।

अमरीका और तुर्कीअमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान अमरीका के साथ ठिक संबंध रखने में एर्दोगन कामयाब हुए थे। लेकिन, सत्ता परिवर्तन होने के बाद अमरीका और तुर्की के संबंध काफी मित्रता के नही रहेंगे, यह संकेत प्राप्त होना शुरू हुआ था। बायडेन प्रसासन ने तुर्की के साथ संबंधों को सुधारने के लिए पहल करने की दिशा में किसी भी तरह के कदम नही उठाए थे। लेकिन, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने कुछ सकारात्मक बयान करके अमरीका से संबंधों में सुधार के लिए गतिविधियाँ शुरू कीं थी।

अमरीका और तुर्की के बीच सीरिया और लीबिया में जारी संघर्ष, रशिया की ‘एस-४०० यंत्रणा’, तुर्की द्वारा ईरान और पैलेस्टिन के मुद्दे पर अपनाई गई भूमिका एवं एर्दोगन द्वारा देश में विरोधियों पर हो रही कार्रवाई जैसे कई मुद्दों पर मतभेद है। इसी बीच तुर्की ने बीते कुछ वर्षों से भूमध्य समुद्री क्षेत्र में ग्रीस के खिलाफ शुरू की हुई गतिविधियों का भी इज़ाफा हुआ है। इनमें से किसी भी मुद्दे पर अमरीका की भूमिका में बदलाव ना होने के संकेत बायडेन प्रशासन ने दिए हैं। दूसरी ओर बायडेन के साथ बैठक के बाद तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने ‘एस-४००’ संबंधी नीति पर किसी भी तरह का बदलाव ना करने के संकेत दिए हैं।

इस बातचीत के कुछ ही घंटे बाद तुर्की के चलन लिरा के मूल्य की २ प्रतिशत गिरावट होने की बात सामने आयी। इस वजह से यह बातचीत असफल होने के संकेतों की एक तरह से पुष्टी होने का दावा विश्‍लेषकों ने किया है।

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