अफ़गानिस्तान से सेना हटाने का ट्रम्प ने किया हुआ निर्णय उचित – अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ

वॉशिंग्टन – ‘आतंकवाद एकमात्र अफ़गानिस्तान में निर्माण नहीं हो रहा है। इस वजह से, अफ़गानिस्तान में सेना की तैनाती रहेगी तो अमरीका सुरक्षित रहेगी, इस विचार में ना रहें। अफ़गानिस्तान से सेना हटाने का राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया हुआ निर्णय उचित ही है’, यह कहकर अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के निर्णय का समर्थन किया। इसी बीच, ट्रम्प प्रशासन अफ़गानिस्तान से सेनावापसी करने के निर्णय का समर्थन कर रहा है; वहीं, इस देश में जारी आतंकी हमलों में बढ़ोतरी होने की बात पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के विरोधक ग़ौर फ़रमा रहे हैं।

अमरीका के एक समाचार चैनल से बात करते समय विदेशमंत्री पोम्पिओ ने, अमरीका की सुरक्षा के लिए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपनाई भूमिका अधिक सुस्पष्ट थी, यह बयान किया। अफ़गानिस्तान से अमरिकी सैनिकों को सुरक्षित स्वदेश पहुँचाना भी नियोजित मुहिम थी, यह बात पोम्पिओ ने कही। अफ़गानिस्तान में तैनात अमरिकी सैनिकों की संख्या कम करके दो हज़ार करने का ऐलान राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कुछ वर्ष पहले ही किया था, इस बात की याद भी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने दिलाई।

‘जागतिक सुरक्षा को आतंकवाद से बड़ा खतरा बनता है। लेकिन, यह आतंकवाद एकमात्र अफ़गानिस्तान से नहीं आता’, यह कहकर पोम्पिओ ने, आतंकवाद का उद्गमस्थान अन्य ठिकानों पर भी होने के संकेत दिए। ‘अमरीका की सुरक्षा के लिए बने खतरें, इसके आगे भी सामने आते रहेंगे। इसके लिए अमरीका ने खाड़ी क्षेत्र में अपनी भूमिका अधिक प्रभावी की है’, यह बात अमरिकी विदेशमंत्री ने स्पष्ट की। ट्रम्प ने अपनाई भूमिका की वजह से ही आज हम अमरीका में सुरक्षित हैं और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की भूमिका मात्र अफ़गानिस्तान तक सीमित नहीं है’, यह बयान भी पोम्पिओ ने किया है।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, अफ़गानिस्तान में तैनात सेना हटाने से संबंधित किए निर्णय का उनके विरोधकों ने कड़ा विरोध किया है। नाटो के प्रमुख जेम्स स्टोल्टनबर्ग ने भी, अमरिकी सेनावापसी की वजह से युरोपिय देशों की सुरक्षा के लिए अधिक खतरा निर्माण होगा, यह बयान स्टोल्टनबर्ग ने किया था। इस पृष्ठभूमि पर पोम्पिओ ने, आतंकवाद मात्र अफ़गानिस्तान तक सीमित ना होने की बात स्पष्ट की।

कुछ दिन पहले जिनेवा में हुई बैठक में भी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने, अफ़गानिस्तान में तैनात सेना की वापसी का समर्थन किया था। साथ ही, इस देश में शांति और सुरक्षा के लिए पड़ोसी देशों के साथ चर्चा जारी होने का ऐलान भी किया था। साथ ही, कतार में अफ़गान सरकार और तालिबान की जारी चर्चा का समर्थन भी उन्होंने किया था। इसी बीच, ज्यो बायडेन अमरीका के राष्ट्राध्यक्षपद की ज़िम्मेदारी स्वीकारने से पहले, अफ़गानिस्तान में तैनात कम से कम दो हज़ार अमरिकी सैनिक स्वदेश लौट रहें हैं।

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