सीरिया से सेना हटाने के निर्णय का राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया समर्थन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: ‘खाडी क्षेत्र के युद्ध में अमरिका ने अबतक आठ टिलियन्स डॉलर्स से भी अधिक रकम बर्बाद की है| इस युद्ध में हमारें हजारों शूर सैनिक बलि हुए है| अमरिका ने इस निरर्थक युद्ध में शामिल होकर अपना बडा नुकसान किया है| सामुहिक संहार के हथियारों की झुठी खबरों की सहायता से खाडी क्षेत्र में युद्ध शुरू किए गए| लेकिन, अब अमरिका पूरे ध्यान से खाडी क्षेत्र में तैनात अपनी सेना हटा रही है| अब हमारा अमरिका को ही महान बनाना यही प्रमुख लक्ष्य रहेगा’, इन सटिक शब्दों में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी भूमिका रखी है|

सीरिया से अमरिकी सेना की वापसी करने संबंधी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किए निर्णय पर अमरिका से आलोचना हो रही है| इस वापसी के साथ ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कुर्दों का विश्‍वासघात किया है, यह आरोप डेमोक्रैट के वरिष्ठ नेता कर रहे है| इस वजह से ‘आईएस’ फिर से सीरिया में सीर उठाएगी, यह चेतावनी अमरिका के प्रमुख माध्यम दे रहे है| लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प सीरिया से सेना वापिस बुलाने के निर्णय पर कायम है| खास बात यह है की, सीरिया समेत अन्य खाडी देशों में सेना उतारने की और ऐसे बेवजह युद्ध में शामिल होने की अमरिका को जरूरत नही थी, यह कहकर ट्रम्प ने पहले के नेतृत्व पर फटकार लगाई|

इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने वर्ष २००३ में शुरू किए इराक युद्ध का दाखिला दिया| इराक के भूतपूर्व तानाशाह सद्दाम हुसेन ने सर्वसंहारक हथियार छुपाए है, यह आरोप करके अमरिका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज बुश ने इराक में सेना उतारी थी| लेकिन, कुछ समय बाद सर्वसंहारक हथियारों का दावा झुठ होने की बात दुनिया के सामने स्पष्ट हुई थी, इसकी याद भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिलाई| इस तरह से खाडी में सेना भेजने का निर्णय भयंकर था, यह आलोचना राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने की है|

अब यह गलती सुधारने का समय है और अमरिका धीरे धीरे और पूरे ध्यान से खाडी से सेना हटा रही है| अमरिका को पहले से भी अधिक महान करना, यही हमारा मुख्य लक्ष्य है’, ऐसा ट्रम्प ने कहा है| ट्रम्प यह दावा कर रहे है, फिर भी अमरिका के सियासी दायरे में इस निर्णय पर आलोचना हो रही है| खास तौर पर अमरिका को ‘आईएस’ विरोधी युद्ध में साथ करनेवाले सीरियन कुर्दों को ट्रम्प ने बेसहारा छोडा है, ऐसा अमरिकी नेताओं का कहना है| लेकिन, पहले प्रदान की हुई सहायता के बदले में अमरिका ने कुर्दों को पैसा और हथियार दिए थे| अगले समय में भी अमरिका कुर्दों को बेसहारा नही छोडेगी और तुर्की को एक मर्यादा के बाहर कार्रवाई करने नही देगी, यह वादा ट्रम्प ने किया था|

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