राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प द्वारा इस्रायली प्रधानमंत्री को अमरीका दौरे का निमंत्रण

वॉशिंग्टन/जेरूसलेम, दि. २३ : शपथग्रहण समारोह के दूसरे ही दिन अमरीका के नये राष्ट्राध्यक्ष ने इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू से फोन पर चर्चा की| इस वक्त, राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस्रायली प्रधानमंत्री को अमरीका दौरे का निमंत्रण दिया| बराक ओबामा के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच के संबंध तनावपूर्ण बन गये थे| ये संबंध नये सिरे से दृढ़ करने को मैं प्राथमिकता दूँगा, ऐसा वचन ट्रम्प ने दिया था| साथ ही, इस्रायल के तेल अविव में बसा अमरिकी दूतावास जेरूसलेम में स्थानांतरित करने की घोषणा करते हुए, इस शहर पर रहनेवाले इस्रायल के नियंत्रण को स्वीकृति देने के संकेत ट्रम्प ने दिए थे| इस पृष्ठभूमि पर, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और इस्रायली प्रधानमंत्री में हुई चर्चा सभी का ग़ौर फ़रमानेवाली है|

अमरीका दौरे का निमंत्रणपिछले हफ़्ते अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष पद की कमान हात में लेने के बाद ट्रम्प ने, रविवार को इस्रायली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू से चर्चा की| इस्रायली प्रधानमंत्री के साथ अच्छी चर्चा हुई, ऐसी जानकारी ट्रम्प ने व्हाईट हाऊस में इकट्ठा हुए पत्रकारों को दी|

अमरीका और इस्रायल के संबंध अधिक दृढ बनाने के लिए कोशिश करने का मुद्दा सबसे अग्रक्रम पर था| आखात की सुरक्षा और स्थिरता इस मसले पर भी दोन्ही नेताओं में चर्चा हुई, ऐसी जानकारी व्हाईट हाऊस ने दी|

क्या अमरीका का इस्रायलस्थित दूतावास और अमरीका ने ईरान के साथ किया हुआ परमाणुसमझौता, इन विवादास्पद विषयों पर इस्रायली प्रधानमंत्री से चर्चा हुई, इस सवाल पर जानकारी देना राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उचित नहीं समझा| लेकिन उनका इस विषय पर चुप्पी साधना सूचक दिखाई दे रहा है| ‘मैं राष्ट्राध्यक्षपद पर आने के बाद अमरीका का इस्रायल के तेल अविव स्थित दूतावास जेरूसलेम में बसाऊँगा’ ऐसी घोषणा ट्रम्प ने अपनी चुनावप्रचार मुहिम के दौरान की थी| साथ ही, संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षापरिषद में, इस्रायल के विवादास्पद निर्माण विरोधी प्रस्ताव को मंज़ुरी मिलने पर ट्रम्प ने, तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा की कड़ी आलोचना की थी|

‘मैं अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर इस्रायल की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध रहूँगा’ ऐसा कहते हुए ट्रम्प ने, अपनी नीति इस्रायल के समर्थन में होगी, ऐसे स्पष्ट किया था| साथ ही, ‘ईरान के साथ अमरीका ने किया हुआ परमाणु समझौता मैं तोड़ दूँगा’ ऐसा दावा भी ट्रम्प ने किया था|

चुनाव के दौरान की गयीं इन घोषणाओं को वास्तविकता में उतारने के लिए क्या ट्रम्प कदम उठाएँगे, ऐसा सवाल दुनियाभर के निरीक्षक पूछ रहे हैं| ट्रम्प यदि यह फ़ैसलें करते हैं, तो फिर इसके भीषण परिणाम आखाती देशों में दिखाई देंगे, ऐसी चेतावनी आखाती देशों के साथ ही, अमरीका के मान्यवर नेताओं और विशेषज्ज्ञों ने दी थी| वहीं, कुछ विशेषज्ज्ञ, ‘चुनावप्रचार मुहिम की घोषणाएँ और राष्ट्राध्यक्षपद पर आने के बाद किए जानेवाले फ़ैसलें, ये दो अलग-अलग चीज़े हैं’ ऐसा कहते हुए, ट्रम्प ये घोषणाएँ वास्तविकता में नहीं उतार पाएँगे, ऐसा दावा कर रहे हैं|

इस पृष्ठभूमि पर, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस्रायली प्रधानमंत्री से चर्चा करते हुए, अपनी नीति में इस्रायल का महत्त्व अधोरेखित किया है| साथ ही, इस्रायली प्रधानमंत्री को अमरीका दौरे का निमंत्रण देते हुए ट्रम्प ने, इस्रायल के खिलाफ खड़े आखाती और युरोपीय देशों को भी चेतावनी दी हुई दिखाई देती है|

‘ईरानी जनता के लिए इस्रायल दोस्तराष्ट्र’ : इस्रायली प्रधानमंत्री

ट्रम्प अमरीका की सत्ता पर आने के बाद अमरीका और इस्रायल के संबंध पूर्ववत होंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं; वहीं, इस्रायली प्रधानमंत्री ने इराण के प्रति अपनी नीति कुछ हद तक सौम्य की है, ऐसा दिखाई दे रहा है| ‘हम ईरान के शासन के खिलाफ़ हैं, ईरानी जनता के खिलाफ़ नहीं’ ऐसा संदेश प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने दिया|

‘इस्रायल और ईरान की जनता, शांति और उज्वल भविष्य के लिए एकसाथ आ सकते हैं| ईरान का शासन क्रूर है और इस विषय पर मैं अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प से चर्चा करूँगा’ ऐसा इस्रायली प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा|

 

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