अमरिका के चुनाव मे रशिया के हस्तक्षेप को तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष ओबामा जिम्मेदार

वॉशिंगटन : ‘२०१६ में राष्ट्राध्यक्ष पद का चुनाव मे और उसके बाद ओबामा राष्ट्राध्यक्ष पद पर थे। फिर उन्होंने रशिया के हस्तक्षेप के मुद्दे पर कारवाही क्यों नहीं की’, ऐसा सवाल निर्माण करके राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा यह रशियन हस्तक्षेप के समस्या के लिए जिम्मेदार होने का आरोप किया है। अमरिका के संसद में डेमोक्रेटिक पक्ष के सांसद प्रतिनिधि एवं ‘इंटेलिजेंस कमेटी’ के सदस्य एडम शिफ़ ने हालही में भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने सन २०१४ में हुए ‘सोनी हैकिंग’ मामले में हल्की भूमिका से रशिया ने अमरिका के चुनाव में आक्रामक स्तर पर हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया था ऐसा विधान किया था।

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पिछले हफ्ते में अमरिका में स्पेशल काउंसिल रॉबर्ट मूलर ने रशिया के अमरिका के हस्तक्षेप के बारे में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस आरोप पत्र में १३ रशियन नागरिकों का समावेश होकर, इसमें रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ब्लादिमीर पुतिन इनका ‘शेफ’ के तौर पर काम करने वाले ‘येवगेनी प्रिगोझिन’ यह इनका नाम है। सेंट पीटर्सबर्ग में होने वाले ‘इंटरनेट रिसर्च एजेंसी’ के माध्यम से रशिया ने अमरिका के राजनैतिक यंत्रणा एवं चुनाव मे हस्तक्षेप करने का प्रयत्न किया है, ऐसा आरोप इसमें रखा गया था।

३७ पन्नों के आरोप पत्र में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनके प्रचार की जिम्मेदारी होने वाले गटने रशिया से संगठित होने के बारे में उल्लेख ना होने से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह आरोप पत्र मतलब अपने पर होने वाले आरोपों को मिला उत्तर है, ऐसा दावा किया था। उसके बाद रविवार को तथा सोमवार को किए विविध ‘ट्विट्स’ में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ॲडम शिफ़ इनके विधान का आधार लेकर भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा को लक्ष्य किया है।

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अपने पहले ‘ट्विट’ में उन्होंने ॲडम शिफ़ के आभार माने हैं और कम से कम इस बार सिर्फ ने सच कहने की टिप्पणी की है। ‘बराक ओबामा राष्ट्राध्यक्ष को चीन, रशिया का खतरा मालूम था और फिर भी उन्होंने कुछ नहीं किया’, ऐसा आरोप राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया है। रशिया में हस्तक्षेप नहीं किया है, ऐसा मैंने कभी नहीं कहा था। रशिया, चीन अथवा अन्य किसी भी देश ने अथवा गट द्वारा हस्तक्षेप हो सकता है, ऐसा मैंने कहा था ऐसा खुलासा ट्रम्प ने किया है।

‘रशियन हस्तक्षेप के बारे में अफवाहें फैलते वक्त ट्रम्प इनके प्रचार मुहिम में रशिया से संगठित थे, ऐसा आरोप किया गया था। पर वास्तव में एकजुट नहीं हुई है’, ऐसा ट्रम्प ने अपने ट्विट में कहा है। ॲडम शिफ़ ने अब किए विधान के पीछे २०१६ वर्ष के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन इनके पराजय के लिए कारण ढूंढने का प्रयत्न है, ऐसा दावा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया है।

रशिया का हस्तक्षेप का उद्देश्य अगर अमरिका में मतभेद एवं अराजकता निर्माण करना है, तो संसद में सुनवाई, जांच एवं पक्षीय आरोप-प्रत्यारोप से वह सफल हुआ है, ऐसा भी ट्रम्प ने आखिर में सूचित किया है।

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