तालिबान जैसे खतरे का सामना करने के लिए सुरक्षाबलों को प्रशिक्षण

नई दिल्ली – अफ़गानिस्तान ने तालिबानी हुकूमत स्थापित होने के बाद सीमा पर तैनात भारतीय सुरक्षा बलों को एवं आतंकवाद विरोधी मुहिम में शामिल हो रही सुरक्षा यंत्रणाओं को तालिबान जैसे खतरे का सामना करने के लिए प्रशिक्षण के आदेश सरकार ने जारी किए हैं। बीस वर्ष पहले अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के बाद भारत में भी आतंकी गतिविधियाँ बढ़ीं थी। जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी संगठनों को तालिबानी हुकूमत के दौर में बल प्राप्त हुआ था। साथ ही बांगलादेश में भी आतंकी संगठनों का निर्माण हुआ था। इन संगठनों ने भारत में भी हरकतें कीं थी। इस वजह से रक्षा विशेषज्ञ भी इस खतरे का लगातार अहसास करा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर कुछ दिन पहले सरकार ने सुरक्षा बलों को इस खतरे का मुकाबला करने के लिए तैयार होने के आदेश दिए होने का वृत्त हैं।

प्रशिक्षणतालिबान ने बीते महीने अफ़गानिस्तान के अधिकांश प्रांतों पर बड़ी आसानी से कब्ज़ा किया था। तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने की वजह से दक्षिण और मध्य एशियाई की भूराजनीतिक स्थिति पर असर होगा और भारत की सीमा पर और अंदरुनि इलाकों में भी इसका गंभीर असर होता दिखाई देने का ड़र व्यक्त किया जा रहा हैं। इस स्थिति का मुकाबला करने के लिए सुरक्षाबलों को अब प्रशिक्षण प्राप्त करने की ज़रूरत हैं। उन्हें नई रणनीति, नीति बनाने की आवश्‍यकता हैं। साथ ही सुरक्षाबलों के सैनिकों को तालिबान जैसें खतरे का सामना करने के लिए प्रशिक्षण देने की ज़रूरत महसूस हो रही हैं। इस वजह से इस खतरे को भाप कर केंद्रीय सुरक्षा संस्थाओं ने सुरक्षा बलों को अपने सैनिकों को प्रशिक्षित करने के आदेश दिए हैं।

प्रशिक्षणपाकिस्तान से जुड़ी भारत की पश्‍चिमी सीमा पर और पूर्वीय सीमा पर भी विदेशी आतंकियों की घुसपैठ रोकने की बड़ी चुनौती होगी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और ‘एसएसबी’ पर पश्‍चिम एवं उत्तरी सीमा की सुरक्षा का ज़िम्मा है। साथ ही आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में शामिल पुलिस बलों को भी बदलती स्थिति में निर्माण हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित करें, ऐसा केंद्र सरकार ने कहा है। केंद्रीय राज्य आरक्षित बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्‍मीर पुलिस बड़ी मात्रा में आतंकवाद विरोधी मुहिमों में शामिल हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने साझा की जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही यह सूचनाएँ प्राप्त हुईं। इसके बाद सीमा पर बदल रही स्थिति पर बीएसएफ, एसएसबी, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्‍मीर पुलिस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में नए सुधार किए जा रहे हैं। तालिबान संबंधित जानकारी और उसकी लड़ने की पद्धती का भी इन सैनिकों के प्रशिक्षण के लिए तैयार किए जा रहें अध्ययन कार्यक्रम में समावेश किया जा रहा है। केंद्रीय सुरक्षा बलों के सभी श्रेणी के अफसरों को प्रशिक्षित किया जाएगा और इसके लिए अफसरों के लिए वेबिनार भी आयोजित किए जा रहे है, ऐसा इस अफसर ने कहा।

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