व्यापारयुद्ध के बाद अब चीन के साथ ‘निवेश-युद्ध’ – अमरिकी अधिकारी के संकेत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/बीजिंग – अमरिका और चीन के बीच व्यापारी समझौता हो इस लिए दुबारा बातचीत शुरू होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| इसी बीच चीन के विरोध में शुरू आर्थिक युद्ध और भी तीव्र होने की संभावना भी दिखाई दे रही है| इसके तहेत अमरिका से चीन में हो रहा निवेश पूरी तरह से बंद करने के प्रस्ताव पर व्हाईट हाउस में बातचीत शुरू होने की जानकारी सूत्रों ने दी| साथ ही अमरिकी शेअर बाजारों में मौजूद चीन की कंपनियों का पंजीकरण रद्द करने के संकेत भी दिए गए है|

पिछले महीने में ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन से अमरिका में हो रही ५५० अरब डॉलर्स की आयात पर कर बढाने का ऐलान किया था| इस पर चीन ने नरमाई दिखाने के संकेत दिए थे और बाद में अमरिका-चीन समस्या का हल निकालने के लिए दुबारा बातचीत करेंगे, यह जानकारी दी गई थी| लेकिन, इस बातचीत की पूर्व तैयारी करने अमरिका पहुंचा चीन का शिष्टमंडल अपनी यात्रा बीच में ही खतम करके स्वदेश लौटा था| इस वजह से दोनों देशों में शुरू व्यापारयुद्ध फिर से तीव्र होने की संभावना दिखाई दे रही है|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प लगातार चीन पर आलोचना कर रहे है और यह देश अपनी निती पर कायम ना होने का आरोप भी उन्होंने किया है| साथ ही दो देशों का व्यापारी समझौता अमरिका के कहने के अनुसार होगा, यह दावा भी उन्होंने किया है| ऐसा नही हुआ तो अमरिका अपने हाथ के सभी तरह के विकल्प इस्तेमाल करने के लिए तैयार होने के संकेत भी ट्रम्प ने दिए है| पिछले महीने में चीन से अमरिका में हो रही पूरी आयात पर कर लगाने का ऐलान करने के साथ ही चीन में मौजूद अमरिकी कंपनियों को चीन से बाहर निकल कर अन्य देशों में विकल्प ढुंढने के आदेश अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिए थे|

इसके साथ ही अब अमरिका से चीन में हो रहा निवेश बंद करने के साथ ही अमरिकी शेअर बाजारों से चीन की कंपनियों को खदेड बाहर करने की तैयारी शुरू हुई है| अमरिका की अधिकांश प्रमुख कंपनिया पिछले कई दशकों से चीन में कार्यरत है| इनमें ‘एपल’, ‘एमेझॉन’, ‘बोईंग’, ‘इंटेल’, ‘नाईके’ जैसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी शामिल है| चीन में निर्माण एवं वेतन खर्च कम होने से अमरिकी कंपनियों ने इस देश में काफी निवेश किया था|

लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने निर्णय किया तो अमरिकी कंपनिया चीन से बाहर निकलने के लिए मजबूर होगी, यह संकेत भी प्राप्त हो रहे है| साथ ह चीन की कंपनियों के विरोध में भी कार्रवाई हुई तो चीन की प्रमुख कंपनियों को भी बडा झटका लगेगा, यह समझा जा रहा है| चीन की तकमीकी क्षेत्र की अधिकांश कंपिनयां एवं कई प्रमुख कंपनियां अमरिकी शेअर बाजार में पंजीकृत है|

इन कंपनियों ने अमरिका से बडी संख्या में पूंजी बनाई है और इस बलबुते पर यह कंपनिया विस्तार की तैयारी में भी जुटी है| लेकिन, ट्रम्प ने इनके विरोध में प्रस्ताव लाया तो इन कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिमा एवं व्यापार को बडा झटका लग सकता है| इसका असर चीन की अर्थव्यवस्था के साथ व्यापारी महत्वाकांक्षा पर भी होगा, यह कहा जा रहा है|

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