अमरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की व्याप्ति बढ़ी – दोनों देशों की तरफ से एक दूसरों के १६ अरब डॉलर्स के व्यापार पर २५ प्रतिशत कर की घोषणा

वॉशिंग्टन/बीजिंग: अमरिका और चीन के बीच चल रहा व्यापार युद्ध अधिक बिगड़ता जा रहा है। अमरिका ने चीन के १६ अरब डॉलर्स की निर्यात पर २५ प्रतिशत करों की घोषणा करने के बाद चीन ने भी उसे ‘जैसे को तैसा’ जवाब दिया है। उस वजह से दोनों देशों की तरफ से कर लादे व्यापार की व्याप्ति लगभग १०० अरब डॉलर्स तक पहुंची है।

मंगलवार रात को अमरिका ने चीन के १६ अरब डॉलर्स की निर्यात पर २५ प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की थी। इस निर्यात में मोटरसाइकिल्स, रसायन और रेल डिब्बों का समावेश था। अमरिका की इस घोषणा को २४ घंटे पूरे होने से पहले ही चीन ने भी अमरिका के १६ अरब डॉलर्स की निर्यात पर कर लगाने की घोषणा की है। उसमें इंधन उत्पादन, फौलाद और गाड़ियों का समावेश है।

व्यापार युद्ध, व्याप्ति बढ़ी, १६ अरब डॉलर्स, व्यापार, २५ प्रतिशत कर, घोषणा, अमरिका, चीनअमरिका ने चीन के ३४ अरब डॉलर्स के चीनी उत्पादनों की आयात पर कर लगाया है और लगभग २०० अरब डॉलर्स की निर्यात पर २५ प्रतिशत कर लगाने की धमकी ट्रम्प ने दी थी। ट्रम्प की इस धमकी को प्रत्युत्तर देते समय चीन ने कुछ दिनों पहले अमरिकी उत्पादनों के ६० अरब डॉलर्स की आयात पर कर लगाने की घोषणा की थी। पिछले ४८ घंटों में दोनों देशों ने की घोषणाएं इसीका ही हिस्सा हैं।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ दिनों पहले ही, चीन के खिलाफ व्यापारी करों की कार्रवाई सफल होने के संदर्भ में दावा किया था। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के दावे मतलब खोखला आशावाद है और चीन अमरिका के ‘व्यापारी’ ब्लैकमेल के सामने शरणागति नहीं स्वीकारेगा, ऐसी चेतावनी चीनी मीडिया की तरफ से दी गई थी।अमरिका की तरफ से चल रहे व्यापारी युद्ध की तरफ चीन कभी भी नजरअंदाज नहीं करेगा, उल्टा उसका सामना करेगा और जीतेगा, ऐसी भी चीन ने चेतावनी दी थी।

अमरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार में अमरिका को बहुत बड़े पैमाने पर नुकसान करना पड़ रहा है। ऐसा दावा करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन के खिलाफ खुलकर व्यापार युद्ध छेड़ा था। इसका सर्वाधिक झटका चीन को ही लगेगा, ऐसे दावे आर्थिक विश्लेषक और विशेषज्ञों की तरफ से किए जा रहे हैं। चीन के शेयर बाजार के सहित ‘युआन’ मुद्रा को इसका नुकसान सहन करना पड़ रहा है। आने वाले समय में चीन की अर्थव्यवस्था को गिरावट का सामना करना पड़ सकता है, ऐसा माना जाता है।

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