भारत समेत दक्षिण एशिया की स्थिरता को महत्वाकांक्षी चीन से ख़तरा – रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत

नई दिल्ली – बांग्लादेश, म्यानमार, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव इन देशों में निवेश बढ़ाकर चीन यहाँ सामरिक दृष्टि से अपने कदम जमा रहा है। महत्वाकांक्षी चीन की ये हरकतें भारत के लिए घातक साबित होतीं हैं। भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया की स्थिरता को चीन की इन हरकतों से बहुत बड़ा खतरा संभव है, ऐसा रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने चेताया। एक दिन पहले, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन की प्रगति भारत के लिए खतरनाक साबित होगी, ऐसा रक्षाबलप्रमुख ने जताया था।

दक्षिण एशियाबांग्लादेश और म्यानमार इन देशों को बड़े पैमाने पर चीन से लष्करी सहायता की आपूर्ति की गई थी। उसी के साथ नेपाल, श्रीलंका और मालदीव इन देशों में चीन ने उल्लेखनीय निवेश करके इस क्षेत्र में सामरिक दृष्टि से अपने कदम जमाए हैं। म्यानमार और बांग्लादेश में हुए चीन के निवेश को हरगिज़ नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। क्योंकि चीन का यह निवेश भारत को घेरने के लिए ही चीन कर रहा है। इससे इस क्षेत्र की तीव्रता को सर्वव्यापी ख़तरा संभव है। भारत की अखंडता और भारत का सामरिक महत्व इनके लिए चीन की ये हरकतें घातक साबित होंगी, ऐसा जनरल रावत ने कहा है।

पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादी ये इस क्षेत्र की शांति के लिए खतरा बने होकर, पाकिस्तान को चीन से मिलने वाली लष्करी सहायता चीन के भारतविरोधी दाँवपेंचों का भाग होने का आरोप जनरल रावत ने किया। इन सारी बातों की मिसाल देकर, चीन के साथ बने सीमाविवाद की ओर भारत ने समग्र दृष्टि से देखने की जरूरत है, इस पर गौर फ़रमाया। भारत और चीन के बीच की सीमाविवाद का उतने तक विचार करके नहीं चलेगा, बल्कि उसका चीन की महत्वाकांक्षा के साथ संबंध है, इस बात को ध्यान में लेना ही होगा, इस पर जनरल रावत गौर फरमा रहे हैं।

इसी कारण भारत और चीन के बीच के सीमा विवाद का हल निकालने में जल्दबाजी करके नहीं चलेगा। देश की रक्षा व्यवस्था और रक्षा बलों की क्षमता, इस पर जनता विश्वास रखें और इस बारे में आत्मविश्वास अपनाएँ, ऐसा गौरतलब संदेश रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपिन रावत ने दिया। चीन को अपनी आर्थिक ताकत का इस्तेमाल करके संबंधित देशों में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने की आदत पड़ी है, यह बात भी जनरल रावत ने ध्यान में लाकर दी। लेकिन सभी का विकास और सबका विश्वास, इस नीति पर भारत काम कर रहा है। पड़ोसी देशों को भी भारत ने यही संदेश देकर, भारत हमेशा उनके साथ खड़ा हैं, ऐसा भरोसा दिलाने की जरूरत है, ऐसा जनरल रावत ने आगे कहा।

अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध दृढ़ करने के लिए भारत को इन देशों के साथ अपने सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित करना पड़ेगा, ऐसा मशवरा जनरल रावत ने दिया है।

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