संघर्षबंदी का पालन करनेवाले सिरिया के सब्र को मर्यादाएँ हैं

सिरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्सादकी चेतावनी

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सिरिया में संघर्षबंदी लागू होने के बाद चंद कुछ घंटों में इस संघर्षबंदी का उल्लंघन हुआ। फिर भी चरमसीमा का सब्र दर्शाकर मेरी सरकार की ओर से संघर्षबंदी क़ायम रखने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन हर बात की हद होती है और हमारे सब्र को भी मर्यादाएँ हैं, ऐसी चेतावनी सिरिया के राष्ट्राध्यक्ष ‘बशर-अल-अस्साद’ ने दी है।

जर्मन प्रसारवाहिनी ‘एआरडी’ को दिये गए इन्टरव्ह्यू में अस्साद ने अपनी सरकार संघर्षबंदी को लेकर प्रामाणिक है, यह कहा। यह संघर्षबंदी सफल हो, इसलिए सिरियन सरकार तथा लष्कर अपनी भूमिका सुचारु  रूप से निभायेंगे, ऐसा दावा भी अस्साद ने किया। इसलिए सिरियन लष्कर ने, संघर्षबंदी में सहभागी होनेवाले बाग़ियों पर की कार्रवाई को रोक दिया होने की जानकारी अस्साद ने दी।

लेकिन सिरिया की हमारी सरकार तथा लष्कर के इस सहयोग को भी मर्यादाएँ हैं, इसकी याद सिरियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिलायी। एक हद से ज़्यादा सिरिया का लष्कर संघर्षबंदी पर अटल नहीं रह सकता, ऐसी स्पष्ट चेतावनी अस्साद ने इस समय दी। साथ ही, सिरिया की संघर्षबंदी अकेली सरकार पर निर्भर न होकर, विरोधकों को भी इसके लिए प्रयास करने चाहिए, ऐसा ताना भी अस्साद ने मारा।

उसीके साथ, सरकार सिरियास्थित अपने विरोधकों को माफ़ी देने के लिए तैयार होने की घोषणा भी अस्साद ने की। बाग़ी आत्मसमर्पण करके राजनीतिक प्रवाह में शामिल हों; या फिर यदि उन्हें राजनीति में दिलचस्पी नहीं है, तो भी उनके द्वारा हथियार डालने पर मेरी सरकार उन्हें माफ़ कर देगी, ऐसा आवाहन सिरियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया। दो दिन पहले ही अमरीका ने, सिरिया की संघर्षबंदी को सफल कर दिखाने की पूरी ज़िम्मेदारी अस्साद सरकार पर होने की बात ज़ोर देकर कही थी। उस पार्श्वभूमि पर सिरियन राष्ट्राध्यक्ष ने यह ताना मारा होने का दिखायी दे रहा है।

इसके अलावा सिरिया से स्थलांतरित होनेवालों को जर्मनी से मिल रहे आश्रय का भी अस्साद ने स्वागत किया। साथ ही, ‘पश्चिमी देश यदि सिरिया की सरकार से सहयोग करते हुए आतंकवादियों पर कार्रवाई करते हैं, तो स्थलंतरितों की समस्या नहीं सतायेगी’ ऐसा अस्साद ने इस समय कहा।

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उसी समय, सिरिया की अस्साद सरकार तथा बाग़ियों के बीच चर्चा की प्रक्रिया पुन: शुरू हों, इस बात पर अमरीका एवं रशिया प्रयास कर रहे हैं। आनेवाली ७ मार्च को ये चर्चाएँ शुरू होनेवाली थीं। लेकिन संघर्षबंदी की प्रक्रिया देरी से शुरू हो चुकी होने के कारण चर्चा भी देरी से शुरू होगी, ऐसा दावा किया जा रहा है। इस चर्चा में से सिरिया की काफ़ी सारी समस्याएँ हल हो सकती हैं, ऐसा भरोसा रशिया ने जताया है।

इसी बीच, पाँच दिन की इस संघर्षबंदी के दौरान संयुक्त राष्ट्रसंघ के वाहन मानवतावादी सहायता लेकर सिरिया की राजधानी दमास्कस के साथ साथ अन्य शहरों में भी पहुँच गये हैं। इस संघर्ष में फ़ँसे हुए लोगों को सहायता पहुँचायी जा रही है, ऐसी जानकारी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दी है।

इसी दौरान, अमरीका एवं रशिया के आवाहन के बाद सिरिया में हालाँकि संघर्षबंदी लागू की गयी है, मग़र फिर भी तुर्की द्वारा सिरिया पर किये जा रहे हमलें बंद नही हुए हैं। सिरिया के संघर्ष में ‘आयएस’ के स्थानों पर हमलें करनेवाले कुर्द बाग़ियों को तुर्की लक्ष्य बना रहा होकर, इस कारण संघर्षबंदी ख़तरे में पड़ सकती है, ऐसा बताया जा रहा है।

यदि तुर्की ने सिरिया पर के हमलें नहीं रोकें, तो सिरिया एवं तुर्की में नया संघर्ष छिड़ सकता है और फिर ‘तुर्की’ इस अपने मित्रदेश को बचाने अमरीका एवं नाटो को इस संघर्ष में उतरना पड़ेगाे; और यदि ऐसा हुआ, तो रशिया भी सिरिया के पक्ष मे संघर्ष में उतरने क संभावना व्यक्त की जा रही है।

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