यूरोप की सुरक्षा के लिए महासंघ अमरिका को पीठ दिखाकर रशिया की तरफ मुड़े – फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

पैरिस – ‘इसके आगे यूरोप अपनी सुरक्षा के लिए अमरिका पर निर्भर नहीं रह सकता है। इसलिए यूरोपीय महासंघ इस बारे में रशिया के चर्चा शुरू करे’, ऐसा दावा फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन ने किया है। फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष के इस विधान की दखल दुनिया भर की मीडिया और विश्लेषकों ने ली है और फ़्रांस और अमरिका के बीच मतभेदों की पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने सदर दावा किया है, ऐसा कहा जा रहा है। इसके पहले जर्मनी ने अमरिका के साथ सुरक्षा सहकार्य तोड़ने के संकेत दिए थे।

पैरिस में आयोजित की गई एक बैठक में फ़्रांस की विदेश नीति पर बोलते समय मैक्रॉन ने अमरिका पर क्रोध व्यक्त किया है। यूरोप के पास रशिया यह अमरिका को विकल्प हो सकता है, ऐसा दावा भी किया है। यूरोपीय देशों की सुरक्षा के बारे में सोचा जाए तो इसके आगे यूरोप अमरिका से आपूर्ति की जाने वाली सुरक्षा पर निर्भर नहीं रह सकता है, ऐसा मैक्रॉन ने कहा है। इस पर अधिक बातें न करते हुए उन्होंने अमरिका को विकल्प के तौर पर यूरोपीय महासंघ रशिया के बारे में विचार करे, ऐसा सुझाव दिया है।

इसके पहले रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने मानवाधिकार का उल्लंघन करने की आलोचना मैने की थी और यूरोप और रशिया की सोच में बड़ा फर्क है, इस बात को मैक्रॉन ने मान्य किया है। लेकिन ‘राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के प्रति मुझे बहुत आदर है और यूरोपीय महासंघ रशिया के साथ चर्चा करे, ऐसा मुझे लगता है। यूरोपीय देशों की सुरक्षा के बारे में रशिया से चर्चा करें’, ऐसा मैक्रॉन ने सुझाव दिया है।

अमरिका के साथ सुरक्षा विषयक सहकार्य से पीछे हटने के बारे में मैक्रॉन ने खुलासा नहीं किया है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में ईरान के साथ हुआ परमाणु अनुबंध, अमरिका ने यूरोपीय देशों के उत्पादनों की आयात पर लगाया हुआ कर इस वजह से दोनों देशों के बीच मतभेद निर्माण हुए हैं। यूरोपीय उत्पादनों पर अमरिका ने लगाए यह कर ‘अवैध’ हैं ऐसी आलोचना करके ट्रम्प का आर्थिक राष्ट्रवाद व्यापार युद्ध के लिए आमंत्रण दे सकता है। ऐसी चेतावनी भी मैक्रॉन ने दी है।

इसी कालावधि में मैक्रॉन ने पुतिन के साथ संपर्क प्रस्थापित करके सहकार्य सुधारने के लिए कोशिश शुरू की थी। मैक्रॉन की इस भूमिका का रशिया की मीडिया और विशेल्षकों ने स्वागत किया था। रशिया यूरोपीय देशों के लिए बड़ा सहाय्यक देश साबित हो सकता है, ऐसा दावा भी रशियन मुखपत्र ने किया था। लेकिन मैक्रॉन की इन गतिविधियों पर यूरोप के कुछ विश्लेषकों ने आश्चर्य व्यक्त किया था। यूरोपीय महासंघ के टुकड़े करने की घोषणा करने वाले रशिया के साथ नजदीकियां बढाते समय इमैन्युअल ने सतर्क रहना चाहिए, ऐसी विश्लेषकों ने चेतावनी दी है।

मैक्रॉन के पहले जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की विदेश नीति की आलोचना करके यूरोपीय महासंघ रशिया के साथ संबंध प्रस्थापित करे, ऐसा सुझाव दिया था।

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