ईरान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादी ‘ड्रोन’ के ज़रिये ९/११ जैसे हमले करेंगे – इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ का इशारा

जेरूसलम – येमन, इरान, सीरिया और लेबनान के हज़ारों आतंकियों को ईरान ‘ड्रोन’ चलाने का प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। इसी बीच गाज़ापट्टी के हमास और इस्लामिक जिहाद के आतंकियों को ईरान अपनी तकनीक प्रदान करने की तैयारी में है। ईरान के हवाई अड्डे पर यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है और यह अड्डा हवाई आतंकी हमलों के लिए खतरा साबित हो सकता है’, ऐसा इशारा इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने दिया। साथ ही विमान का अपहरण किए बगैर ‘ड्रोन्स’ के ज़रिये ९/११ जैसा आतंकी हमला किया जा सकता है, इस खतरे की ओर रक्षामंत्री गांत्ज़ ने ध्यान आकर्षित किया।

iran-drone-base-1रिशमन युनिवर्सिटी में आयोजित आतंकवाद विरोधी परिषद में बोलते समय इस्रायल के रक्षामंत्री गांत्ज़ ने आरोप लगाया कि, ईरान काफी खतरनाक गतिविधियाँ कर रहा है। ‘खाड़ी क्षेत्र के देशों में गठित किए हुए खुफिया आतंकी संगठनों की सहायता से ईरान अपने आर्थिक, राजनीतिक और लष्करी उद्देश्‍य पूरे करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए ईरान अलग अलग विकल्प अपना रहा है और ‘ड्रोन्स’ का इस्तेमाल इन्हीं में से एक विकल्प है’, यह दावा रक्षामंत्री गांत्ज़ ने किया।

येमन, इराक, सीरिया और लेबनान में स्थित अपने हज़ारों आतंकिियों को ईरान हज़ारों किलोमीटर तक उड़ान भरने की क्षमता रखनेवाले ‘ड्रोन्स’ चलाने का प्रशिक्षण दे रहा है। इसके लिए मध्य ईरान में स्थित ‘इस्फाहन’ नामक लष्करी हवाई अड्डे का इस्तेमाल हो रहा है। खाड़ी क्षेत्र में हवाई आतंकवाद फैलाने के लिए ईरान का यह अड्डा खतरनाक है, यह इशारा भी इस्रायल के रक्षामंत्री ने दिया। इस हवाई अड्डे पर मौजूद ‘ड्रोन बेस’ के फोटो भी सामने आए हैं।

israel-gantz-2‘अमरीका पर हुए ९/११ के आतंकी हमले के बाद बीते बीस सालों में आतंकी हमलों के तरिकों में बदलाव आया है। छोटे आतंकी गुटों से बड़ी आतंकी संगठन लेबनान और अफ़गानिस्तान जैसे देशों की अस्थिरता का गलत लाभ उठा रहे हैं। अगले दिनों में कमज़ोर नेतृत्व और गिरावट का सामना कर रहे देश ऐसे आतंकी संगठनों के अड्डे बन जाएँगे’, ऐसा इशारा गांत्ज़ ने दिया।

ईरान से प्रशिक्षण पानेवाले आतंकी विस्फोटकों से भरे ‘ड्रोन्स’ का इस्तेमाल करके ९/११ जैसा भीषण आतंकी हमला कर सकते हैं। इसके लिए विमान का अपहरण करने की आवश्‍यकता नहीं रहेगी, इस बात का अहसास गांत्ज़ ने कराया है। इसलिए आतंकवाद विरोधी जंग में गोपनीय यंत्रणा और हमलों की क्षमता विकसित करके प्रमुख लोगों को लक्ष्य करने का कार्य जारी रखना पड़ेगा, यह भी रक्षामंत्री गांत्ज़ ने कहा है।

बीते महीने ओमान के समुद्री क्षेत्र में इस्रायली र्इंधन टैंकर पर हुए ड्रोन हमले के पीछे ईरान का ही हाथ होने का आरोप इस्रायल ने लगाया था। अब दो दिन पहले शनिवार के दिन इराक के इरबिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला करने के लिए पहुँचे ईरान के दो ‘ड्रोन्स’ को मार गिराने का दावा अमरिकी सेना ने किया है। इसके कुछ  घंटों बाद ही इस्रायल के रक्षामंत्री ने ईरान के ‘ड्रोन’ अड्डे की जानकारी सार्वजनिक करके ९/११ जैसे आतंकी हमले होने के मुद्दे पर दिया हुआ इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

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