जम्मू-कश्‍मीर में २४ घंटों में आतंकियों ने की ४ बेगुनाह नागरिकों की हत्या; खून के हर बूंद का प्रतिशोध लिया जाएगा

  •  जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा का इशारा
  • इन हत्याओं के बाद कश्‍मीर के बाहरी राज्यों के मज़दूरों को सुरक्षा बलों की छावनी में रखा जाएगा

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर में दो हफ्तों में ११ बेगुनाह नागरिकों की हत्या से देश में गुस्से का माहौल बना है। बीते चौबीस घंटों के दौरान कश्‍मीर में बाहरी राज्यों के पांच मज़दूरों को आतंकियो ने लक्ष्य किया है। इनमें से चार की मौत हुई है और एक गंभीर रूप से घायल है। रविवार के दिन तीन मज़दूरों पर आतंकियों ने हमला किया। इस हमले के बाद जम्मू-कश्‍मीर पुलिस ने राज्य में काम करने के लिए आए कश्‍मीर के बाहरी राज्यों के मज़दूरों को पुलिस और सुरक्षा बलों के शिविरों में रखने का निर्णय किया है। इसके साथ ही यह हमले करनेवाले किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। आतंकवाद और आतंकियों के समर्थकों को बक्शा नहीं जाएगा। खून के हर बूंद का प्रतिशोध लेंगे, ऐसा बयान जम्मू-कश्‍मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया है।

मनोज सिन्हाराज्य में बीते कुछ दिनों से वहां के अल्पसंख्यांक नागरिकों पर हमले होने की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है। आतंकियों ने अब बड़े हथियार छोड़कर इन हमलों को अंजाम देने के लिए पिस्तौल जैसे छोटे हथियारों का इस्तेमाल शुरू किया है। ऐसे छोटे हथियार पाकिस्तान से ही ‘ड्रोन’ के ज़रिये भेजे जाने की बात स्पष्ट हुई है। दो वर्ष पहले जम्मू-कश्‍मीर की धारा ३७० रद करने के बाद वहां पर केंद्रीय नियम लागू किए गए। इससे अन्य राज्यों के मूल निवासी नागरिकों को सालों से जम्मू-कश्‍मीर में रहने के बाद वहां के अधिवास का दाखिला प्राप्त होने लगा। जमीन और नौकरियों में अधिकार प्राप्त होने लगे। तेज़ी से विकास और रोजगार बढ़ने के साथ जम्मू-कश्‍मीर में स्थिरता स्थापित होती हुई स्पष्ट दिखाई दे रही थी। इस वजह से बेचैन हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठनों ने वर्ष १९९० के दशक की तरह जम्मू-कश्‍मीर में अराजकता और आतंक का माहौल निर्माण करने के लिए ‘टार्गेट किलिंग’ शुरू किया है। कश्‍मीरी पंड़ित एवं अन्य नागरिकों के साथ दूसरे राज्यों से यहां पर काम करने एवं रोजगार प्राप्त करने के लिए पहुँचे नागरिकों को आतंकियों द्वारा लक्ष्य किया जा रहा है।

चौबीस घंटों के दौरान जम्मू-कश्‍मीर में पांच मज़दूरों को लक्ष्य किया गया है। शनिवार के दिन आतंकियों ने दो मज़दूरों की हत्या की थी और रविवार की शाम को तीन मज़दूरों पर हमले हुए। कुलगाम में घर में घुसकर आतंकियों ने इन मज़दूरों पर गोलीबारी की। इस दौरान दो मज़दूरों की मौत हुई और एक घायल हुआ। बीते चौबीस घंटों के दौरान आतंकियों ने लक्ष्य किए मज़दूर और बिक्रेताओं में से चार लोग बिहार और एक उत्तर प्रदेश का निवासी था। बीते दो हफ्तों में आतंकियों ने इस तरह से ११ लोगों की हत्या की है, तो बीते हफ्ते से आठ लोगों की हत्या हुई है।

जम्मू-कश्‍मीर के इस टार्गेट किलिंग के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा उमड़ रहा है और कई ठिकानों पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। रविवार के दिन भी जम्मू-कश्‍मीर में बड़े प्रदर्शन हुए और पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार नारेबाज़ी भी हुई। इसी बीच जम्मू-कश्‍मीर के कई हिस्सों में सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। आतंकियों के खिलाफ व्यापक मुहिम चलाई जा रही है। पूंछ और राजौरी के जंगलों में बीते सात दिनों से सर्च मुहिम जारी है। पूंछ में हुई मुठभेड़ में अब तक ९ सैनिक शहीद हुए हैं। यह बीते दशक से जम्मू-कश्‍मीर में शुरू किया हुआ सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है।

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