सीरियन लष्कर और हिजबुल्लाह के आतंकवादी इस्रायल की गोलन पहाड़ियों के पास दाखिल- अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था की जानकारी

अम्मान: इस्रायल की गोलन पहाड़ियों की सीमा के पास सीरियन लष्कर और ईरान समर्थक हिजबुल्लाह की गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। दक्षिण सीरिया में आतंकवादियों के आखरी ठिकाने पर नियंत्रण पाने के लिए लष्कर कारवाई शुरू है, यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने दी है। लेकिन बार बार इशारा देने के बाद भी सीरियन लष्कर और हिजबुल्लाह की गोलन सीमा के पास की तैनाती इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा रही है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

इस्रायल

दो दिनों पहले सीरियन लष्कर ने दक्षिण में स्थित ‘बैत जिन’ शहर पर तीसरे पड़ाव की कारवाई शुरू की है। पिछले दो महीनों से चल रही इस कारवाई के तहत सीरियन लष्कर ने ‘हयात तहरिर अल-शाम’ इस आतंकवादी संगठन के कब्जे वाले ‘बैत जिन’ इलाके पर कब्ज़ा पाने के लिए जोरदार कोशिश की है। सीरियन लष्कर और ईरान समर्थक हिजबुल्लाह साथ ही हथियारबंद टोलियों ने, जमीन से जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलें और टैंक भेदी मिसाइलों के हमले किए।

इस हमले में सीरियन लष्कर और हिजबुल्लाह के मोर्चे ने ‘बैत जिन’ शहर के ‘मुघर अल-मिर’ इस गाँव के पहाड़ और कृषिजमीन पर नियंत्रण पाया है। इस हमले में ‘अल-शाम’ के सात आतंकवादियों का खात्मा करने का दावा सीरियन लष्कर ने किया है। सीरियन लष्कर ने आतंकवादियों को शरण आने का आवाहन किया है। लेकिन सीरियन लष्कर के इन हमलों को ‘अल-शाम’ के आतंकवादियों ने प्रत्युत्तर देने की जानकारी, खाड़ी की मीडिया में प्रसिद्द हुई है। इस वजह से ‘अल-शाम’ को खदेड़कर ‘बैत जिन’ पर नियंत्रण पाने में, सीरियन लष्कर और हिजबुल्लाह को सफलता नहीं मिली है।

इस पृष्ठभूमि पर, सीरियन लष्कर और हिजबुल्लाह के आतंकवादियों ने इस इलाके में बड़ा जुटाव करने की जानकारी अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने प्रसिद्द की है। सीरियन लड़ाकू विमान इस इलाके में हवाई हमले कर रहे हैं, ऐसी खबरें भी प्रसिद्द हुईं थी। यहाँ की आवासीय इमारतें और भीड़ की जगहों पर भी सीरियन लष्कर ने हवाई हमले करने की टीका की जा रही है। सीरियन लष्कर ने ‘मुघर अल-मिर’ इस गाँव को घेर लिया है और जल्द ही बड़ा संघर्ष भड़कने की संभावना जताई जा रही है।

इस्रायल के उत्तर-पूर्व में स्थित गोलन पहाड़ियों के पास चल रही इन गतिविधियों की जानकारी अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने प्रसिद्द की है। गोलन पहाड़ियों के पास चल रहे इस संघर्ष में हिजबुल्लाह के आतंकवादी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, ऐसा दावा पश्चिमी गुप्तचर यंत्रणाओं के सूत्रों ने किया है। ईरान समर्थक हिजबुल्लाह इस इलाके पर अपना डेरा डालने की कोशिश कर रहा है, यह जानकारी ‘सुहैब अल-रूहैल’ इस सीरियन बागी ने दी है।

सीरिया, ईरान का लष्कर साथ ही ईरान समर्थक हिजबुल्लाह और अन्य टोलियों की गोलन पहाड़ियों सीमा इलाके में चल रही गतिविधियों पर, इस्रायल ने इस के पहले भी चिंता व्यक्त की थी। सीरियन लष्कर और सहकारियों की प्रक्षोभक गतिविधियों की वजह से गोलन पहाड़ियों की सीमारेखा को खतरा निर्माण हुआ, तो इस्रायल की ओर से जोरदार प्रत्युत्तर मिलेगा, ऐसा इशारा इस्रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दिया था। साथ ही सीरियन सीमारेखा से हुए रॉकेट हमलों को इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने प्रत्युत्तर दिया था।

इस महीने की शुरुआत में ही इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने सीरिया की राजधानी दमास्कस के पास के इलाके में हवाई हमले किए थे। इस हमले में ईरान के हथियारों का गोदाम और लष्करी इमारतें नष्ट हुईं थी। उसी के साथ ही हिजबुल्लाह के लिए तस्करी किए जाने वाले हथियारों की गाड़ियों भी इस्रायल के हवाई हमले में नष्ट की गईं थी।

दौरान, महीने पहले इस्रायली प्रधानमंत्री ने सीरिया में ईरान और हिजबुल्लाह की गतिविधियों के खिलाफ रशिया को इशारा दिया था। सीरिया के संघर्ष की आड़ में ईरान और हिजबुल्लाह इस्रायल की सीमा के पास लष्करी जुटाव कर रहे हैं। ईरान का लष्कर और हिजबुल्लाह के आतंकवादी इस्रायल की सीमा रेखा से सिर्फ पांच किलोमीटर की दूरी पर पहुंचे हैं। ईरान और हिजबुल्लाह सीरिया से वापस नहीं लौटे, तो उसके आगे के परिणामों के लिए इस्रायल जिम्मेदार नहीं होगा, ऐसा इशारा नेत्यान्याहू ने दिया था। लेकिन रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस्रायल की माँग को ख़ारिज किया था।

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