अफ़गानिस्तान की काबुल युनिवर्सिटी में हुए आतंकी हमले में १९ की मौत

काबुल – अफ़गानिस्तान की काबुल युनिवर्सिटी में सोमवार के दिन आतंकी हमला हुआ। इस दौरान १९ लोगों की मौत हुई। अफ़गान सैनिकों ने छह घंटे चली मुठभेड़ के बाद इन हमलावरों को ढ़ेर किया। हेल्मंड में हुई हार के बाद बेचैन हुए आतंकियों ने यह हमला किया है, यह कहकर अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने इस हमले का निषेध किया। बीते दस दिनों में अफ़गानिस्तान की शिक्षा संस्थाओं पर आतंकी हमला होने की यह दूसरी घटना है।

सोमवार के दिन काबुल युनिवर्सिटी में ईरानी पुस्तक मेले का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए अफ़गान सरकारी अधिकारी युनिवर्सिटी के क्षेत्र में प्रवेश करते ही हमलावरों ने युनिवर्सिटी में प्रवेश करके अंदाधुंद गोलीबारी शुरू की। इस दौरान युनिवर्सिटी में हज़ारों की संख्या में छात्र उपस्थित थे। गोलीबारी के बाद ड़रे हुए छात्रों ने युनिवर्सिटी की दिवार से कूद लगाई। साथ ही कुछ छात्रों को सुरक्षा सैनिक एवं शिक्षकों की सहायता से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस वजह से इस हमले में बड़ी संख्या में जान का नुकसान होना टल गया।

इस हमले में १९ लोगों की मौत हुई है और मृतकों में चार से पांच छात्र होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा हमले में २२ लोग घायल हुए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। हमले की जानकारी प्राप्त होते ही अफ़गान सुरक्षा बलों ने युनिवर्सिटी में घुसे हुए हमलावरों के विरोध में फौरन कार्रवाई शुरू की। लगभग छह घंटे बाद यह कार्रवाई खत्म हुई। इस दौरान दो हमलावरों को मार गिराया गया और एक ने विस्फोटकों की सहायता से स्वयं को ही उड़ा दिया। इसके बाद पूरे इलाके की सुरक्षा बढ़ाई गई है।

अभी किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकारी नहीं है। शुरू में इस हमले के मामले में तालिबान पर आशंका व्यक्त की जा रही थी। लेकिन, तालिबान ने इस हमले से अपना संबंध ना होने का बयान जारी किया है। दस दिन पहले ‘आयएस’ ने काबुल की शिक्षा संस्था पर किए हमले में २४ की मौत हुई थी।

इसी बीच बीते वर्ष काबुल युनिवर्सिटी के प्रवेशद्वार के करीब हुए विस्फोट में आठ की मौत हुई थी। वर्ष २०१६ में काबुल स्थित अमरिकी युनिवर्सिटी पर हुए आतंकी हमले में १३ लोग मारे गए थे। अफ़गानिस्तान और तालिबान के बीच शांतिवार्ता शुरू होने के साथ ही अमरिकी सेना ने अफ़गानिस्तान से वापसी शुरू करने के बाद अफ़गानिस्तान में खूनखराबों में बढ़ोतरी हुई है।

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