जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी हमला; पुलिस के पाँच जवान और दो गार्ड शहीद

श्रीनगर, दि. १: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ ने किए आतंकी हमले में पुलिसवालों समेत सात लोग शहीद हुए हैं| कुपवाड़ा में भारतीय सेना के कैंप पर हुए हमले को कुछ ही दिन बीते थे कि तभी दूसरा हमला करके ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ ने अपने कारनामें तेज़ कर दी है ऐसा दिखाई दे रहा है| दोपहर को लगभग तीन बजे बैंक का कैश लेकर जानेवाले व्हैंन पर ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ के आतंकवादियों ने हमला किया|

दोपहर को तीन बजे कैश लेकर जानेवाली व्हैन को आतंकवादियों ने रोका और जवानों पर हमला किया| जम्मू-कश्मीर पुलिस के पाँच जवान और बैंक के दो सुरक्षारक्षक इस हमले में शहीद हुए हैं|

हमलावर आतंकवादियों की तादाद के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है| लेकिन जवानों की चार रायफलें आतंकवादियों ने चुराई हैं, ऐसा कहा जा रहा है| गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िलें में भारतीय लष्कर की छावनी पर ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ के आतंकवादियों ने हमला बोला| इस हमले में लश्कर के कप्तान समेत तीन लोग शहीद हुए थे| इस घटना के एक हफ़्ते में ही ‘हिजबुल’ ने एक और हमला करते हुए कश्मीर घाटी में अपनी गतिविधियाँ तेज़ कर दीं हैं|

पिछले कुछ महिनों से दक्षिण कश्मीर में अलगाववादियों के कारनामें और आतंकवादियों के हमले में बढ़ोतरी हुई है| आतंकवादियों के साथ मुठभ़ेड जारी थी कि तभी अलगावादियों का गुट जवानों पर पथराव करके उनकी कार्रवाई में रोड़े डालने का काम कर रहे हैं, ऐसा सामने आया है| पथराव करनेवाले इन लोगों पर कार्रवाई करना टालकर सुरक्षा बल के जवान सब्र दिखा रहे हैं| उसी समय, जम्मू-कश्मीर के पुलिस बल में काम करनेवालों के घरों पर हमलें करना आतंकवादियों ने शुरू किया है| पुलिसवालों पर होनेवाले हमलों में बढोतरी हुई है और उनकी रायफलों को भी चुराया जा रहा है|

सुरक्षाबलों पर होनेवाले पथराव और हमलों के पीछे पाकिस्तान की सुनियोजित साज़िश है, ऐसा दिखाई दे रहा है| सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर (पीओके) से जम्मू-कश्मीर के अलगावादियों को संदेश दिए जाते हैं| इसके अनुसार, जवानों पर पथराव और हमलें किए जाते हैं, ऐसा जम्मू-कश्मीर के पुलिस ने कहा था| पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजन्सी ‘आयएसआय’ इस पथराव का और आतंकी हमले का सूत्रसंचालन कर रही है, ऐसे इल्ज़ाम और सबूत सामने आए हैं|

इसीके साथ जम्मू-कश्मीर में सक्रिय रहे सभी आतंकी संगठन भारत के खिलाफ एकसाथ हुए हैं| ये आतंकी संगठन घातपात करने के लिए एक-दूसरे की सहायता कर रहे है| इसी वजह से, उनकी क्षमता में बढ़ोतरी हुई है| साथ ही, राज्य के हालात संवेदनशील बने हुए हैं| इसे केंद्र सरकार और सुरक्षबलों ने गंभीरतापूर्वक लिया है|

पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठन और जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की गतिविधियाँ बढ़ने में इन राज्यों की स्थिति जिम्मेदार है, ऐसा दिखाई दे रहा है| कुछ हप्ते पहले जम्मू एवं श्रीनगर के बीच, दूरी कम करनेवाले एक सुरंग का लोकार्पण किया गया था| इस प्रकार की विकास परियोजनाओं की वजह से जम्मू-कश्मीर की अलगाववादी शक्ति एकाकी पड़ गयी है, ऐसा दिखाई दे रहा है| उसी समय, भारतीय सेना में शामिल होने के लिए राज्य के युवकों से जो प्रतिसाद मिला है, वहं प्रशंसनीय था| इस वजह से, चिंता में डूबे अलगाववादी नेता प्रदर्शन और पथराव जैसी बातों के लिए अपनी पूरी ताकत दाँव पर लगा रहे हैं| उन्हें पाकिस्तान की ओर से सभी प्रकार की सहायता दी जा रही है| दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों की गतिविधियाँ बढ़ने के पीछे भी यही बात है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

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