आतंकवाद की निर्यात का सभी देशों को ख़तरा : भारतीय प्रधानमंत्री की चेतावनी

विंतियान, दि. ८ (पीटीआय)- ‘जी-२०’ सम्मेलन में, पाकिस्तान द्वारा निर्यात किये जानेवाले आतंकवाद का मुद्दा उपस्थित करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, ‘लाओस’ में ‘असियान-इंडिया’ सम्मेलन में भी पाकिस्तान को निशाना बनाया| ‘आतंकवाद की निर्यात’, ‘बढता कट्टरवाद’ और ‘विद्वेषी तथा हिंसक विचारधारा का प्रसार’ इससे सभी देशों को समान रूप में ख़तरा है, ऐसा प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में कहा| साथ ही, इसके खिलाफ़ भारत और असियान के सदस्य देशों ने नीति संदर्भ में सहयोग करने की ज़रूरत है, ऐसे प्रधानमंत्री ने कहा|

आतंकवाद की निर्यातचीन में संपन्न हुई ‘जी-२०’ सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने, दक्षिण एशिया का एक देश आतंकवाद की निर्यात कर रहा है, ऐसा आरोप लगाया था| राजनीतिक संकेतों का पालन करते हुए उन्होंने हालाँकि पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था, लेकिन ‘आतंकवाद का निर्यात करनेवाला देश’ मतलब ‘पाकिस्तान’ ही है, इसके बारे में किसी के भी मन में संदेह नहीं है, यह स्पष्ट हुआ था| इसके बाद लाओस में आयोजित किए गये १४ वे ‘असियान-इंडिया’ सम्मेलन को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की आतंकवादपरस्त नीति की जमकर आलोचना की|

‘आतंकवाद की निर्यात’  ‘बढ़ता कट्टरवाद’ और ‘विद्वेषी तथा हिंसक विचारधारा का प्रसार’ यह एक ही समय स्थानीय और आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की गंभीर चुनौती है| इससे सभी देशो को ख़तरा है’, ऐसा कहते हुए प्रधानमंत्री ने, इसके खिलाफ़ एकता की ज़रूरत है, यह स्पष्ट किया|

भारत और असियान के सदस्य देश इस ख़तरे के खिलाफ़ नीति-अधिष्ठित सहयोग विकसित कर रहे हैं, यह भी प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया| साथ ही, भारत की ‘ऍक्ट ईस्ट’ नीति में असियान केंद्रस्थान पर है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा|

इस दौरान, अमरीका और असियान के कुछ सदस्य देशों ने ‘साऊथ चायना सी’ में चल रही चीन की दादागिरी के खिलाफ़ ठोस भूमिका अपनायी है| इस समस्या पर बात करते समय प्रधानमंत्री ने भारत की भूमिका को उचित शब्दों में पेश किया| ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र के जलयातायात मार्ग यानी आंतर्राष्ट्रीय व्यापार की धमनियाँ हैं, यह कहते हुए प्रधानमंत्री ने, इस क्षेत्र में शांति और सुव्यवस्था क़ायम रहेगी, ऐसी उम्मीद व्यक्त की| साथ ही, इस क्षेत्र में धमकियाँ और ताकत का इस्तेमाल किया गया, तो यहाँ की समस्या और भी जटील होगी| इससे इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता खतरे में आयेंगी, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा|

भारत ने अपने, बांगलादेश के साथ के सीमा विवाद का, चर्चा के माध्यम से हल निकाला, यह उदाहरण देते हुए, ‘साऊथ चायना सी’ की समस्या पर भी चर्चा के माध्यम से हल निकाला जा सकता है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा|

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