लद्दाख की एलएसी पर भारत-चीन के बीच चर्चा का दसवां सत्र शुरू

नई दिल्ली –   लद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों के बीच चर्चा का दसवां सत्र शुरू हुआ है। पँगॉंग सरोवर क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी ओर के भागों से दोनों देशों की सेना वापसी की प्रक्रिया पूरी हुई है। लेकिन अभी भी हॉट स्पिंग्ज्, गोग्रा और डेप्सांग इस पूर्वी लद्दाख की एलएसी पर दोनों देशों के सैनिक तैनात हैं। यहाँ से वापसी पर दोनों देशों के लष्करी अधिकारी चर्चा कर रहे हैं। इसी बीच, हालांकि लद्दाख की एलएसी पर परिस्थिति सामान्य बनती जा रही है, फिर भी सिक्किम में चीन से सटे सीमा क्षेत्र में भारतीय वायुसेना ने अपाचे हेलिकॉप्टर्स तैनात किए होने की खबरें आईं हैं।

शनिवार को लद्दाख की एलएसी पर स्थित माल्दो में भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों के बीच चर्चा शुरू हुई। इस चर्चा का पूरा विवरण अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है। लेकिन हॉट स्पिंग्ज्, गोग्रा और डेप्सांग से भी दोनों देशों की सेना वापसी का मुद्दा इस चर्चा में अग्रस्थान पर होने के दावे किए जाते हैं। इस स्थान से दोनों देशों के सैनिक वापस जाने के बाद ही यह निश्चित रूप से बताया जा सकता है कि लद्दाख की एलएसी पर तनाव मिट चुका है, ऐसा सामरिक विश्लेषकों का कहना है। उसी समय चीन एलएसी पर नए सिरे से घुसपैठ करके भारत का विश्वासघात करने की संभावना सामरिक विश्लेषकों द्वारा नकारी नहीं जा रही है।

चीन ने भी लद्दाख से सेना वापसी करते समय, गलवान के संघर्ष का वीडियो जारी किया है। इस संघर्ष में अपने पाँच अधिकारी और जवान मारे गये, इस बात को मान्य करके चीन ने यह वीडियो जारी किया। उसके बाद चीन के सोशल मीडिया पर भारत के विरोध में जोरदार आलोचना शुरू हुई है। चीन का सोशल मीडिया होनेवाले ‘वायबो’ पर भारत के विरोध में नफरत भरे विद्वेषी संदेश आ रहे हैं, ऐसी जानकारी सामने आई है। इससे यही स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि हालांकि वर्तमान स्थिति में चीन के लष्कर ने लद्दाख की एलएसी से वापसी की तैयारी की है, फिर भी चीन की भारत विषयक नीति बदली नहीं है।

गलवान वैली में हुए संघर्ष के बारे में झूठी जानकारी देकर, भारतीय माध्यम चिनी लष्कर का अवमान कर रहे होने का आरोप ‘पिपल्स डेली’ इस चिनी लष्कर के अखबार ने किया है। गलवान के संघर्ष में चीन के ४५ अथवा उससे भी अधिक जवान मारे गए होने के दावे भारतीय माध्यमों में प्रकाशित हुए थे। आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को झूठी जानकारी देकर भारतीय माध्यम चीन के लष्कर की बदनामी कर रहे हैं, ऐसा आरोप इस अखबार ने किया। गलवान के संघर्ष में चीन ने गँवाये जवानों की संख्या भारत से अधिक होने की खबर चीन को बेचैन कर रही है, यह बात इससे सामने आई है। फिलहाल चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने अपने देश के लष्करी सामर्थ्य में वृद्धि करने की आक्रामक नीति अपनाई है। गलवान के संघर्ष के दौरान, चीन द्वारा अपने लष्करी सामर्थ्य के बारे में किये जानेवाले दावों का गुब्बारा फट गया है। इसी कारण चीन द्वारा ऐसी प्रतिक्रियाएँ दी जा रही हैं, ऐसा दिख रहा है।

इसी बीच, चीन लद्दाख की एलएसी से करनी पड़ी वापसी का बदला लेने के लिए, एलएसी के अन्य भागों में घुसपैठ कर सकता है, इसका पूरा एहसास भारतीय रक्षा बलों को है। इसी कारण सिक्कीम की एलएसी पर भारतीय वायुसेना ने अपाचे हेलिकॉप्टर्स तैनात करने की खबर है।

अमरीका से खरीदें अपाचे, ये अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर्स होकर, एलएसी पर हुई उनकी तैनाती यानी चीन को दी कड़ी चेतावनी दिख रही है। उसी समय, भारतीय लष्कर की ‘के९ वज्र’ तोपें भी एलएसी पर तैनात की गईं हैं। ‘लार्सन अँड टुब्रो’ कंपनी ने बनाईं इन तोपों का रूपांतरण टैंक्स में करने की योजना होने के दावे किए जाते हैं।

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