भारत-चीन सीमा पर तनाव क़ायम

नई दिल्ली – वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों से हुई चर्चा में, गलवान वैली तथा इस क्षेत्र से सेनावापसी करने की तैयारी दर्शानेवाले चीन ने, इस क्षेत्र से सटे अपने सीमाभाग में और दस हज़ार सैनिक तैनात किये हैं। भारत ने भी उसी अनुपात में सेनातैनाती करके चीन को चेतावनी दी है। उसी समय, दिस गलवान वैली में भारत और चीन के सैनिकों का संघर्ष हुआ, उस क्षेत्र से भारतीय लड़ाक़ू विमानों ने उड़ानें भरीं हैं। इन हालातों को मद्देनज़र रखते हुए, चीन के साथ का तनाव इतने जल्दी ख़त्म होने की संभावना नहीं है, यह भारत के सामरिक विश्लेषकों ने दर्ज़ किया निष्कर्ष सच होता दिख रहा है।India china border

दोनों देशों के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों में सोमवार को हुई प्रदीर्घ चर्चा के बाद, चीन ने तनाव कम करने के लिए सेनावापसी करने की शर्त मान ली होने की ख़बरें आयीं थीं। लेकिन अब चीन ने, इस क्षेत्र से सटे अपने सीमाभाग में दस हज़ार सैनिकों की तैनाती की होने का समाचार है। इससे यही स्पष्ट होता है कि चीन ने भारत पर दबाव बढ़ाने की कोशिशें अभी भी बंद नहीं कीं हैं। चीन की इस तैनाती को प्रत्युत्तर देनेवाली सेनातैनाती भारतीय लष्कर ने की है। उसी समय, इस क्षेत्र में भारत के लड़ाक़ू विमानों ने उड़ानें भरीं हैं। चीन अपने सीमाभाग में लड़ाक़ू विमानों की गतिविधियाँ करके भारत को ये चेतावनियाँ देता रहता है कि इस संघर्ष का रूपांतरण युद्ध में हो सकता है। उसका जवाब वायुसेना ने दिया हुआ दिख रहा है।

गलवान वैली के संघर्ष में चीन को भारत के दुगुनी संख्या में जवान गँवाने पड़े, यह बात चीन को चुभ रही है। गलवान वैली में भारतीय सैनिकों पर आकस्मिक हमला करके, उसके बाद ही यहाँ से वापसी करने की तैयारी चीन ने की थी। लेकिन भारतीय सैनिकों ने यह साज़िश चीन पर ही बूमरँग कर दी। इस कारण पहली बार ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अपनी जनता की आलोचना सहनी पड़ रही है। इसी कारण, सेनावापसी करने से पहले अपनी प्रतिष्ठा बरक़रार रखने के लिए चीन का लष्कर फिर एक बार कोशिश करने की संभावना नकारी नहीं जा सकती। इसीलिए भारतीय सेना चीन की सीमा से सटे सीमाभाग में अत्यधिक सावधानता बरत रही है।

इसी बीच, लष्करी अधिकारियों की चर्चा के बाद भारत और चीन में राजनीतिक अधिकारी चर्चा करनेवाले होने की ख़बर है। लेकिन इस चर्चा से पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने, यह सीमाविवाद बिघड़ने के लिए भारतीय लष्कर ही ज़िम्मेदार होने के आरोप किये हैं। साथ ही, भारतीय माध्यम झूठमूट की ख़बरें फ़ैला रहे होने का आरोप भी चीन के प्रवक्ता ने किया है।

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