लद्दाख की एलएसी से चीन ने पूरी तरह वापसी किए बगैर तनाव कम नहीं होगा – भारत के विदेश मंत्रालय की चेतावनी

नई दिल्ली – लद्दाख की एलएसी से चीन ने पूरी तरह से वापसी किए बगैर यहाँ का तनाव कम नहीं होगा, ऐसा भारत में फिर एक बार डटकर कहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी कि भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की फोन पर हुई चर्चा में भी यही बात स्पष्ट की गई थी। लद्दाख की एलएसी के पँगॉंग सरोवर क्षेत्र की उत्तरी और दक्षिणी ओर से हालांकि चीन ने वापसी की है, फिर भी डेप्सांग तथा अन्य कुछ भागों में अभी भी चीन के जवान तैनात हैं। उस पृष्ठभूमि पर, भारत ने इस बात को लेकर दी हुई चेतावनी बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होती है। इसी बीच, भारत की एलएसी पर चीन की आक्रामकता के कारण विवाद निर्माण हुआ, यह बात अमरीका के रक्षा विभाग के उपमंत्री ने मान्य की है।

पँगॉंग सरोवर क्षेत्र से चीन ने वापसी की और यहाँ से अपना लष्कर पीछे हटने के बाद एलएसी पर का तनाव कम हुआ, ऐसे संकेत देने की कोशिश चीन ने की है। भारत, चीन, रशिया, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका इन देशों के ‘ब्रिक्स’ संगठन की अगली बैठक भारत में आयोजित करने की बात को चीन ने समर्थन दिया है। उसी समय, चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इस बैठक के लिए भारत आ सकते हैं, ऐसी चर्चा भी शुरू हुई है। इसके द्वारा चीन लद्दाख की एलएसी पर शांति और सौहार्द स्थापित होने का चित्र खड़ा कर रहा है। लेकिन दरअसल डेप्सांग, हॉट स्प्रिंग्ज् और गोग्रा इन भागों से चीन के लष्कर ने अभी भी वापसी नहीं की है। इस कारण, एलएसी पर का तनाव अभी भी कम नहीं हुआ है, इसपर भारत ने गौर फरमाया।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वँग ई के बीच, पिछले हफ्ते हॉटलाइन से चर्चा संपन्न हुई थी। इस चर्चा में चीन से यह उम्मीद जताई गई थी कि सीमा विवाद का दोनों देशों के अन्य संबंधों पर असर ना हो। वहीं, दोनों देशों के संबंध अच्छे रहने के लिए सीमा पर सौहार्द कायम होना आवश्यक है, इसका एहसास भारत के विदेश मंत्री ने इस चर्चा में करा दिया था। साथ ही, सीमा पर तनाव कम होकर सौहार्द स्थापित करने के लिए, लद्दाख की एलएसी से सेना वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की ज़रूरत है, यह भी विदेश मंत्री जयशंकर ने इस चर्चा में डटकर कहा था।

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस चर्चा की याद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने करा दी है। चीन के लष्कर ने लद्दाख की एलएसी से पूरी तरह वापसी किए बगैर हालात सुधरना संभव नहीं हैं, इस बात का यकीन श्रीवास्तव ने दिलाया। इसी बीच, अमरीका के रक्षा मंत्रालय के नीति विषयक विभाग के उपमंत्री कॉलिन कहल ने, चीन के आक्रामक बनने पर दोषारोपण किया है। इसी कारण भारत की एलएसी पर समस्या निर्माण हुई, यह अमरीका के उपमंत्री ने स्पष्ट किया। ऐसी स्थिति में, अमरीका अपने सहयोगी देश के पीछे खड़ी रहेगी, इस बात का यकीन उपमंत्री कहल ने दिलाया। साथ ही, दोनों देशों के बीच तनाव कम हो इसके लिए अमरीका कोशिश करेगी, यह कहल ने स्पष्ट किया।

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