अमरीका और ईरान के बीच तनाव बढ़ा – तनाव के कारण ईंधन तथा सोने के दामों में वृद्धि

तेहरान/वॉशिंग्टन – पर्शियन ख़ाड़ी से प्रवास करनेवाले अमरीका के युद्धपोतों को ईरान से किसी भी प्रकार की तक़लीफ़ हुई, तो ईरान की सब गश्तीनौकाओं को जलाकर राख कर दो, ऐसें ठेंठ आदेश राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरिकी नौसेना को दिए। इससे खुल उठे ईरान ने अमरीका के युद्धपोतों को जलसमाधि देने की धमकी दी है। इसी दौरान, अमरीका और ईरान के बीच के इस तनाव के बाद आंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन के दामों में वृद्धि दर्ज़ की गयी होकर, सोने के दाम भी बढ़े हैं।

‘इसके बाद अमरीका ईरान की ग़ैरज़िम्मेदाराना हरक़तों को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेगी। तोपों से लैस होनेवालीं ईरान की गश्तीनौकाओं के कारण यदि आंतर्राष्ट्रीय सागरी सीमा में से प्रवास करनेवाले अमरीका के जहाज़ या नौसैनिकों को ख़तरा पैदा हुआ, तो ईरान की इन गश्तीनौकाओं का अस्तित्व ही नहीं रहने देंगे’, ऐसी घोषणा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने बुधवार की पत्रकार परिषद में की। पिछले हफ़्ते ईरान की ११ गश्तीनौकाओं ने अमरिकी जहाज़ के नज़दीक से ख़तरनाक प्रवास किया था। उसपर अमरीका से यह प्रतिक्रिया आयी।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने नौसेना को दिये ये आदेश यानी ईरान के लिए सुस्पष्ट चेतावनी होने की जानकारी पेंटॅगॉन ने दी। आमरीका के युद्धपोत इससे पहले से पर्शियन ख़ाड़ी में तैनात होकर, अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए लष्करी कार्रवाई करने की अमरिकी नौसेना को अनुमति है। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के आदेश के बाद अमरिकी नौदल अधिक सक्रिय हुआ, ऐसा पेंटॅगॉन ने कहा है।

पर्शियन खाड़ी में अमरीका के १५ युद्धपोत तैनात हैं। इनमें ‘युएसएस ड्वाईट आयसेनहॉवर’ इस विमानवाहक युद्धपोत के साथ ‘युएसएस बॅटन’ इस अॅम्फिबियस युद्धपोत का समावेश है। वहीं, पर्शियन ख़ाड़ी के समुद्री क्षेत्र में अमरीका को चुनौती देनेवाले ईरान की नौसेना में छोटे-बड़े ऐसे कम से कम १८ हज़ार जहाज़ हैं। इनमें शॉर्ट रेंज के क्षेपणास्त्रों से लैस होनेवालीं २५ से अधिक नौकाएँ और मशिनगन्स से लैस होनेवालीं ६०० से अधिक गश्तीनौकाओं का समावेश है।

ईरान की इन तेज़ युद्धनौकाओं द्वारा अमरीका तथा अन्य मित्रदेशों के जहाज़ों का पीछा और अपहरण किया होने कीं घटनाएँ इससे पहले घटित हुईं हैं। दुनियाभर के ३३ प्रतिशत ईंधन की यातायात इस सागरी क्षेत्र से की जाती है। ऐसी परिस्थिति में, ईरान की आक्रमक हरक़तों के कारण पर्शियन ख़ाड़ी में तनाव निर्माण होकर ईंधन के दाम कुछ समय के लिए बढ़े थे। अब भी अमरीका और ईरान के बीच के तनाव के बाद आंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में ईंधन के दामों में बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। साथ ही, इससे सोने के दाम भी बढ़े हैं।

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