भारत-चीन सीमा पर तनाव को टाला जा सकता था – भारतीय विदेश मंत्रालय का दावा

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – सिक्किम की सीमा में घुसपैठ करनेवाले चिनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने रोकने के बाद वहाँ पर जोरदार टकराव हुआ था। उस समय भारतीय सेना के लेफ्टनंट ने चीन के मेजर को मुक्का लगाकर ज़मीन पर गिराया था। इससे संबंधित ख़बरें प्रकाशित होने पर चीन ने, यह मामला और ना बिगड़े इसके लिए एहतियात बरतकर, काफ़ी सावधानी के साथ प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। सीमा पर मेल-जोल और सौहार्द बरकरार रखनेपर उनका जोर रहा हैं, यह बयान चीन के विदेश मंत्रालय ने किया था। इस पर गुरूवार के दिन इस घटना के उपर बयान देते वक्त भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये संकेत दिये कि सीमा पर बना यह तनाव टालना मुमकिन था। 

सन २०१८ और २०१९ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के बीच हुई चर्चा में दोनों देशों की सीमा पर तनाव कम करने पर जोर देने के लिए सहमति बनी थी। सीमा पर मिलाप और सौहार्द बरकरार रखने की बात दोनों नेताओं ने स्वीकार की थी। इसके अनुसार दोनों देशों की सेना के बीच विवाद का हल निकालने के लिए आवश्‍यक कार्यप्रणालि पर यह बातचीत हुई थी। भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरूवार के दिन जारी किए निवेदन में इसकी याद दिलाई हैं। साथ ही भारत और चीन की सीमा शांत है और वहाँ पर तनाव नहीं हैं, यह दावा भी भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया हैं। यह निवेदन करने के साथ ही दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुआ टकराव टालना भी मुमकिन था, ऐसा भी भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है। 

चीन के सैनिकों ने यदि यह घुसपैठ नहीं की होती, तो यह स्थिति ही ना बनतीं, यह बात भारतीय विदेश मंत्रालय राजनयिक परिभाषा में रख रहा है। इसी बीच, भारतीय सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने यह कहा है कि चीन की सीमा पर इस तरह के संघर्ष होना कुछ नई बात नहीं हैं। दोनों देशों के बीच ‘एलएसी’ यानी ‘लाईन ऑफ ॲक्च्युअल कंट्रोल’ को लेकर दोनों देशों के दृष्टिकोण अलग हैं। इस वजह से, वहाँ पर गश्‍त करते समय दोनों देशों के सैनिक आमनेसामने आने की कुछ घटनाएँ होती हैं, यह भी जनरल नरवणे ने कहा। साथ ही, हमने चीन से जुड़ी सीमा का सर्वेक्षण करके वहाँ की सुरक्षा का ज़ायज़ा लिया है, यह भी सेनाप्रमुख ने कहा है। वहाँ पर तैनात भारतीय सैनिकों का मनोबल काफ़ी उच्च है, यह कहकर सेनाप्रमुख जनरल नरवणे ने, देश की सीमा सुरक्षित होने की बात भी स्पष्ट की। इसी बीच भारतीय सेना पाकिस्तान एवं चीन की सीमा पर ‘आयबीजी’ यानी ‘इंटिग्रेटेड बैटल ग्रुप’ की तैनाती करेगी, यह ऐलान जनरल नरवणे ने किया था। इस तैनाती की तैयारी पूरी हुई हैं। लेकिन, कोरोना वायरस के कारण इस तैनाती के लिए देरी हुई हैं, यह जानकारी सेनाप्रमुख ने माध्यमों से की हुई बातचीत के दौरान साझा की थी। सिक्किम की सीमा पर चिनी सैनिकों ने की हुई घुसपैठ के बाद जनरल नरवणे ने किया यह बयान चीन के लिए उचित संदेश होने की चर्चा शुरू हुई थी।

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