भारत और चीन के विदेशमंत्री ने की फोन पर बातचीत

नई दिल्ली – भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर और चीन के विदेशमंत्री वँग ई के बीच फोन पर बातचीत होने की ख़बर प्राप्त हुई हैं। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रालय ने निवेदन भी जारी किये हैं। ‘वरिष्ठ लष्करी अफ़सरों की हुई बातचीत के दौरान चीन ने अपनी सेना पीछे हटाने की बात स्वीकार की थी। लेकिन, सेना को पीछे लेने के बजाय चिनी जवानों ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया’ ऐसें सीधे शब्दों में भारत के विदेश मंत्रालय ने, चीन पर दगाबाज़ी करने का आरोप किया। वहीं, भारतीय सैनिकों ने अपनी सीमा में दो बार घुसपैठ करने का दावा चीन के विदेश मंत्रालय ने किया है।India China foreign ministers

चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर किया हमला पूर्व नियोजित था, यह बात भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने निवेदन में दर्ज़ की है। अलग शब्दों में, भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन पर दगाबाज़ी करने का आरोप किया हैं और इससे दोनों देशों के संबंधों पर विपरित असर हुआ होने का एहसास भी कराया है। राजनीतिक स्तर पर इसका असर दिखाई भी देने लगा है। भारत, रशिया और चीन के विदेशमंत्रियों की बैठक २३ जून के दिन होनी थी। यह त्रिपक्षीय व्हर्च्युअल चर्चा अब अनिश्‍चित समय के लिए स्थगित की गई है।

रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लाव्हरोव्ह ने, यह चर्चा स्थगित की होने का ऐलान करके द्विपक्षीय संबंधों का प्रभाव इस त्रिपक्षिय चर्चा पर हुए बिना नहीं रहेगा, ऐसा कहा। साथ ही, यह चर्चा फिलहाल स्थगित करने के निर्णय का उन्होंने समर्थन भी किया है। इसी बीच, चीन के विदेश मंत्रालय ने, सीमा विवाद का हल बातचीत के ज़रिये निकालने की बात स्वीकार करके सीमा पर बना तनाव कम करने की आवश्‍यकता भी स्वीकार की है। लेकिन, गलवान वैली में हुए संघर्ष के लिए चीन ने भारतीय सैनिकों को ही ज़िम्मेदार ठहराया है। इसके ज़रिये चीन यही दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत दे रहें चेतावनियों की उसे परवाह नही हैं। इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि चीन के बर्ताव में इतने जल्द सुधार होने की संभावना नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय ने जारी किया निवेदन यही संकेत दे रहा है।

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